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हिमाचल में फॉल आर्मी वर्म कीट के कारण 25 फीसदी मक्की की फसल तबाह, किसान परेशान - maize crop destroyed

हिमाचल में फॉल आर्मी वर्म कीट के कारण किसानों की 20 से 25 फीसदी मक्की की फसल बर्बाद हो गई है, जिससे किसानों में निराशा है. ऊना में फॉल आर्मी वर्म कीट के कारण करीब 27 करोड़ रुपये का नुकसान आंका जा चुका है. कृषि विभाग किसानों को बचाव के लिए कीड़े मारने की दवाएं वितरित कर रहा है.

maize crop
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Published : Aug 1, 2020, 2:43 PM IST

ऊना: कोरोना संकट में आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों की मक्की की फसल फॉल आर्मी वर्म नाम कीड़े के कारण करीब 25 फीसदी तक बर्बाद हो गई है, जिसकी वजह से किसानों को अपनी रोजी-रोटी की चिंता सताने लगी है. इसके लिए कृषि विभाग की ओर से एडवाइजरी के साथ-साथ अलर्ट जारी किया गया है. प्रदेश में बरसात कम होने की वजह से कीट भी ज्यादा एक्टिव हैं.

ऊना में फॉल आर्मी वर्म कीट के कारण लगभग 27 करोड़ रुपये का नुकसान आंका जा चुका है. कृषी विभाग किसानों को बचाव के लिए कीड़े मारने की दवाएं वितरित कर रहा है. साथ ही एक विशेष प्रकार का यंत्र पेस्ट कंट्रोल इंडिया बैंगलोर से मंगवाया गया है, जो निशुल्क किसानों को बांटकर खेतों में लगवाया जा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

इस यंत्र के निचले हिस्से में कीट फंसकर मर जाएगा. यह कीड़ा तितली मॉथ के रूप में पौधों के निचले पत्तों पर अंडे देता है. अंडों से निकली कीट पतंगे पौधों को अपना खाना बनाती हैं. इसके बाद वह पत्तों को खाकर उनमें समांतर चलने वाले लंबे-लंबे छेद बनाती है और बाद में पूरा पत्ता खा जाते हैं. प्रदेश में इस बार कम बारिश होने से इस कीड़े की वृद्धि हुई है. संभावना जताई जा रही है कि यह कीड़ा दक्षिण भारत से बीजों के माध्यम से उत्तर भारत में पहुंचा है.

ये भी पढ़ें: लगातार बारिश से बढ़ा यमुना नदी का जलस्तर

ऊना: कोरोना संकट में आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों की मक्की की फसल फॉल आर्मी वर्म नाम कीड़े के कारण करीब 25 फीसदी तक बर्बाद हो गई है, जिसकी वजह से किसानों को अपनी रोजी-रोटी की चिंता सताने लगी है. इसके लिए कृषि विभाग की ओर से एडवाइजरी के साथ-साथ अलर्ट जारी किया गया है. प्रदेश में बरसात कम होने की वजह से कीट भी ज्यादा एक्टिव हैं.

ऊना में फॉल आर्मी वर्म कीट के कारण लगभग 27 करोड़ रुपये का नुकसान आंका जा चुका है. कृषी विभाग किसानों को बचाव के लिए कीड़े मारने की दवाएं वितरित कर रहा है. साथ ही एक विशेष प्रकार का यंत्र पेस्ट कंट्रोल इंडिया बैंगलोर से मंगवाया गया है, जो निशुल्क किसानों को बांटकर खेतों में लगवाया जा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

इस यंत्र के निचले हिस्से में कीट फंसकर मर जाएगा. यह कीड़ा तितली मॉथ के रूप में पौधों के निचले पत्तों पर अंडे देता है. अंडों से निकली कीट पतंगे पौधों को अपना खाना बनाती हैं. इसके बाद वह पत्तों को खाकर उनमें समांतर चलने वाले लंबे-लंबे छेद बनाती है और बाद में पूरा पत्ता खा जाते हैं. प्रदेश में इस बार कम बारिश होने से इस कीड़े की वृद्धि हुई है. संभावना जताई जा रही है कि यह कीड़ा दक्षिण भारत से बीजों के माध्यम से उत्तर भारत में पहुंचा है.

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