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ऊना में जर्जर इमारतें दे रही हादसों को न्यौता, नगर परिषद की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल

शहर के बाशिंदे खौफ के साए में जीने को मजबूर है. खंडहर हो चुकी भवनों की छतों पर पेड़ पौधे उग आए हैं. दीवारें गिरने की कगार पर है. 50 से 100 वर्षों से ज्यादा पुराने भवन किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं, लेकिन प्रशासन और नगर परिषद इन जर्जर भवनों को लेकर कोइ सुध नहीं ले रहा है.

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Published : Jun 13, 2019, 10:51 AM IST

Updated : Jun 13, 2019, 1:09 PM IST

ऊनाः नगर परिषद ऊना के कई वार्डों में दर्जनों भवन जर्जर हो चूके है. इन भवनों की हालत ऐसी है कि यह कभी भी गिर सकते हैं. भूकंप के हल्का सा झटका तेज तूफान या मूसलाधार बारिश के कारण ये भवन कभी भी गिर सकते हैं. जिससे हर समय यहां हादसे का अंदेशा बना हुआ है.

इसी कारण शहर के बाशिंदे खौफ के साए में जीने को मजबूर है. खंडहर हो चुकी भवनों की छतों पर पेड़ पौधे उग आए हैं. दीवारें गिरने की कगार पर है. 50 से 100 वर्षों से ज्यादा पुराने भवन किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं, लेकिन प्रशासन और नगर परिषद इन जर्जर भवनों को लेकर कोइ सुध नहीं ले रहा है.

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कई वर्षों से खाली चल रहे भवनों की हालात दयनीय हो गई है. लंबे समय से इन भवनों में कोई नहीं रह रहा है. ऊना शहर के वार्ड 2, 5 ,6, 8 और 11 में सबसे ज्यादा असुरक्षित भवन है, जो रिहायशी मकानों के लिए खतरा बने हुए हैं.

स्थानीय लोगों ने प्रशासन और नगर परिषद से इन भवनों को गिराने की गुहार लगाई है ताकि अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें. वहीं, एसडीएम ऊना सुरेश जसवाल ने कहा कि इस मामले में नगर परिषद को उचित दिशा निर्देश दिए जाएंगे और नगर परिषद के माध्यम से ही भवन मालिकों को नोटिस भी जारी किए जाएंगे.

ऊनाः नगर परिषद ऊना के कई वार्डों में दर्जनों भवन जर्जर हो चूके है. इन भवनों की हालत ऐसी है कि यह कभी भी गिर सकते हैं. भूकंप के हल्का सा झटका तेज तूफान या मूसलाधार बारिश के कारण ये भवन कभी भी गिर सकते हैं. जिससे हर समय यहां हादसे का अंदेशा बना हुआ है.

इसी कारण शहर के बाशिंदे खौफ के साए में जीने को मजबूर है. खंडहर हो चुकी भवनों की छतों पर पेड़ पौधे उग आए हैं. दीवारें गिरने की कगार पर है. 50 से 100 वर्षों से ज्यादा पुराने भवन किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं, लेकिन प्रशासन और नगर परिषद इन जर्जर भवनों को लेकर कोइ सुध नहीं ले रहा है.

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कई वर्षों से खाली चल रहे भवनों की हालात दयनीय हो गई है. लंबे समय से इन भवनों में कोई नहीं रह रहा है. ऊना शहर के वार्ड 2, 5 ,6, 8 और 11 में सबसे ज्यादा असुरक्षित भवन है, जो रिहायशी मकानों के लिए खतरा बने हुए हैं.

स्थानीय लोगों ने प्रशासन और नगर परिषद से इन भवनों को गिराने की गुहार लगाई है ताकि अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें. वहीं, एसडीएम ऊना सुरेश जसवाल ने कहा कि इस मामले में नगर परिषद को उचित दिशा निर्देश दिए जाएंगे और नगर परिषद के माध्यम से ही भवन मालिकों को नोटिस भी जारी किए जाएंगे.

Intro:ऊना में जर्जर इमारतें दे रही हादसों को न्यौता, इमारतों से ख़ौफ़ज़दा है ऊना के वाशिंदे, स्थानीय लोगों ने उठाई समस्या से निजात दिलाने की गुहार, एसडीएम ऊना ने नगर परिषद से मामला उठाने का किया दावा।


Body:नगर परिषद ऊना के कई वार्डों में दर्जनों भवन जर्जर हो चूके है। इन भवनों की हालत ऐसी है कि यह कभी भी गिर सकते हैं। भूकंप के हल्का सा झटका तेज तूफान या मूसलाधार बारिश के कारण ये भवन कभी भी गिर सकते हैं। जिससे हर समय हादसे का अंदेशा बना हुआ है । इसी कारण शहर के बाशिंदे खौफ के साए में जीने को मजबूर है। खंडहर हो चुकी भवनों की छतों पर पेड़ पौधे उग आए हैं। दीवारें गिरने की कगार पर है। 50 से 100 वर्षों से ज्यादा पुराने भवन किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। लेकिन प्रशासन और नगर परिषद इन जर्जर भवनों को लेकर किसी ने भी सुध नही ली। कई वर्षों से खाली चल रहे भवनों की हालात दयनीय हो गई है। लंबे समय से इन भवनों में कोई नहीं रह रहा। ऊना शहर के वार्ड 2, 5 ,6, 8 और 11 में सबसे ज्यादा असुरक्षित भवन है । जो रिहायशी मकानों के लिए खतरा बने हुए हैं।

बाइट-- रजनी ( स्थानीय निवासी)
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स्थानीय लोगों ने प्रशासन और नगर परिषद से इन भवनों को गिराने की गुहार लगाई है ताकि अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें।

बाइट-- संजय कोहली ( स्थानीय निवासी)
DISMENTAL WALL-2
बाइट-- राजेश ( स्थानीय निवासी)
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Conclusion:बाइट-- सुरेश जसवाल (एसडीएम, ऊना)
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वहीं एसडीएम ऊना सुरेश जसवाल ने कहा कि इस मामले में है नगर परिषद को उचित दिशा निर्देश दिए जाएंगे और नगर परिषद के माध्यम से ही भवन मालिकों को नोटिस भी जारी किए जाएंगे।
Last Updated : Jun 13, 2019, 1:09 PM IST
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