सोलन: हिमाचल प्रदेश में लंपी वायरस के मामलों में काफी कमी आई है. जिससे पशुपालकों और पशुपालन विभाग ने राहत की सांस ली है. जिला सोलन की बात की जाए तो जिले में पिछले 14 दिनों से लंपी वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है. जो जिले के लिए काफी राहत वाली खबर है.
पशुपालन विभाग सोलन के उपनिदेशक डॉ. बीबी गुप्ता ने बताया कि जिले में पिछले 14 दिनों से कोई भी लंपी का मामला सामने नहीं आया है, लेकिन अभी जिले में लंपी वायरस को डिनोटिफाई नहीं किया जा सकता है. भारत सरकार से प्राप्त निर्देशों में कहा गया है कि जिले में एक महीने तक अगर लंपी वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आता है तो उसके 15 दिनों बाद पशुपालन विभाग जांच के लिए सैंपल भोपाल लेब को (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज) भेजे.
डॉ. बीबी गुप्ता ने बताया कि अगर सैंपलों की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो उसके 15 दिनों के बाद दोबारा सैंपल लिए जाएंगे. जिन्हें एक बार फिर भोपाल लैब भेजा जाएगा. अगर फिर भी रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी और जिले में लंपी वायरस को डिनोटिफाइड किया जाएगा. बता दें कि जिले में लंपी वायरस के अबतक कुल 18500 मामले सामने आए हैं जिनमें से 1654 पशुओं की मौत हुई है और जिले में 16846 पशु ठीक हो चुके हैं.
क्या है लंपी वायरस: लंपी वायरस पशुओं में फैलने वाला एक चर्म रोग है. इस बीमारी से ग्रसित जानवरों के शरीर पर सैकड़ों की संख्या में गांठे उभर आती हैं. साथ ही तेज बुखार, मुंह से पानी टपकना शुरू हो जाता है. इससे पशुओं को बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होती है. उसे चारा खाने और पानी पीने में भी परेशानी होती है. यह एक संक्रामक बीमारी है जो मच्छर, मक्खी और जूं आदि के काटने या सीधा संपर्क में आने से फैलती है. कम प्रतिरोधक क्षमता वाली गायें शीघ्र ही इस वायरस की शिकार हो जाती है. बाद में यह वायरस एक से दूसरे पशुओं में फैल जाता है.
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