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अस्पताल में डॉक्टर्स के साथ फ्रंट लाइन पर दिन-रात ड्यूटी दे रहे होमगार्ड के जवान, सुविधाएं न मिलने से परेशान

क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में होमगार्ड जवान दिन रात ड्यूटी दे रहे हैं. अस्पताल के भीतर मेडिकल कर्मियों के साथ होम गार्ड के जवान फ्रंट लाइन पर डटकर कोरोना महामारी से जंग लड़ रहे हैं. बावजूद इसके होमगार्ड जवानों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल रही.

regional hospital solan
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Published : May 19, 2021, 1:31 PM IST

सोलन: प्रदेश भर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से लड़ाई में मेडिकल कर्मियों के साथ पुलिसकर्मी फ्रंट लाइन पर खड़े हैं. जहां सड़कों पर पुलिस कोरोना काल में फ्रंट लाइन पर खड़ी है तो अस्पताल में मेडिकल कर्मी दिन रात सेवाएं दे रहे हैं. अस्पताल में सही व्यवस्था बनाए रखने के लिए होमगार्ड के जवान भी दिन रात ड्यूटी दे रहे हैं. अस्पताल के भीतर मेडिकल कर्मियों के साथ होम गार्ड के जवान फ्रंट लाइन पर डटकर कोरोना महामारी से जंग लड़ रहे हैं.

होम गार्ड जवानों को नहीं मिल रही छुट्टी

कोरोना काल में होम गार्ड के जवान न तो छुट्टी ले पा रहे हैं और ना ही घर की देखभाल कर पा रहे हैं. होमगार्ड जवानों का मानना है कि परिवार से पहले उनके लिए समाज है. समाज सुरक्षित होगा, तभी उनका परिवार भी सुरक्षित होगा. क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में होमगार्ड के जवान कोरोना वार्ड से लेकर कोरोना संक्रमित शवों को एंबुलेंस तक ले जाने के साथ-साथ अन्य वार्डों में दिन-रात ड्यूटी दे रहे हैं. बावजूद इसके होमगार्ड के जवानों को जो सुविधा अस्पताल के भीतर कोरोना संकटकाल के दौरान मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल पा रही है.

वीडियो

दिन रात अस्पताल में ड्यूटी दे रहे जवान

ईटीवी भारत ने खुद अस्पताल के भीतर जाकर होमगार्ड के जवानों की दिनचर्या को समझा. अस्पताल में कोरोना संक्रमण का टेस्ट करवाने वाले लोगों को सामाजिक दूरी के बारे के जागरूक करना, अस्पताल में पहुंचे बुजुर्गों की मदद करने के साथ-साथ होम गार्ड के जवान लोगों को दुःख की घड़ी में समझाते भी हैं.

वहीं, जिन मरीजों के साथ अस्पताल में कोई नहीं पहुंचता है, उन मरीजों का सहारा भी ये होमगार्ड बनते हैं. क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में 20 होमगार्ड के जवान दिन-रात ड्यूटी दे रहे हैं. होमगार्ड के जवानों की बात की जाए तो क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में 6 महिला होमगार्ड जवान भी है, जो ओपीडी के साथ-साथ वार्डों में भी ड्यूटी दे रही है.

प्रशासन से सुविधाएं देने की मांग

अस्पताल में ड्यूटी दे रही इंदु वर्मा जो कि होमगार्ड की जवान हैं, उनका कहना है कि अस्पताल में कोरोनाकाल के दौरान ड्यूटी करते हुए बहुत सी दिक्कतें आ रही हैं. हम परिवार को भी देख रहे हैं और समाज को भी, लेकिन कई बार मुश्किलों का सामना कर उन्हें काम करना पड़ रहा है.

सुविधाएं नाममात्र

वहीं, होमगार्ड के जवान राकेश कुमार का कहना है कि अस्पताल में विभिन्न वार्डों में वह ड्यूटी पर तैनात हैं. कई बार अस्पताल में कोरोना मरीजों को आइसोलेशन वार्ड तक ले जाते हुए उन्हें न मास्क मिलते हैं, न ग्लब्स और न ही पीपीईकिट. उनका कहना है कि कई बार कोरोना संक्रमित मरीजों के शवों को खुद उन्हें आइसोलेशन वार्ड से लाकर डेड हाउस तक लाना पड़ता है. उनका कहना है कि कोरोनाकाल के दौरान उन्हें अस्पताल में डबल ड्यूटी करनी पड़ रही है लेकिन सुविधाएं नाममात्र है.

