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सोलन मेकशिफ्ट अस्पताल में 5 दिन से हड़ताल पर स्टाफ, मांगों को लेकर CM और स्वास्थ्य मंत्री से लगाई गुहार - cm jairam thakur

सोलन स्थित राधास्वामी सत्संग ब्यास में कोरोना समर्पित मेकशिफ्ट अस्पताल के आउटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल लगातार जारी है. कर्मचारियों ने मांगों का हल न निकलने तक काम करने और हड़ताल समाप्त करने से मना कर दिया है. अस्पताल प्रशासन के अधिकारी इन कर्मचारियों से बातचीत करने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक न तो किसी ने इन कर्मचारियों को लिखित आश्वासन दिया है.

सोलन मेकशिफ्ट अस्पताल
सोलन मेकशिफ्ट अस्पताल
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Published : Aug 16, 2021, 2:37 PM IST

सोलन: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर कोरोना के मामले रफ्तार पकड़ते जा रहे हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार यह दावा कर रही है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है, लेकिन सरकार के ये दावे सोलन में इन दिनों खोखले नजर आ रहे हैं. दरअसल सोलन शहर के रबोन में स्थित राधास्वामी सत्संग भवन में बने मेकशिफ्ट अस्पताल में आउटसोर्स पर कर्मचारी पांच दिनों से हड़ताल पर हैं. बावजूद इसके अभी तक उनकी मांगों को कोई भी अधिकारी पूरा नहीं कर पाया है. अब यह कर्मचारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

शहर के रबोन में स्थित राधास्वामी सत्संग ब्यास में कोरोना समर्पित मेकशिफ्ट अस्पताल के आउटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल लगातार जारी है. कर्मचारियों ने मांगों का हल न निकलने तक काम करने और हड़ताल समाप्त करने से मना कर दिया है. अस्पताल प्रशासन के अधिकारी इन कर्मचारियों से बातचीत करने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक न तो किसी ने इन कर्मचारियों को लिखित आश्वासन दिया है और न ही यह कर्मचारी किसी ठोस आश्वासन के बिना उठने को तैयार हैं.

वीडियो.
हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि काम के लिए तो सब बोलते हैं, लेकिन सैलरी के लिए कोई भी बात नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि जितनी सैलरी उन्हें जॉइनिंग करते समय बताई गई थी, उतनी उन्हें नहीं दी जा रही है. जब वे लोग सैलरी की बात करते हैं तो उन्हें नौकरी से निकालने की बात कही जाती है. उन्होंने कहा कि जून 2021 में उनकी जॉइनिंग हुई थी, 15,000 बताकर उन्हें आठ और नौ हजार ही सैलरी मिल पा रही है. अधिकारी उन्हें फील्ड में भी कार्य करने के लिए भेज रहे हैं. वे लोग कार्य करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें समय पर सैलरी भी मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वे लोग अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं, ऐसे में अधिकारियों द्वारा उन्हें डिग्रियां रद्द करने की भी धमकी दी जा रही है.
सोलन मेकशिफ्ट अस्पताल में कर्मचारियों की हड़ताल
सोलन मेकशिफ्ट अस्पताल में कर्मचारियों की हड़ताल
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सोलन में इस अस्थाई अस्पताल का निर्माण किया था, जिसमें लगभग 100 से अधिक नर्स, वार्ड ब्वॉय, सफाई कर्मी और सिक्योरिटी गार्ड आदि को आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती किया गया था. इन कर्मचारियों को एक महीने से अधिक का समय हो जाने के बाद जब कर्मचारियों को सैलरी दी गई, लेकिन यह सैलरी उनकी नियुक्ति के समय बताई गई सैलरी से काफी कम थी. इसके साथ साथ इन कर्मचारियों को सरकार की तरफ से मिलने वाला इंसेंटिव भी नहीं दिया गया है. इसके अलावा अब पिछले करीब ढाई महीने से तो उन्हें सैलरी ही नहीं मिली है. इसके कारण कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा और पिछले 5 दिनों से कर्मचारी अपनी सैलरी संबंधित मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं.पिछले 5 दिनों में अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन की तरफ से कई अधिकारियों के इन कर्मचारियों से मिलने के बावजूद अभी तक इनकी मांगों पर कोई उचित कार्रवाई नहीं हो पाई है. कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी और सभी अधिकारी उनकी आवाज को अनसुना कर रहे हैं. आउटसोर्स कर्मचारी अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन से अपनी मांगों को सुनाने और समस्याओं का समाधान निकालने की मांग कर रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि एक महीने की आधी अधूरी सैलरी और इसके बाद करीब 3 महीने से बिना वेतन उनका गुजारा करना मुश्किल हो गया है. इन कर्मचारियों का कहना है कि जब तक इनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. कर्मचारियों ने उपायुक्त सोलन कृतिका कुल्हारी, स्वास्थ्य मंत्री राजीव सहजल और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि वे स्वयं इस मामले में हस्तक्षेप करें.


