सोलन: दाड़लाघाट में 57 दिनों से अडानी समूह व ट्रक ऑपरेटरों के मध्य चल रहे विवाद के बाद बुधवार को दाड़लाघाट में पहली बार ट्रक ऑपरेटरों की बैठक अडानी समूह के अधिकारियों के साथ हुई. बैठक में अडानी समूह के नॉर्थ लॉजिस्टिक हेड नीलेश श्रीवास्तव, निर्माण अधिकारी अंबुजा मनोज जिंदल के अलावा दाड़लाघाट की आठ सभाओं के ट्रक ऑपरेटर्स के सदस्यों ने भाग लिया, लेकिन दो दौर की बैठक के बाद भी ऑपरेटर्स की कोर कमेटी और अडानी समूह के बीच हुई वार्ता बेनतीजा रही.
बैठक में अडानी समूह की ओर से अधिकारी 8.5 रुपए व 6.5 रुपए के रेट में अड़े रहे. बुधवार को हुई बैठक दो दौरों में संपन्न हुई. पहले दौर की बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई. जिसमें ट्रक ऑपरेटर व अडानी समूह ने मालभाड़े के आंकड़ों के फॉर्मूले पेश किए. जबकि दूसरे दौर की बैठक शाम 4 बजकर 30 मिनट के बाद हुई. बैठक में कोर कमेटी के सदस्यों ने अडानी समूह के अधिकारियों से चर्चा की और दूसरे दौर की बैठक में अडानी समूह को मालभाड़े के आंकड़ों के फॉर्मूले समझाने का प्रयास किया गया.
ट्रक ऑपरेटर्स ने दो टूक में कहा कि 10 रुपए 20 पैसे से कम भाड़े पर कोई वार्ता नहीं होगी. बाघल लैंड लूजर के पूर्व प्रधान रामकृष्ण शर्मा ने बताया कि आज अडानी समूह व ट्रक ऑपरेटर की बैठक हुए. बैठक में अडानी समूह की तरफ से माल भाड़े की पेश की गई दरें काफी कम हैं, जिसको लेकर दाड़लाघाट की सभाएं तैयार नहीं है. एसडीटीओ के कोषाध्यक्ष राम कृष्ण बंसल ने कहा कि आज की बैठक विफल रही. बैठक में माल ढुलाई पर कोई सहमति नहीं बनी.
एडीकेएम के सदस्य अरुण शुक्ला ने कहा कि आज की बैठक बेनतीजा रही. अडानी समूह के पहले मालभाड़े के प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया. पुराने फॉर्मूले के तहत ही भाड़ा वसूला जाएगा. उन्होंने कहा कि अडानी समूह ने छः टायर के ट्रक का साढ़े आठ रुपए और मल्टी एक्सल ट्रक का साढ़े छ रुपए किराया देने का प्रस्ताव रखा. जिसको लेकर कोर कमेटी के सदस्यों ने इस फैसले पर विरोध किया. फिलहाल बुधवार को बैठक में अडानी ग्रुप की ओर से अनौपचारिक 9.1 रुपए किराए को लेकर भी चर्चा की.
ऑपरेटरों के मुताबिक अडानी प्रबंधन की ओर से मालभाड़े को 9.01 पैसे प्रति किलोमीटर प्रति टन के हिसाब से अदा करने का अनौपचारिक प्रस्ताव दिया गया जिसे ऑपरेटरों ने नकार दिया है. ऑपरेटर अब बढ़ा हुआ मालभाड़ा 12 रुपए से कुछ अधिक प्रति किलोमीटर प्रति टन के हिसाब से लेने पर अटक गए हैं. अडानी प्रबंधन ने ऑपरेटरों के सामने मालभाड़े को तय करने के फॉर्मूले को समझने का प्रस्ताव रखा. वार्ता फेल होने के बाद ऑपरेटरों की ओर से चार प्रतिनिधियों को 2010 में तय मालभाड़े के फॉर्मूले को समझाने के लिए अडानी प्रबंधन के पास भेजा गया.
20 फरवरी को विशाल जनसभा का आयोजन- मालभाड़े के फॉर्मूले को लेकर दोनों पक्षों में शाम तक बातचीत चली रही और दोनों पक्षों की ओर से अपने-अपने पक्ष को लेकर दलीलें प्रस्तुत की जाती रहीं. ऑपरेटरों का मानना है कि प्रबंधकों को कारखानों को बंद करने के फैसले से पहले इन बातों पर निर्णय लेना चाहिए था. बता दें कि दाड़लाघाट के ऑपरेटरों ने 19 फरवरी तक तमाम तरह की गतिविधियां बंद कर दी हैं. केवल कोर कमटी की बैठक रोजाना हुआ करेगी. बाकी 20 फरवरी को विशाल जनसभा का आयोजन होगा.
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