सोलन: हिमाचल प्रदेश सरकार सोलन को नगर निगम बनाने की घोषणा चुकी है, लेकिन अभी भी ग्रामीण लोग इसका विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि नगर निगम बनाने से पहले जब सरकार ने आपत्तियां मांगी तो ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल न करने के लिए चेताया गया था, लेकिन अब जो नोटिफिकेशन सरकार ने जारी की है उसके अनुसार ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल किए गए हैं.
ग्रामीण संघर्ष समिति के अध्यक्ष कमल किशोर ने बताया कि सरकार ने फैसला लिया था कि नगर निगम में ग्रामीण क्षेत्र को शामिल नहीं किया जाएगा, लेकिन अब जो नोटिफिकेशन के आधार पर खसरा नंबर दिया जा रहा है. उनमें लोगों के घर के और घासनीयां भी आ रही हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों को बहुत से दिक्कतें सामने आने वाली है.
उनका कहना है कि सरकार बोलती कुछ और करती कुछ है, उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी नगर निगम संघर्ष समिति का संघर्ष जारी रहेगा. जब तक कि सरकार इस फैसले को लेकर पुनर्विचार नहीं कर लेती है. उन्होंने कहा कि अपनी मंशा पूरी करने के लिए सरकार नगर निगम बना रही है, उन्होंने कहा कि आगामी पंचायत, विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा का विरोध कर जनता उन्हें जवाब देगी.
नगर निगम संघर्ष समिति के सदस्य विकास का कहना है कि नगर निगम बनाए जाने से उनका कोई विरोध नहीं था. यह बात वह लोग पहले भी कह चुके हैं, लेकिन जिस तरह से सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके गांव के हिस्से को भी लिया है.
उससे साफ जाहिर होता है कि सरकार गांव वासियों की नहीं सुनना चाहती है. उन्हें खाकर जो पंचायतों के द्वारा काम ग्रामीण इलाकों के हो रहे हैं. वह निगम में आने से नहीं होंगे उन्हें कहा कि सरकार का विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार अपना निर्णय रोलबैक नहीं कर लेती.
बता दें कि सरकार के फैसले के बाद अब नगर निगम संघर्ष समिति सुर्ख हो चुकी है. ग्रामीणों की बात की जाए तो ग्रामीणों में अब पुरुष के साथ-साथ महिलाएं और युवा भी जुड़ चुके हैं जोकि ग्रामीण संघर्ष समिति के बैनर तले नगर निगम में ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल करने का विरोध कर रहे हैं.
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