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गरीब परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़, ना खाने के लिए अन्न ना रहने के लिए मकान

ऊना की भोली देवी के पति की मौत अभी तीन साल पहले हुई थी. परिवार कच्चे मकान में जैसे-तैसे गुजारा कर रहा था, लेकिन इस बरसात ने गरीब परिवार के सिर से छत भी छीन ली. अब परिवार सराकर की आवास योजना के सहारे है.

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Published : Sep 10, 2019, 2:40 PM IST

ऊना: प्रदेश सरकार हर गरीब को पक्का घर मुहैया करवाने के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जिला ऊना में आज भी कई ऐसे परिवार हैं जिनके पास सिर ढकने के लिए पक्की छत नहीं है. कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों गांव कोटला खुर्द की एक महिला भोली देवी का है.

भोली देवी नाम की एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ कच्चे मकान में रहती थी, लेकिन बरसात के मौसम ने भोली देवी से उसकी छत भी छिन ली. तीन साल पहले ही भोली देवी के पति की मौत हुई थी. परिवार जैसे-तैसे गुजारा कर रहा था, लेकिन कुदरत के कहर ने एक बार फिर गरीब परिवार को उसी मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है.

अब सवाल ये है कि रोटी कमाने की जद्दोजहद कर रहे गरीब परिवार को छत कैसे नसीब होगी. भोली देवी मनरेगा में दिहाड़ी कर बड़ी मुश्किल से अपने बच्चों का पेट पाल रही थी. वैसे तो परिवार बीपीएल श्रेणी में आता है, लेकिन अभी तक न तो केंद्र और न ही प्रदेश सरकार के आवास योजना का लाभ परिवार को मिल पाया है.

ETV भारत ने जब गांव की प्रधान ममता देवी से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि ब्लॉक विकास अधिकारी से गरीब परिवार की मदद के लिए सिफारिश की गई है. वहीं, ब्लॉक विकास अधिकारी यशपाल सिंह का कहना है कि पंचायत की सिफारिश के बाद गरीब परिवार की मदद के लिए फाइल सरकार की मंजूरी के लिए भेजी गई है.

अब देखना होगा की सरकारी तंत्र गुरबत की जिंदगी जी रहे परिवार की मदद के लिए कितना समय और लगाता है. किराए के एक छोटे से कमरे में समय काट रहा परिवार सरकार और जिला प्रशासन से पक्के मकान की आस लगाए हुए बैठा है ताकि फिर कोई प्राकृतिक आपदा उनसे उनकी छत न छिन सके.

ऊना: प्रदेश सरकार हर गरीब को पक्का घर मुहैया करवाने के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जिला ऊना में आज भी कई ऐसे परिवार हैं जिनके पास सिर ढकने के लिए पक्की छत नहीं है. कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों गांव कोटला खुर्द की एक महिला भोली देवी का है.

भोली देवी नाम की एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ कच्चे मकान में रहती थी, लेकिन बरसात के मौसम ने भोली देवी से उसकी छत भी छिन ली. तीन साल पहले ही भोली देवी के पति की मौत हुई थी. परिवार जैसे-तैसे गुजारा कर रहा था, लेकिन कुदरत के कहर ने एक बार फिर गरीब परिवार को उसी मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है.

अब सवाल ये है कि रोटी कमाने की जद्दोजहद कर रहे गरीब परिवार को छत कैसे नसीब होगी. भोली देवी मनरेगा में दिहाड़ी कर बड़ी मुश्किल से अपने बच्चों का पेट पाल रही थी. वैसे तो परिवार बीपीएल श्रेणी में आता है, लेकिन अभी तक न तो केंद्र और न ही प्रदेश सरकार के आवास योजना का लाभ परिवार को मिल पाया है.

ETV भारत ने जब गांव की प्रधान ममता देवी से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि ब्लॉक विकास अधिकारी से गरीब परिवार की मदद के लिए सिफारिश की गई है. वहीं, ब्लॉक विकास अधिकारी यशपाल सिंह का कहना है कि पंचायत की सिफारिश के बाद गरीब परिवार की मदद के लिए फाइल सरकार की मंजूरी के लिए भेजी गई है.

अब देखना होगा की सरकारी तंत्र गुरबत की जिंदगी जी रहे परिवार की मदद के लिए कितना समय और लगाता है. किराए के एक छोटे से कमरे में समय काट रहा परिवार सरकार और जिला प्रशासन से पक्के मकान की आस लगाए हुए बैठा है ताकि फिर कोई प्राकृतिक आपदा उनसे उनकी छत न छिन सके.

