सोलन: प्रदेश में कर्फ्यू के दौरान सीमेंट उद्योगों में एक महीने तक उत्पादन और ढुलाई कार्य बंद रहने के चलते उद्योगों के साथ-साथ ट्रक ऑपरेटरों को भी करोड़ों की चपत लगी है. अंबुजा सीमेंट कंपनी दाड़लाघाट में ढुलाई कार्य कर रही विभिन्न्न ट्रक यूनियनों को कोरोना काल में करीब 50 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है.
वहीं, अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी बागा में ट्रक ऑपरेटरों का करीब 15 करोड़ डूब गया है. यहां पर ट्रक ऑपरेटर पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे थे. ढुलाई कार्य न मिलने के कारण ट्रक ऑपरेटर गाड़ियां खड़ी रखने के लिए मजूबर थे. हालांकि अब सीमेंट कारखानों को खोल दिया गया है, लेकिन कंपनियों में सीमेंट उत्पादन अभी शुरू नही हुआ है.
सीमेंट कंपनियां पहले से रखे सीमेंट और क्लिंकर के स्टॉक को ही प्रदेश और बाहरी राज्यों को भेज रही हैं. लॉकडाउन से पहले जहां दाड़लाघाट में प्रत्येक ट्रक यूनियन में 150 से 200 गाड़ियों की डिमांड रोजाना होतो थी, वहीं अब सभी यूनियनों की बड़ी मुश्किल से प्रतिदिन 100 गाड़ियों की ही डिमांड हो रही है. ऑपरेटरों को अपनी बारी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है और हफ्तों इंतजार करने के बाद ही नंबर लग रहा है.
इस समय ट्रक ऑपरेटर भारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. इसमें सिंगल ऑपरेटर पर सबसे ज्यादा मार पड़ रही है. सभी ऑपरेटरों को किश्तों और टैक्स भरने की चिंता सता रही है. ऐसे में ऑपरेटरों ने प्रदेश सरकार से टैक्स में छूट प्रदान करने की मांग उठाई है.
बाघल लैंड लूजर परिवहन सहकारी सभा के सदस्यों का कहना है कि उद्योग सीमेंट के दाम बढ़ाकर क्षतिपूर्ति करने में लगे हैं. उद्योग ऑपरेटरों के किराये को कम करने की फिराक में हैं, लेकिन ऑपरेटरों की गाड़ियां एक महीने से अधिक समय से खड़ी रखने से हुए नुकसान की भरपाई कैसे करेंगे.
आर्थिक संकट से उभरने का कोई विकल्प उनके पास मौजूद नहीं है. उन्होंने सरकार से इस वर्ग के लिए कुछ राहत प्रदान करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि सरकार कम से कम 6 माह तक ऑपरेटरों को टैक्स में छूट प्रदान करें.