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PEN DOWN STRIKE IN SOLAN : BDO ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे कर्मचारी, जानें कब करेंगे हड़ताल खत्म

सोलन में ग्रामीण विकास विभाग या पंचायती राज विभाग में विलय की मांग को लेकर जिला परिषद कैडर कर्मचारी/अधिकारी पेन डाउन स्ट्राइक (pen down strike in solan )पर चले गए. पंचायत कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन कलम छोड़ो हड़ताल पर जाने से पंचायतों में कामकाज ठप पड़ गया. BDO कार्यालय के बाहर हड़ताल पर कर्मचारियों ने सरकार से मागों को जल्द पूरा करने की मांग की है.

PEN DOWN STRIKE IN SOLAN
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Published : Jun 28, 2022, 2:07 PM IST

सोलन: ग्रामीण विकास विभाग या पंचायती राज विभाग में विलय की मांग को लेकर जिला परिषद कैडर कर्मचारी/अधिकारी पेन डाउन स्ट्राइक (pen down strike in solan)पर चले गए. पंचायत कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन कलम छोड़ो हड़ताल पर जाने से पंचायतों में कामकाज ठप पड़ गया.मंगलवार को विकास खंड सोलन कार्यालय परिसर में पेन डाउन स्ट्राइक पर बैठे जिला परिषद कैडर कर्मचारी/अधिकारी महासंघ विकास खंड सोलन इकाई के BDO कार्यालय के बाहर हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने सरकार से मागों को जल्द पूरा करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा तब तक हड़ताल जारी रहेगी.

22 साल में नहीं निकला हल: जिला सोलन जिला परिषद कैडर कर्मचारी एवं अधिकारी महासंघ की जिला उपाध्यक्ष रेखा रानी और राजेश ठाकुर ने बताया कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होंगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी. उन्होंने बताया कि विभिन्न पंचायतों में कार्यरत सचिव, कनिष्ठ अभियंता, तकनीकी सहायक (जिला परिषद कैडर अधिकारी/कर्मचारी) पिछले 22 वर्षों से ग्रामीण विकास विभाग या पंचायती राज विभाग में विलय की मांग उठा रहे हैं, लेकिन आज तक उनकी मांग पूरी नहीं की गई.

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सरकार का सौतेला व्यवहार: उन्होंने आरोप लगाया कि एक ही कार्यालय में बराबर के पदों पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए अलग-अलग पॉलिसी सरकार के सौतेले व्यवहार को दर्शाती है. हाल ही में ग्रामीण विकास विभाग या पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों को छठे वेतनमान का लाभ मिला, लेकिन जिला परिषद कैडर के अधिकारी व कर्मचारी लाभ से वंचित हैं. उन्होंने कहा कि हम कहने को पंचायतों के अधिकारी व कर्मचारी हैं, लेकिन उनका कोई भी एम्प्लॉई कोड नहीं है, जिस कारण इस वर्ग को मेडिकल व पेंशन सहित अन्य लाभों से दूर रखा गया.प्रदेश में 4700 कर्मचारी: बता दें कि जिला परिषद कैडर कर्मचारी एवं अधिकारी महासंघ के आह्वान पर जिले की 240 ग्राम पंचायतों में पेन डाउन स्ट्राइक शुरू हो गई है. इस कारण कार्यालयों का कामकाज प्रभावित हो गया और ग्रामीण विकास पर भी विराम लग गया है. इस हड़ताल में केवल पंचायत सचिव व तकनीकी सहायक ही नहीं, बल्कि कनिष्ठ अभियंता से लेकर अधिशासी अभियंताभी उतर आए हैं. प्रदेश में जिला परिषद कैडर के करीब 4700 कर्मचारी हैं. महासंघ की मांग जिला परिषद कैडर के सभी कर्मचारियों-अधिकारियों को विभाग में समायोजित करने की है.

ये भी पढ़ें : हिमाचल प्रदेश फूड कमीशन के चेयरमैन और सेक्रेटरी के बीच हाथापाई

सोलन: ग्रामीण विकास विभाग या पंचायती राज विभाग में विलय की मांग को लेकर जिला परिषद कैडर कर्मचारी/अधिकारी पेन डाउन स्ट्राइक (pen down strike in solan)पर चले गए. पंचायत कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन कलम छोड़ो हड़ताल पर जाने से पंचायतों में कामकाज ठप पड़ गया.मंगलवार को विकास खंड सोलन कार्यालय परिसर में पेन डाउन स्ट्राइक पर बैठे जिला परिषद कैडर कर्मचारी/अधिकारी महासंघ विकास खंड सोलन इकाई के BDO कार्यालय के बाहर हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने सरकार से मागों को जल्द पूरा करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा तब तक हड़ताल जारी रहेगी.

22 साल में नहीं निकला हल: जिला सोलन जिला परिषद कैडर कर्मचारी एवं अधिकारी महासंघ की जिला उपाध्यक्ष रेखा रानी और राजेश ठाकुर ने बताया कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होंगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी. उन्होंने बताया कि विभिन्न पंचायतों में कार्यरत सचिव, कनिष्ठ अभियंता, तकनीकी सहायक (जिला परिषद कैडर अधिकारी/कर्मचारी) पिछले 22 वर्षों से ग्रामीण विकास विभाग या पंचायती राज विभाग में विलय की मांग उठा रहे हैं, लेकिन आज तक उनकी मांग पूरी नहीं की गई.

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सरकार का सौतेला व्यवहार: उन्होंने आरोप लगाया कि एक ही कार्यालय में बराबर के पदों पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए अलग-अलग पॉलिसी सरकार के सौतेले व्यवहार को दर्शाती है. हाल ही में ग्रामीण विकास विभाग या पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों को छठे वेतनमान का लाभ मिला, लेकिन जिला परिषद कैडर के अधिकारी व कर्मचारी लाभ से वंचित हैं. उन्होंने कहा कि हम कहने को पंचायतों के अधिकारी व कर्मचारी हैं, लेकिन उनका कोई भी एम्प्लॉई कोड नहीं है, जिस कारण इस वर्ग को मेडिकल व पेंशन सहित अन्य लाभों से दूर रखा गया.प्रदेश में 4700 कर्मचारी: बता दें कि जिला परिषद कैडर कर्मचारी एवं अधिकारी महासंघ के आह्वान पर जिले की 240 ग्राम पंचायतों में पेन डाउन स्ट्राइक शुरू हो गई है. इस कारण कार्यालयों का कामकाज प्रभावित हो गया और ग्रामीण विकास पर भी विराम लग गया है. इस हड़ताल में केवल पंचायत सचिव व तकनीकी सहायक ही नहीं, बल्कि कनिष्ठ अभियंता से लेकर अधिशासी अभियंताभी उतर आए हैं. प्रदेश में जिला परिषद कैडर के करीब 4700 कर्मचारी हैं. महासंघ की मांग जिला परिषद कैडर के सभी कर्मचारियों-अधिकारियों को विभाग में समायोजित करने की है.

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