दिन-रात ड्यूटी को तैयार

होमगार्ड की जवान रामप्यारी का कहना है कि वे अस्पताल के ऑर्थो वार्ड में ड्यूटी दे रही हैं. उनका कहना है कि कोरोनाकाल के दौरान उन्हें छुट्टी लेने का समय भी नहीं मिल पा रहा है. होमगार्ड की जवान रामप्यारी का कहना है अगर उन्हें छुट्टी नहीं भी मिलती है तो भी वह समाज की सेवा करने के लिए दिन-रात ड्यूटी करने के लिए भी तैयार है, लेकिन प्रशासन उन्हें भी सुविधाएं मुहैया करवाए.

जवानों को नहीं मिल रही मेडिकल किट

होमगार्ड के प्लाटून कमांडर और हॉस्पिटल इंचार्ज विजय कुमार का कहना है कि उनके 20 जवान अस्पताल में इन दिनों कोरोना काल के दौरान ड्यूटी पर तैनात हैं. जिनमें से 6 महिला जवान भी शामिल हैं. महिलाओं से वे दिन के समय में अलग-अलग वार्डों में ड्यूटी ले रहे हैं. क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में तैनात होमगार्ड के जवानों को इन दिनों प्रशासन से मास्क, सेनिटाइजर और पीपीई किट न मिलने से परेशानी हो रही है.

जवानों से ली जा रही डबल ड्यूटी

विजय कुमार ने बताया कि होमगार्ड के पुरुष जवानों से अस्पताल में डबल ड्यूटी ली जा रही है. उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल मे जवान डबल ड्यूटी दे रहे हैं, लेकिन जवानों को किसी भी तरह से प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल पा रही है. कोरोना के आइसोलेशन वार्ड के बाहर जहां पर कोरोना मरीजों को रखा गया है, वहां पर होमगार्ड के जवान बिना पीपीई किट के ड्यूटी दे रहे हैं.

कोरोना वार्ड में जिन मरीजों की मौत हो जाती है, उन मरीजों के शवों को डेड हाउस तक ले जाने का काम भी इन दिनों होमगार्ड के जवानों के कंधों पर ही है, लेकिन सुविधाएं सिर्फ नाम मात्र. उन्होंने कहा कि इस बारे में प्रशासन को कई बार कहा भी जा चुका है, लेकिन अभी तक उन्हें सिर्फ दिलासे ही उन्हें दिए जा रहे हैं.

बहरहाल जो भी हो फ्रंट लाइन पर इस समय हर कोई उम्दा कार्य कर रहा है. प्रदेश सरकार यह दावा तो कर रही है कि फ्रंटलाइन वर्करों का ध्यान रखा जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत में तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है.

ये भी पढ़ें: कोरोना से जंग में सेना ने दिया प्रदेश सरकार का सहयोग, संजौली में 60 बेड का अस्पताल प्रशासन को सौंपा

सोलन: प्रदेश भर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से लड़ाई में मेडिकल कर्मियों के साथ पुलिसकर्मी फ्रंट लाइन पर खड़े हैं. जहां सड़कों पर पुलिस कोरोना काल में फ्रंट लाइन पर खड़ी है तो अस्पताल में मेडिकल कर्मी दिन रात सेवाएं दे रहे हैं. अस्पताल में सही व्यवस्था बनाए रखने के लिए होमगार्ड के जवान भी दिन रात ड्यूटी दे रहे हैं. अस्पताल के भीतर मेडिकल कर्मियों के साथ होम गार्ड के जवान फ्रंट लाइन पर डटकर कोरोना महामारी से जंग लड़ रहे हैं.

होम गार्ड जवानों को नहीं मिल रही छुट्टी

कोरोना काल में होम गार्ड के जवान न तो छुट्टी ले पा रहे हैं और ना ही घर की देखभाल कर पा रहे हैं. होमगार्ड जवानों का मानना है कि परिवार से पहले उनके लिए समाज है. समाज सुरक्षित होगा, तभी उनका परिवार भी सुरक्षित होगा. क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में होमगार्ड के जवान कोरोना वार्ड से लेकर कोरोना संक्रमित शवों को एंबुलेंस तक ले जाने के साथ-साथ अन्य वार्डों में दिन-रात ड्यूटी दे रहे हैं. बावजूद इसके होमगार्ड के जवानों को जो सुविधा अस्पताल के भीतर कोरोना संकटकाल के दौरान मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल पा रही है.

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दिन रात अस्पताल में ड्यूटी दे रहे जवान

ईटीवी भारत ने खुद अस्पताल के भीतर जाकर होमगार्ड के जवानों की दिनचर्या को समझा. अस्पताल में कोरोना संक्रमण का टेस्ट करवाने वाले लोगों को सामाजिक दूरी के बारे के जागरूक करना, अस्पताल में पहुंचे बुजुर्गों की मदद करने के साथ-साथ होम गार्ड के जवान लोगों को दुःख की घड़ी में समझाते भी हैं.

