सोलन: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश के 20 लाख गरीब परिवारों को घर देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना का शुभारंभ किया था. 20 लाख परिवारों में से 18 लाख अप्रवासी झुग्गी झोपड़ी वालों का आवास देने की योजना थी, लेकिन पिछले कई वर्षों से सोलन में यह आवास योजना अपने बदहाली के आंसू रो रही है.
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बेघर लोगों को घर देने का प्रावधान है, जिसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति खुली छत के नीचे नहीं रहना चाहिए , लेकिन सोलन के चंबा घाट में पिछले कई वर्षों से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बनाए जाने वाले घरों का कार्य सरकार के 7 करोड़ खर्च हो जाने के बाद भी अधर में लटका है. योजना के तहत करीब 96 मकान बनाए जाने थे जिसमें से अभी तक 48 आवास भी पूरे नहीं बन पाए हैं. ऐसे में सोलन नगर परिषद अब 48 आवासों को नीलाम करने जा रही है.
नगर परिषद अध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर ने बताया 2012 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत काम शुरु किया गया था लेकिन काफी समय तक जमीन विवाद को लेकर काम नहीं हो सका. उसके बाद 2016 में फिर काम चालू हुआ लेकिन थोड़े ही समय बाद इस योजना को केंद्र से बंद कर दिया गया. उन्होंने बताया कि करीब 7 करोड रुपये अभी तक इस योजना के तहत खर्च किए जा चुके हैं, बावजूद इसके नगर परिषद को और पैसों की जरूरत है.
बता दें कि नगर परिषद पिछले लंबे अरसे से यह बात कह रही है कि नगर परिषद जल्द से जल्द प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बेघरों को आवास प्रदान कर देगी लेकिन धरातल पर कुछ और ही देखने को मिल रहा है.