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सात दवाओं सहित एक हैंड सेनेटाइजर सब स्टैंडर्ड पाए गए, उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल के दवा उद्योगों में निर्मित सात दवाएं और एक हैंड सेनेटाइजर सब स्टैंडर्ड पाए गए हैं. ड्रग अलर्ट के बाद राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण हरकत में आ गया है और संबंधित दवा उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए फेल हुए दवा उत्पादों का पूरा बैच तत्काल बाजार से हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं.

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Published : Feb 16, 2021, 6:25 PM IST

Central drug standards control organization
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन

सोलनः केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल के दवा उद्योगों में निर्मित सात दवाएं और एक हैंड सेनेटाइजर सब स्टैंडर्ड पाए गए हैं. गुणवत्ता के पैमाने पर खरा न उतरने वाली दवाएं और सेनेटाइजर का निर्माण ऊना, बद्दी और पावंटा साहिब स्थित उद्योगों में हुआ है.

वीडियो.

दवा उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी

इसके अलावा सीडीएससीओ की पड़ताल में उत्तराखंड, तेलंगाना, कोलकाता, गुजरात, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर व कर्नाटक स्थित दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं व हैंड सेनेटाइजर भी सबस्टैंडर्ड निकले हैं. सीडीएससीओ के ड्रग अलर्ट में हैंड सेनेटाइजर के अतिरिक्त जिन दवाओं व इंजेक्शन के सैंपल फेल हुए हैं. उनका इस्तेमाल तनाव, संक्रमण, श्वास रोग, हृदय व पेट के रोगों के उपचार में किया जाता है.

फिलवक्त ड्रग अलर्ट के बाद राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण हरकत में आ गया है और संबंधित दवा उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए फेल हुए दवा उत्पादों का पूरा बैच तत्काल बाजार से हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं.

अलग-अलग राज्यों से 1001 दवाओं के सैंपल किए थे एकत्रित

इसके अलावा संबंधित दवा निरिक्षक को दवा उद्योग का दौरा कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के भी निर्देश दिए हैं. काबिले जिक्र है की जनवरी माह में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने देश भर के अलग-अलग राज्यों से 1001 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे. जिनमें से जांच के दौरान 16 दवाएं, इंजेक्शन व सेनेटाइजर सबस्टैंडर्ड पाए गए हैं.

985 दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर पाई गई सही

जबकि 985 दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर सही पाई गई हैं. दवाइयों के ये सैंपल सीडीएससीओ सब-जोन बद्दी, कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद, ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी श्रीनगर ने जांच के लिए जुटाए थे. जिनकी जांच सीडीएल कोलकाता, आरडीटीएल चंड़ीगढ व सीडीटीएल मुबंई में करवाई गई. इस जांच में 16 सैंपल सब-स्टैंडर्ड निकले, जिनमें आठ हिमाचल के दवा उद्योगों के हैं. ये उद्योग ऊना के टाहलीवाल, बद्दी के ईपीआईपी थाना, पांवटा साहिब, बद्दी व झाड़माजरी स्थित हैं.

बाजार से पूरा स्टॉक हटाने के निर्देश

राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि ड्रग अलर्ट में शामिल सभी संबंधित फार्मा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उन्हें सबस्टैंडर्ड दवा का पूरा स्टॉक बाजार से हटाने के आदेश दे दिए गए हैं. इसके अलावा संबंधित क्षेत्रों के दवा निरीक्षकों से भी उद्योगों का निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

ये भी पढ़ेंः- ये शख्स गंवा चुका है आंखों की रोशनी, फिर भी जरूरतमंद लोगों के लिए बना मसीहा

सोलनः केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में हिमाचल के दवा उद्योगों में निर्मित सात दवाएं और एक हैंड सेनेटाइजर सब स्टैंडर्ड पाए गए हैं. गुणवत्ता के पैमाने पर खरा न उतरने वाली दवाएं और सेनेटाइजर का निर्माण ऊना, बद्दी और पावंटा साहिब स्थित उद्योगों में हुआ है.

वीडियो.

दवा उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी

इसके अलावा सीडीएससीओ की पड़ताल में उत्तराखंड, तेलंगाना, कोलकाता, गुजरात, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर व कर्नाटक स्थित दवा उद्योगों में निर्मित दवाएं व हैंड सेनेटाइजर भी सबस्टैंडर्ड निकले हैं. सीडीएससीओ के ड्रग अलर्ट में हैंड सेनेटाइजर के अतिरिक्त जिन दवाओं व इंजेक्शन के सैंपल फेल हुए हैं. उनका इस्तेमाल तनाव, संक्रमण, श्वास रोग, हृदय व पेट के रोगों के उपचार में किया जाता है.

फिलवक्त ड्रग अलर्ट के बाद राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण हरकत में आ गया है और संबंधित दवा उद्योगों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए फेल हुए दवा उत्पादों का पूरा बैच तत्काल बाजार से हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं.

अलग-अलग राज्यों से 1001 दवाओं के सैंपल किए थे एकत्रित

इसके अलावा संबंधित दवा निरिक्षक को दवा उद्योग का दौरा कर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के भी निर्देश दिए हैं. काबिले जिक्र है की जनवरी माह में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने देश भर के अलग-अलग राज्यों से 1001 दवाओं के सैंपल एकत्रित किए थे. जिनमें से जांच के दौरान 16 दवाएं, इंजेक्शन व सेनेटाइजर सबस्टैंडर्ड पाए गए हैं.

985 दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर पाई गई सही

जबकि 985 दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर सही पाई गई हैं. दवाइयों के ये सैंपल सीडीएससीओ सब-जोन बद्दी, कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद, ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी श्रीनगर ने जांच के लिए जुटाए थे. जिनकी जांच सीडीएल कोलकाता, आरडीटीएल चंड़ीगढ व सीडीटीएल मुबंई में करवाई गई. इस जांच में 16 सैंपल सब-स्टैंडर्ड निकले, जिनमें आठ हिमाचल के दवा उद्योगों के हैं. ये उद्योग ऊना के टाहलीवाल, बद्दी के ईपीआईपी थाना, पांवटा साहिब, बद्दी व झाड़माजरी स्थित हैं.

बाजार से पूरा स्टॉक हटाने के निर्देश

राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि ड्रग अलर्ट में शामिल सभी संबंधित फार्मा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उन्हें सबस्टैंडर्ड दवा का पूरा स्टॉक बाजार से हटाने के आदेश दे दिए गए हैं. इसके अलावा संबंधित क्षेत्रों के दवा निरीक्षकों से भी उद्योगों का निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

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