वहीं, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुक्ता रस्तोगी ने बताया कि मेकशिफ्ट अस्पताल रबोन में आउटसोर्स कर्मचारी वापस काम पर नहीं लौटे हैं. इससे अस्पताल का कार्य प्रभावित हो रहा है और यहां अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती कर दी गई है ताकि कोई कार्य बाधित न हो.

ये भी पढ़ें- HPU में याद किए गए भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई, राज्यपाल बतौर मुख्यातिथि रहे मौजूद

सोलन: हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर कोरोना के मामले रफ्तार पकड़ते जा रहे हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार यह दावा कर रही है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है, लेकिन सरकार के ये दावे सोलन में इन दिनों खोखले नजर आ रहे हैं. दरअसल सोलन शहर के रबोन में स्थित राधास्वामी सत्संग भवन में बने मेकशिफ्ट अस्पताल में आउटसोर्स पर कर्मचारी पांच दिनों से हड़ताल पर हैं. बावजूद इसके अभी तक उनकी मांगों को कोई भी अधिकारी पूरा नहीं कर पाया है. अब यह कर्मचारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

शहर के रबोन में स्थित राधास्वामी सत्संग ब्यास में कोरोना समर्पित मेकशिफ्ट अस्पताल के आउटसोर्स कर्मचारियों की हड़ताल लगातार जारी है. कर्मचारियों ने मांगों का हल न निकलने तक काम करने और हड़ताल समाप्त करने से मना कर दिया है. अस्पताल प्रशासन के अधिकारी इन कर्मचारियों से बातचीत करने जा रहे हैं, लेकिन अभी तक न तो किसी ने इन कर्मचारियों को लिखित आश्वासन दिया है और न ही यह कर्मचारी किसी ठोस आश्वासन के बिना उठने को तैयार हैं.

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हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि काम के लिए तो सब बोलते हैं, लेकिन सैलरी के लिए कोई भी बात नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि जितनी सैलरी उन्हें जॉइनिंग करते समय बताई गई थी, उतनी उन्हें नहीं दी जा रही है. जब वे लोग सैलरी की बात करते हैं तो उन्हें नौकरी से निकालने की बात कही जाती है. उन्होंने कहा कि जून 2021 में उनकी जॉइनिंग हुई थी, 15,000 बताकर उन्हें आठ और नौ हजार ही सैलरी मिल पा रही है. अधिकारी उन्हें फील्ड में भी कार्य करने के लिए भेज रहे हैं. वे लोग कार्य करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें समय पर सैलरी भी मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वे लोग अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं, ऐसे में अधिकारियों द्वारा उन्हें डिग्रियां रद्द करने की भी धमकी दी जा रही है.
सोलन मेकशिफ्ट अस्पताल में कर्मचारियों की हड़ताल
सोलन मेकशिफ्ट अस्पताल में कर्मचारियों की हड़ताल
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सोलन में इस अस्थाई अस्पताल का निर्माण किया था, जिसमें लगभग 100 से अधिक नर्स, वार्ड ब्वॉय, सफाई कर्मी और सिक्योरिटी गार्ड आदि को आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती किया गया था. इन कर्मचारियों को एक महीने से अधिक का समय हो जाने के बाद जब कर्मचारियों को सैलरी दी गई, लेकिन यह सैलरी उनकी नियुक्ति के समय बताई गई सैलरी से काफी कम थी. इसके साथ साथ इन कर्मचारियों को सरकार की तरफ से मिलने वाला इंसेंटिव भी नहीं दिया गया है. इसके अलावा अब पिछले करीब ढाई महीने से तो उन्हें सैलरी ही नहीं मिली है. इसके कारण कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा और पिछले 5 दिनों से कर्मचारी अपनी सैलरी संबंधित मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं.पिछले 5 दिनों में अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन की तरफ से कई अधिकारियों के इन कर्मचारियों से मिलने के बावजूद अभी तक इनकी मांगों पर कोई उचित कार्रवाई नहीं हो पाई है. कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी और सभी अधिकारी उनकी आवाज को अनसुना कर रहे हैं. आउटसोर्स कर्मचारी अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन से अपनी मांगों को सुनाने और समस्याओं का समाधान निकालने की मांग कर रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि एक महीने की आधी अधूरी सैलरी और इसके बाद करीब 3 महीने से बिना वेतन उनका गुजारा करना मुश्किल हो गया है. इन कर्मचारियों का कहना है कि जब तक इनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. कर्मचारियों ने उपायुक्त सोलन कृतिका कुल्हारी, स्वास्थ्य मंत्री राजीव सहजल और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि वे स्वयं इस मामले में हस्तक्षेप करें.


वहीं, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुक्ता रस्तोगी ने बताया कि मेकशिफ्ट अस्पताल रबोन में आउटसोर्स कर्मचारी वापस काम पर नहीं लौटे हैं. इससे अस्पताल का कार्य प्रभावित हो रहा है और यहां अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती कर दी गई है ताकि कोई कार्य बाधित न हो.

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