नालागढ़: देश और दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस से जूझ रही है. लोग स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों के भरोसे खुद को सुरक्षित समझ रहे हैं, लेकिन इस बीच जिला सोलन के नालागढ़ में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे लोगों का स्वास्थ्य विभाग से विश्वास उठ गया है.
सरकारी अस्पताल नालागढ़ प्रबंधन की लापरवाही की वजह से एक युवक का शव मुर्दाघर में पड़े-पड़े सड़ गया. अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मृतक के परिजनों के मुताबिक 16 जून को युवक की अचानक तबीयत खराब होने के चलते उसकी मौत हो गई थी. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने कोविड-19 टेस्ट के लिए शव को शव गृह के फ्रिजर में रखवा दिया था.
मृतक के परिजनों का कहना है कि 18 जून को जब वह शव लेने नालागढ़ अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि शव की हालत बहुत खराब हो चुकी थी. शव से बहुत तेज दुर्गंध भी आने लगी थी. उन्होंने अस्पताल प्रशासन से इस बारे में पूछताझ कि तो उन्होंने प्रबंधन के जवाब से वह संतुष्ट नहीं थे.
मृतक के परिवार वालों ने नालागढ़ अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि शव की हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि उसे पहचानना भी मुश्किल हो चुका था. उन्होंने बताया कि मृतक की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है. इस मामले की जानकारी के लिए बीएमओ नालागढ़ से बात करनी चाही तो पता चला कि वह छुट्टी पर हैं.
मामले को लेकर नालागढ़ प्रशासन की तरफ से जब डॉक्टर आनंद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच की जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि फ्रिजर पूरी तरह से काम कर रहा था. वहीं, मृतक के परिजनों ने सरकार और प्रशासन से मांग कि है कि नालगढ़ अस्पताल प्रबधंन पर सख्त से सख्त कार्रवाही की जानी चाहिए.
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