वहीं, जिन मरीजों के साथ अस्पताल में कोई नहीं पहुंचता है, उन मरीजों का सहारा भी ये होमगार्ड बनते हैं. क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में 20 होमगार्ड के जवान दिन-रात ड्यूटी दे रहे हैं. होमगार्ड के जवानों की बात की जाए तो क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में 6 महिला होमगार्ड जवान भी है, जो ओपीडी के साथ-साथ वार्डों में भी ड्यूटी दे रही है.

प्रशासन से सुविधाएं देने की मांग

अस्पताल में ड्यूटी दे रही इंदु वर्मा जो कि होमगार्ड की जवान हैं, उनका कहना है कि अस्पताल में कोरोनाकाल के दौरान ड्यूटी करते हुए बहुत सी दिक्कतें आ रही हैं. हम परिवार को भी देख रहे हैं और समाज को भी, लेकिन कई बार मुश्किलों का सामना कर उन्हें काम करना पड़ रहा है.

सुविधाएं नाममात्र

वहीं, होमगार्ड के जवान राकेश कुमार का कहना है कि अस्पताल में विभिन्न वार्डों में वह ड्यूटी पर तैनात हैं. कई बार अस्पताल में कोरोना मरीजों को आइसोलेशन वार्ड तक ले जाते हुए उन्हें न मास्क मिलते हैं, न ग्लब्स और न ही पीपीईकिट. उनका कहना है कि कई बार कोरोना संक्रमित मरीजों के शवों को खुद उन्हें आइसोलेशन वार्ड से लाकर डेड हाउस तक लाना पड़ता है. उनका कहना है कि कोरोनाकाल के दौरान उन्हें अस्पताल में डबल ड्यूटी करनी पड़ रही है लेकिन सुविधाएं नाममात्र है.

दिन-रात ड्यूटी को तैयार

होमगार्ड की जवान रामप्यारी का कहना है कि वे अस्पताल के ऑर्थो वार्ड में ड्यूटी दे रही हैं. उनका कहना है कि कोरोनाकाल के दौरान उन्हें छुट्टी लेने का समय भी नहीं मिल पा रहा है. होमगार्ड की जवान रामप्यारी का कहना है अगर उन्हें छुट्टी नहीं भी मिलती है तो भी वह समाज की सेवा करने के लिए दिन-रात ड्यूटी करने के लिए भी तैयार है, लेकिन प्रशासन उन्हें भी सुविधाएं मुहैया करवाए.

जवानों को नहीं मिल रही मेडिकल किट

होमगार्ड के प्लाटून कमांडर और हॉस्पिटल इंचार्ज विजय कुमार का कहना है कि उनके 20 जवान अस्पताल में इन दिनों कोरोना काल के दौरान ड्यूटी पर तैनात हैं. जिनमें से 6 महिला जवान भी शामिल हैं. महिलाओं से वे दिन के समय में अलग-अलग वार्डों में ड्यूटी ले रहे हैं. क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में तैनात होमगार्ड के जवानों को इन दिनों प्रशासन से मास्क, सेनिटाइजर और पीपीई किट न मिलने से परेशानी हो रही है.

जवानों से ली जा रही डबल ड्यूटी

विजय कुमार ने बताया कि होमगार्ड के पुरुष जवानों से अस्पताल में डबल ड्यूटी ली जा रही है. उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल मे जवान डबल ड्यूटी दे रहे हैं, लेकिन जवानों को किसी भी तरह से प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल पा रही है. कोरोना के आइसोलेशन वार्ड के बाहर जहां पर कोरोना मरीजों को रखा गया है, वहां पर होमगार्ड के जवान बिना पीपीई किट के ड्यूटी दे रहे हैं.

कोरोना वार्ड में जिन मरीजों की मौत हो जाती है, उन मरीजों के शवों को डेड हाउस तक ले जाने का काम भी इन दिनों होमगार्ड के जवानों के कंधों पर ही है, लेकिन सुविधाएं सिर्फ नाम मात्र. उन्होंने कहा कि इस बारे में प्रशासन को कई बार कहा भी जा चुका है, लेकिन अभी तक उन्हें सिर्फ दिलासे ही उन्हें दिए जा रहे हैं.

बहरहाल जो भी हो फ्रंट लाइन पर इस समय हर कोई उम्दा कार्य कर रहा है. प्रदेश सरकार यह दावा तो कर रही है कि फ्रंटलाइन वर्करों का ध्यान रखा जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत में तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है.

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