कसौली/सोलनः इन दिनों कसौली में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटी कोविड सीरम बनाने पर कार्य किया जा रहा है. इस सीरम के तीन बैच तैयार हो गए हैं. यह बैच ट्रायल के लिए तैयार किए गए हैं. इन ट्रायल बैच को फीलिंग कर लाइव वायरस की न्यूट्रलाइजेशन के लिए एनआइवी पुणे भेजा जा रहा है.
पुणे में लाइव वायरस के साथ ट्रायल बैच की टेस्टिंग प्रक्रिया होगी. वहां इनके सफल होने के बाद बैच पर प्री-क्लिनिकल एनिमल टेस्टिंग यानी टॉक्सिकोलॉजिकल स्टडी की प्रक्रिया होगी. इसमें जानवर पर हाई डोज देकर टेस्टिंग की जाएगी. दोनों की सफलता के बाद सीआरआई डीसीजीआइ को अप्रोच करेगा.
आइसीएमआर के लिए बनाया जा रहा प्रोडक्ट
इसके बाद क्लिनिकल ट्रायल के लिए बैच आइसीएमआर को दिया जाएगा. यह प्रोडक्ट आइसीएमआर के लिए बनाया जा रहा है. इसलिए इसे आइसीएमआर-सीआरआई कोविड एंटी सीरम नाम दिया गया है. गौरतलब है कि सीआरआई कसौली को कई तरह की एंटी सीरम बनाने के लिए जाना जाता है. संस्थान एंटी रैबीज सीरम, एंटी स्नेक वेनम सीरम व डिप्थीरिया एंटी टॉक्सिन सीरम तैयार करता है.
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कोरोना के गंभीर रोगियों को लगेगा सीरम
कोविड एंटी सीरम कोरोना के उन रोगियों को लगेगा, जो अस्पताल में गंभीरावस्था में भर्ती होंगे. यह कोरोना वैक्सीन की तरह हर किसी को नहीं दिया जाएगा. कोविड एंटी सीरम बनाने के लिए सीआरआई व इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी पुणे के बीच समझौता ज्ञापन हुआ है. सीआरआई कसौली ने तीन ट्रायल बैच बनाकर तैयार कर लिए है. बैच की फीलिंग के बाद एनआइवी पुणे भेजा जाएगा.
एंटी सीरम वायरस को सीधे करता है खत्म
संस्थान के एंटी सीरा सेक्शन में घोड़ों से खून लेकर एंटी सीरम के टीकों को विकसित किया जाता है. एंटी सीरम एक रक्त सीरम है. इसमें एक वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी होते हैं, जो संक्रमण को रोकने या इलाज करने के लिए इंजेक्ट किया जाते हैं.
सांप व कुत्तों के काटने पर वैक्सीन लगाने से पहले एंटी स्नेक वेनम सीरम व एंटी रैबीज सीरम के टीके लगाए जाते हैं. एंटी सीरम सीधे शरीर में जाकर रैबीज के वायरस को खत्म करना शुरू कर देती है. इसमें ज्यादा समय नहीं लगता, जबकि वैक्सीन शरीर में जाकर पहले एंटीबॉडी तैयार करती है.
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