Intro:
स्लग -- खुर्द गांव की भोली देवी को सरकार से मदद की आस, बरसात ने छीन ली छत, गरीबी के कारण खुद घर बनाने में है लाचार, बीपीएल में शामिल होने पर भी नहीं मिला आवास योजना का लाभ, तीन बच्चो संग किराये के मकान में रहने को मजबूर भोली देवी, मनरेगा में मजदूरी कर चला रही घर का खर्च,Body:एंकर-- यूं तो प्रदेश की सरकार द्वारा हर गरीब को छत मुहैया करवाने के बड़े-बड़े दावे किये जाते रहे हैं। लेकिन जिला ऊना में आज भी कई परिवार ऐसे है जिनके पास सिर ढकने के लिए छत नहीं है बाबजूद इसके आज दिन तक उन्हें केंद्र या प्रदेश सरकारों की आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया। ऐसा ही एक परिवार ऊना जिला के गांव कोटला खुर्द में रह रहा है। गांव कोटला खुर्द की विधवा भोली देवी का कच्चा घर बरसात में पूरी तरह से टूट गया और अब वो अपने तीन बच्चों के साथ किराए के मकान में रहने को मजबूर है। मनरेगा में दिहाड़ी कर मुश्किल से घर खर्च चलाने वाली भोली देवी के लिए मकान का किराया निकालना ही मुश्किल है तो घर की मुरम्मत या नए घर का तो वो सपना भी नहीं देख सकती। बीपीएल सूची में शामिल होने के बाबजूद भी आज दिन तक इस परिवार को आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। ऐसे में भोली देवी को सिर्फ सरकार की आवास योजना से ही घर मिलने की आस है। फ़िलहाल बीडीओ ऊना द्वारा भोली देवी के मामले को प्राथमिकता से हल करने का दावा कर रहे है।

वी ओ 1-- कुछ माह पहले तक जिला ऊना के गांव कोटला खुर्द की भोली देवी मनरेगा में दिहाड़ी कर जैसे तैसे तंगहाली के बाबजूद भी कच्चे घर में ही सही अपने तीन बच्चों संग हंसी ख़ुशी रह रही थी। लेकिन बीती बरसात ने भोली देवी पर दुःखों एक ऐसा दुःखो का पहाड़ ढा दिया कि उसके सर से छत ही छीन ली। ससुराल से भोली देवी को सर ढकने के लिए एक कच्चा मकान नसीब हुआ था, वो भी भारी बरसात ने लील लिया। जिसके चलते अब भोली देवी अपने परिवार संग किराए के मकान में रहने के लिए मजबूर है। तीन वर्ष पहले भोली देवी के पति की मौत हो गई थी। जिसके बाद दो बेटियों और एक बेटे की जिम्मेदारी भी भोली देवी आ पड़ी। मनरेगा में मजदूरी करके भोली देवी अपने तीनों बच्चों का पालन पोषण कर रही है। भोली देवी की बड़ी बेटी स्नातक और छोटी बेटी बाहरवीं के बाद कम्प्यूटर कोर्स कर रही है। जबकि बेटा बाहरवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा है। ऐसे में भोली देवी केवल मनरेगा में मेहनत मजदूरी करके घर का किराया दे, बच्चो का पालन पोषण करे, घर का किराया दे या फिर टूटे घर की मुरम्मत के बारे में सोचे। स्थानीय पंचायत द्वारा भोली देवी को बीपीएल सूची में शामिल किया गया और सामाजिक सुरक्षा पेंशन भी लगवा दी गई। हालाँकि पंचायत द्वारा भोली देवी को आवास योजना के लिए प्रस्ताव बीडीओ ऊना को भेज दिया गया है लेकिन बाबजूद इसके आज दिन तक भोली देवी को केंद्र या प्रदेश सरकार की आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। भोली देवी ने सरकार से आवास योजना के तहत भवन निर्माण के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लगाई है।

बाइट -- भोली देवी ( पीड़िता)
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बाइट-- ग्रामीण
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वहीँ कोटला खुर्द के ग्रामीण भी मानते है कि भोली देवी जरूरतमंद है और सरकार को ऐसे लोगों की प्राथिमकता के आधार पर मदद करनी चाहिए। ग्रामीणों की माने तो बरसात में भोली देवी का कच्चा घर गिर गया था जिस कारण यह परिवार के साथ किराये के घर में रहने को मजबूर है।


बाइट-- ममता देवी (प्रधान, ग्राम पंचायत कोटला खुर्द)
POOR WIDOW 7

वहीं ग्राम पंचायत कोटलां खुर्द की प्रधान ममता देवी भी मानती है कि यह परिवार बहुत मुश्किल के दौर से गुजर रहा है और इस परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। पंचायत प्रधान की माने तो भोली देवी के परिवार को बीपीएल सूची में शामिल किया गया है और सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ दिया गया है। पंचायत प्रधान ने इस परिवार को आवास योजना का लाभ देने के लिए बीडीओ ऊना से सिफारिश का भी दावा किया है।


बाइट -- यशपाल सिंह (बीडीओ, ऊना)
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वहीं बीडीओ ऊना यशपाल सिंह ने बताया कि भोली देवी को भवन निर्माण योजना का लाभ देने के लिए अभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है और केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलते ही इस परिवार को प्राथमिकता के आधार पर आर्थिक मदद दी जाएगी।Conclusion:
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