सोलन: हिमाचल प्रदेश में अंबुजा सीमेंट प्लांट बंद विवाद को लेकर करीब 50 दिनों से अपनी मांगों को लेकर ट्रक ऑपरेटर्स धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन बुधवार को दाड़लाघाट में ऑपरेटरों का सब्र जवाब दे गया. ऑपरेटरों ने बस अड्डे पर आधा घंटा सांकेतिक चक्का जाम किया. इस दौरान हाईवे पर गाड़ियों की आवाजाही बाधित हो गयी. हालाकिं जाम खुलवाने के लिए पुलिस ने खूब मशक्कत की.
गुस्साए ट्रक ऑपरेटरों ने थाने में जाकर गिरफ्तारियां दी. इस दौरान संघर्ष समिति के 40 सदस्यों ने सामूहिक गिरफ्तारी दी. बाघल लैंड लूजर के पूर्व प्रधान राम कृष्ण शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार तारीख पर तारीख दे रही है, जिस पर ट्रक ऑपरेटरों में भारी रोष पनप रहा है. सरकार ट्रक ऑपरेटरों के इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही है. उन्होंने कहा कि आज तो सिर्फ 40 लोगों ने ही अपनी गिरफ्तारी दी है. हमारी योजना 100 दिन की है जिसमें रोजाना गिरफ्तारियां दी जाएंगी. जब तक इस मुद्दे का कोई स्थाई समाधान नहीं होता है. राम कृष्ण शर्मा ने अडानी, केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार को चेताते हुए कहा कि ऑपरेटर पचास दिनों के भीतर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जब भी आप यहां आओगे तो हमें सड़कों पर ही पाओगे.
एडीकेएम के पूर्व प्रधान बालक राम शर्मा ने कहा कि 4 फरवरी को सुबह 11 से 1 बजे तक दो घंटे पूरे प्रदेश में ट्रांसपोर्टर चक्का जाम करेंगे. इसके अलावा शालाघाट, दाड़लाघाट व भराड़ीघाट की सीमाओं पर उनके लोग चक्का जाम करेंगे. उन्होंने कहा कि 11 फरवरी को महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत भी शामिल होंगे. पूरे प्रदेश व ऊपरी इलाकों के किसानों बागवानों को भी इस महापंचायत में आमंत्रित किया जाएगा.
इस दौरान पूर्व विधायक गोविंद राम शर्मा भी ऑपरेटरों के समर्थन में दाड़लाघाट पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि ट्रक ऑपरेटर 50 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदेश सरकार इस मुद्दे को सुलझाने में विफल साबित हुई है ये मुद्दा राजनीतिक नहीं है, बल्कि स्थानीय लोगों की रोजी रोटी से जुड़ा है, इसपर राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि जल्द इस मुद्दे को सुलझाया जाए, ताकि स्थानीय लोगों के हकों की रक्षा हो सके और उनकी आजीविका चलती रहे.
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