ETV Bharat / state

थ्योन फार्मा के कर्मचारियों ने की हड़ताल, अधिकारियों पर लगाए गाली गलौज के आरोप - Nalagarh protest news

थ्योन फार्मा कंपनी के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. कामगारों ने बताया कि उनकी कंपनी में कोई यूनियन नहीं है, लेकिन उसके बावजूद भी कामगारों को ओवर टाइम में कटौती की जा रही है. उधर, महिला कामगारों ने बताया कि अगर शौचालय में किसी महिला को देर हो जाती है, तो उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है.

Nalagarh protest
थ्योन फार्मा के कर्मचारी हड़ताल पर
author img

By

Published : Feb 11, 2021, 8:55 PM IST

नालागढ़: सैणी माजरा स्थित थ्योन फार्मा कंपनी के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पूरा दिन कामगाज बंद रहा. इस दौरान नालागढ़ के पूर्व विधायक केएल ठाकुर भी वर्करों के समर्थन में आए और उन्होंने वर्करों का आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को लेकर कंपनी प्रबंधकों के साथ बातचीत की जाएगी.

कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें हर साल रि-ज्वाइनिंग दी जाती है. इंक्रीमेंट के नाम पर कामगारों को कुछ नहीं दिया जाता है. लॉकडाउन के बाद सभी कामगारों को नए सिरे से रखा गया. जिससे उन्हें नाम मात्र वेतन वृद्धि की गई. कुछ कामगारों को तीन साल के बाद मात्र पांच फीसदी वेतन वृद्धि की गई, जबकि 25 फसदी होनी चाहिए थी.

वीडियो.

जब तक मांगें पूरी नहीं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी

कामगारों ने बताया कि उनकी कंपनी में कोई यूनियन नहीं है, लेकिन उसके बावजूद भी कामगारों को ओवर टाइम में कटौती की जा रही है. उधर, महिला कामगारों ने बताया कि अगर शौचालय में किसी महिला को देर हो जाती है, तो उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है. कंपनी के संचालकों ने किसी प्रकार की टिप्पणी देने से इंकार कर दिया.

पढ़ें: खबर का असर: डीसी ने फोरलेन निर्माता कंपनी को जारी किए पहाड़ी से मलबा हटाने के आदेश

नालागढ़: सैणी माजरा स्थित थ्योन फार्मा कंपनी के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मचारियों ने कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और पूरा दिन कामगाज बंद रहा. इस दौरान नालागढ़ के पूर्व विधायक केएल ठाकुर भी वर्करों के समर्थन में आए और उन्होंने वर्करों का आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को लेकर कंपनी प्रबंधकों के साथ बातचीत की जाएगी.

कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें हर साल रि-ज्वाइनिंग दी जाती है. इंक्रीमेंट के नाम पर कामगारों को कुछ नहीं दिया जाता है. लॉकडाउन के बाद सभी कामगारों को नए सिरे से रखा गया. जिससे उन्हें नाम मात्र वेतन वृद्धि की गई. कुछ कामगारों को तीन साल के बाद मात्र पांच फीसदी वेतन वृद्धि की गई, जबकि 25 फसदी होनी चाहिए थी.

वीडियो.

जब तक मांगें पूरी नहीं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी

कामगारों ने बताया कि उनकी कंपनी में कोई यूनियन नहीं है, लेकिन उसके बावजूद भी कामगारों को ओवर टाइम में कटौती की जा रही है. उधर, महिला कामगारों ने बताया कि अगर शौचालय में किसी महिला को देर हो जाती है, तो उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है. कंपनी के संचालकों ने किसी प्रकार की टिप्पणी देने से इंकार कर दिया.

पढ़ें: खबर का असर: डीसी ने फोरलेन निर्माता कंपनी को जारी किए पहाड़ी से मलबा हटाने के आदेश

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.