ऊना: बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार अनेकों योजनाओं का संचालन कर रही हैं. पशु पालन विभाग की योजनाएं भी ऐसी युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा होकर आगे बढ़ने में मदद कर रही है.
शेड निर्माण के लिए 1.5 लाख की आर्थिक सहायता
हिम कुक्कुट योजना का लाभ लेकर बंगाणा उपमंडल के तहत आने वाले अरलू गांव निवासी अजय कुमार आत्मनिर्भर बन गए हैं. वर्ष 2019 में उन्होंने हिम कुक्कुट योजना के तहत 5000 चूजों से मुर्गी पालन का व्यवसाय शुरू किया था. विभाग से उन्हें 60 प्रतिशत सब्सिडी मिली तथा शेड निर्माण के लिए 1.5 लाख की आर्थिक सहायता अलग से मिली.
पशुपालन विभाग ने की मदद
मुर्गियों के पहले दो हैच से उन्हें 50 हजार रुपए प्रति माह की आमदनी हुई है. अजय कुमार ने कहा कि 5000 चूजों से उन्होंने अपना व्यवसाय शुरू किया है और आज मेरे फार्म पर 12,000 चूजे हैं. उनके लिए यह काम काफी लाभकारी सिद्ध हो रहा है. पशु पालन विभाग ने चूजों के विकास और उनमें कोई बीमारी न फैले, इसके लिए भरपूर मदद की है.
हिम कुक्कुट योजना से हो रहा मुनाफा
अजय कुमार अब अपने काम को कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की तरफ ले गए हैं. दोनों कंपनियां उन्हें चूजे व फीड उपलब्ध करवाती हैं और 30-35 दिन बाद जब वो बड़े हो जाते हैं तो उनकी खरीद 7 रुपये की दर से की जाती है. जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है.
विभाग की ओर से 2 लाख रुपये की सहायता
पशु पालन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी सतिंदर ठाकुर ने बताया कि विभाग ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से विकास खंड बंगाणा में कॉपरेटिव पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है. यदि दो या दो से ज्यादा किसान मिलकर पोल्ट्री फार्मिंग करना चाहते हैं, तो उन्हें दो लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाती है.
लगभग 30 यूनिट स्थापित करने का लक्ष्य
डॉ. सतिंदर ठाकुर ने कहा कि बंगाणा उपमंडल के तहत इस प्रकार के लगभग 30 यूनिट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें लगभग 100 लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा. दो लाख रुपये के निवेश में लगभग तीन हजार की क्षमता वाला फार्म तैयार हो जाता है.
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