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बद्दी में सोमवार को खाक हुई फैक्ट्री के मलबे में मिले 2 और कंकाल, DNA टेस्ट से होगी शिनाख्त

सोमवार को बद्दी स्थित एक पंखा उद्योग में लगी आग को दमकल विभाग ने बुझा दिया है, हालांकि आग अभी भी फैक्ट्री के कई हिस्सों में सुलग रही है. दमकल विभाग का कहना है कि अब आग के फैलने का कोई खतरा नहीं है. आपदा प्रबंधन की टीम को यहां मलबे में से दो कंकाल मिले हैं. इसके साथ ही इस अग्निकांड में मरने वालों की संख्या तीन हो गई है. ये कंकाल किसके हैं इसकी पहचान डीएनए टेस्ट के बाद ही हो पाएगी.

Fire in a Fan factory in Baddi
Fire in a Fan factory in Baddi
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Published : Dec 8, 2020, 8:45 PM IST

बद्दी: औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के काठा स्थित एक पंखा उद्योग में आग लगने के 48 घंटे बाद भी आग पूरी तरह से नहीं बुझ पाई है. हालांकि दमकल विभाग ने आग पर काबू पा लिया है, लेकिन आग पूरी तरह से नहीं बुझी है. उद्योग में कहीं-कहीं आग अभी भी सुलग रही है. दमकल विभाग का कहना है कि अब आग के फैलने का कोई खतरा नहीं है.

आग बुझने के बाद फॉरेंसिक टीम ने उद्योग का निरीक्षण किया. इस दौरान आपदा प्रबंधन की टीम को मलबे में से दो कंकाल मिले हैं. इसके साथ ही इस अग्निकांड में मरने वालों की संख्या तीन हो गई है.

मंगलवार को जो दो कंकाल मिले हैं वो पंखे के ब्लैड पैकिंग यार्ड में ही मिले हैं, जिसके साथ भट्टी का बोयलर था. इसी बोयलर में धमाका होने के बाद उद्योग की दीवार ढह गई थी. ब्लैड पेकिंग यार्ड में बदाऊं निवासी भानू, यूपी के बिजनौर निवासी सर्वेश शर्मा व यूपी के मुज्जफर नगर निवासी कोमल काम कर रही थीं.

वीडियो.

आपदा प्रबंधन की टीम ने पहले इस यार्ड में पानी डाल कर ठंडा किया और उसके बाद इस यार्ड की बाहर की ओर से दीवार तोड़ कर अंदर गए. जहां पर मलबे के नीचे यह दोनों शव मिले. इससे पहले भानू का शव सोमवार को मिल चुका था. शव पुरी तरह से पिघल कर एक पॉलिथीन की तरह हो गए थे. अब यह पता नहीं चल रहा था कि यह शव किसका है.

डीएनए टेस्ट से हो पाएगी शिनाख्त

चीफ फायर ऑफिसर ने बताया कि तीन महिलाएं लापता होने की सूचना उन्हें प्रंबधकों ने दी थी, जिनके शव उन्हें मिल गए हैं. कल जो शव मिला उसका कुछ हिसा नहीं जला था जिसके आधार पर उसकी पहचान भानू ऊर्फ मोहसीन के रूप में हो गई थी. आज जो शव मिले उसमें कोमल व सर्वेश शर्मा का कोई पता नहीं चला है इनका डीएनए टेस्ट होने के बाद ही शिनाख्त हो पाएगी.

उन्होंने बताया कि इस आगजनी में दस वाहनों का इस्तेमाल किया गया. अब जो ढांचा खड़ा है अगर और पानी डाला गया तो यह नीचे बैठ जाएगा. इसलिए इस पर पानी नहीं डाला जा रहा है. अब आग फैलने का कोई खतरा नहीं है. फायर ब्रिगेड मौके पर ही तैनात है.

पूरी तरह से नहीं बुझ पाई है आग

वहीं, मौके का निरीक्षण करने पहुंचे डायरेक्टर फॉरेंसिक डॉक्टर अरुण शर्मा ने बताया कि फिलहाल आग पूरी तरह से उद्योग में नहीं बुझ पाई है, जिसके चलते निरीक्षण पूरी तरह से नहीं हो पाया है उनके द्वारा दमकल अधिकारी को आग को पूरी तरह से बुझाने के लिए कहा गया है. जैसे ही आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया जाएगा तभी उद्योग का निरीक्षण किया जा सकता है और कारणों का पता तभी लग पाएगा.

