सोलन: कोरोना वायरस के संकटकाल में शासन-प्रशासन के साथ-साथ कई लोग और संस्थाएं लोगों की मदद में जुटी हुई हैं. संकट के इस दौर में जिला प्रशासन सोलन 10 लाख से अधिक लोगों को खाने के पैकेट बांट चुका है.
डीसी सोलन केसी चमन ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत प्रदेश में घोषित कर्फ्यू के कारण जरूरतमंद लोगों और समाज के कमजोर वर्गों का मनोबल बनाए रखना और उन तक समय पर भोजन सामग्री पंहुचाना प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण था. इस दिशा में जिला प्रशासन सोलन ने समर्पित भाव के साथ योजनाबद्ध काम करते हुए लक्षित वर्गों को समय पर राहत पंहुचाई.
जिला प्रशासन ने जरूरतमंद लोगों और समाज के कमजोर वर्गों को समय पर भोजन सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए सर्वप्रथम जिला के सभी उपमण्डलों में राशन वितरण केन्द्र स्थापित किए. सोलन जिला में अभी तक जरूरतमंद एवं गरीब लोगों को 50 हजार 616 राशन किट उपलब्ध करवाई जा चुकी हैं. सोलन उपमण्डल में 5458, कण्डाघाट में 988, अर्की में 7730, परवाणु में 4071, नालागढ़ उपमण्डल के बद्दी में 20502 और नालाागढ़ में 11867 राशन किट उपलब्ध करवाई गई हैं.
राशन किट में दी गयी ये सुविधा
प्रशासन ने 4 सदस्यों से अधिक के परिवार के लिए प्रदान की जा रही एक किट में लगभग 10 किलोग्राम आटा, 5 किलोग्राम चावल, 3 किलोग्राम दालें, 2 लीटर रिफाईंड ऑयल, एक पैकेट नमक, दो किलो आलू, दो किलो प्याज, हल्दी, धनिया पाऊडर, मिर्च, नहाने का साबुन, हैंड वाश, बिस्किट, टैट्रा पैक जूस उपलब्ध करवाया जाता है.
चार लोगों से कम के परिवार के लिए प्रदान की जा रही एक किट में लगभग 5 किलोग्राम आटा, 3 किलोग्राम चावल, 2 किलोग्राम दालें, 1 लीटर रिफाईंड ऑयल, एक पैकेट नमक, दो किलो आलू, दो किलो प्याज, हल्दी, धनिया पाऊडर, मिर्च, नहाने का साबुन, हैंड वाश, बिस्किट, टैट्रा पैक जूस उपलब्ध करवाया जाता है. इस दिशा में कोई कमी नहीं है और अभी तक राशन की कुल 51139 किटें एकत्र की गई हैं.
कॉल सेंटर के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को दी गई सुविधा
जिला प्रशासन द्वारा कोविड-19 के खतरे के दृष्टिगत झुग्गी-झोंपड़ियों में रहने वालों, कर्फ्यू के कारण फंसे श्रमिकों एवं गरीब लोगों को तैयार भोजन भी उपलब्ध करवाया जा रहा है. स्वंय सेवी संस्थाएं, धार्मिक संस्थाएं भी इस कार्य में प्रशासन का सहयोग कर रही हैं. डीसी सोलन केसी चमन ने कहा कि अभी तक जिला सोलन में जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाने के लिए जिला प्रशासन करीब 2 करोड़ खर्च किए हैं.
वहीं, कॉल सेंटर भी स्थापित किए गए थे जिसके माध्यम से लोग अपनी जरूरतमंद की चीजों को जिला प्रशासन को फोन के माध्यम से बता रहे थे. कॉल सेंटर के माध्यम से 24 घंटे कर्मचारियों ने काम किया जिसके चलते हर एक जरूरतमंद लोगों को खाना पहुंचाया गया.