उद्योग के खिलाफ केस दर्ज

वहीं, मामले की पुष्टि करते हुए एएसपी बद्दी नरेंद्र कुमार ने बताया कि आज सर्च अभियान के दौरान दो शव बरामद हुए हैं. शव पूरी तरह से गल चुके हैं. उनकी डीएनए टेस्ट की सहायता से ही पहचान हो पाएगी. उद्योग प्रबंधक द्वारा तीन मजदूरों के दबे होने की आशंका जताई गई थी, जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं. वहीं, उद्योग प्रबंधन के खिलाफ आईपीसी की धारा- 285 और 336 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

बद्दी: औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के काठा स्थित एक पंखा उद्योग में आग लगने के 48 घंटे बाद भी आग पूरी तरह से नहीं बुझ पाई है. हालांकि दमकल विभाग ने आग पर काबू पा लिया है, लेकिन आग पूरी तरह से नहीं बुझी है. उद्योग में कहीं-कहीं आग अभी भी सुलग रही है. दमकल विभाग का कहना है कि अब आग के फैलने का कोई खतरा नहीं है.

आग बुझने के बाद फॉरेंसिक टीम ने उद्योग का निरीक्षण किया. इस दौरान आपदा प्रबंधन की टीम को मलबे में से दो कंकाल मिले हैं. इसके साथ ही इस अग्निकांड में मरने वालों की संख्या तीन हो गई है.

मंगलवार को जो दो कंकाल मिले हैं वो पंखे के ब्लैड पैकिंग यार्ड में ही मिले हैं, जिसके साथ भट्टी का बोयलर था. इसी बोयलर में धमाका होने के बाद उद्योग की दीवार ढह गई थी. ब्लैड पेकिंग यार्ड में बदाऊं निवासी भानू, यूपी के बिजनौर निवासी सर्वेश शर्मा व यूपी के मुज्जफर नगर निवासी कोमल काम कर रही थीं.

वीडियो.

आपदा प्रबंधन की टीम ने पहले इस यार्ड में पानी डाल कर ठंडा किया और उसके बाद इस यार्ड की बाहर की ओर से दीवार तोड़ कर अंदर गए. जहां पर मलबे के नीचे यह दोनों शव मिले. इससे पहले भानू का शव सोमवार को मिल चुका था. शव पुरी तरह से पिघल कर एक पॉलिथीन की तरह हो गए थे. अब यह पता नहीं चल रहा था कि यह शव किसका है.

डीएनए टेस्ट से हो पाएगी शिनाख्त

चीफ फायर ऑफिसर ने बताया कि तीन महिलाएं लापता होने की सूचना उन्हें प्रंबधकों ने दी थी, जिनके शव उन्हें मिल गए हैं. कल जो शव मिला उसका कुछ हिसा नहीं जला था जिसके आधार पर उसकी पहचान भानू ऊर्फ मोहसीन के रूप में हो गई थी. आज जो शव मिले उसमें कोमल व सर्वेश शर्मा का कोई पता नहीं चला है इनका डीएनए टेस्ट होने के बाद ही शिनाख्त हो पाएगी.

उन्होंने बताया कि इस आगजनी में दस वाहनों का इस्तेमाल किया गया. अब जो ढांचा खड़ा है अगर और पानी डाला गया तो यह नीचे बैठ जाएगा. इसलिए इस पर पानी नहीं डाला जा रहा है. अब आग फैलने का कोई खतरा नहीं है. फायर ब्रिगेड मौके पर ही तैनात है.

पूरी तरह से नहीं बुझ पाई है आग

वहीं, मौके का निरीक्षण करने पहुंचे डायरेक्टर फॉरेंसिक डॉक्टर अरुण शर्मा ने बताया कि फिलहाल आग पूरी तरह से उद्योग में नहीं बुझ पाई है, जिसके चलते निरीक्षण पूरी तरह से नहीं हो पाया है उनके द्वारा दमकल अधिकारी को आग को पूरी तरह से बुझाने के लिए कहा गया है. जैसे ही आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया जाएगा तभी उद्योग का निरीक्षण किया जा सकता है और कारणों का पता तभी लग पाएगा.

उद्योग के खिलाफ केस दर्ज

वहीं, मामले की पुष्टि करते हुए एएसपी बद्दी नरेंद्र कुमार ने बताया कि आज सर्च अभियान के दौरान दो शव बरामद हुए हैं. शव पूरी तरह से गल चुके हैं. उनकी डीएनए टेस्ट की सहायता से ही पहचान हो पाएगी. उद्योग प्रबंधक द्वारा तीन मजदूरों के दबे होने की आशंका जताई गई थी, जिनके शव बरामद कर लिए गए हैं. वहीं, उद्योग प्रबंधन के खिलाफ आईपीसी की धारा- 285 और 336 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

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