सोलन: हिमाचल प्रदेश में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग को उनके हक दिलाने के लिए प्रदेश में दलित पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक परिषद का गठन किया गया है. सोलन में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व मंत्री गंगूराम मुसाफिर ने बताया कि प्रदेश में दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को उनका हक दिलाने के लिए परिषद का गठन किया गया है.
जिसमें पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार को प्रदेश अध्यक्ष और उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. उन्होंने बताया कि अभी प्रदेश स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. इसके बाद जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया जाएगा. प्रदेश में यह परिषद दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग की आवाज बनेगा.
'केंद्र और प्रदेश सरकार संविधान की उड़ा रहे धज्जियां'
गंगूराम मुसाफिर ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने जो वादे सत्ता में आने से पहले जनता से किए थे वह सिर्फ नारों तक ही सीमित रह गए हैं. जमीनी स्तर पर वह अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं. भाजपा के शासन में अमीर ज्यादा अमीर और गरीब ज्यादा गरीब हुआ है. उन्होंने कहा कि पहले नोटबंदी फिर लॉकडाउन ने लोगों का रोजगार छिना है. केंद्र और प्रदेश की सरकार संविधान की धज्जियां उड़ा रही है.
'कानून व्यवस्था का प्रदेश में निकल रहा जनाजा'
उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार कानून व्यवस्था का जनाजा निकलता जा रहा है. अधिकारी अधिकारी से लड़ रहा है तो महिलाएं अपने ही घर में असुरक्षित महसूस कर रही हैं. भाजपा नेता की पत्नी ने अपने ही पति पर आरोप लगाए हैं, जो कि दिखाती है कि महिलाएं अपने ही घर पर कितनी सुरक्षित हैं.
'वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में लड़ा जाएगा 2022 का चुनाव'
उन्होंने कहा कि 2022 में जनता भाजपा को इन सब बातों का मुंहतोड़ जवाब देगी. गंगूराम मुसाफिर ने कहा कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री का चेहरा कांग्रेस की ओर से वीरभद्र सिंह होंगे. उनके नेतृत्व में कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़कर 2022 में प्रदेश में सत्तासीन होगी.
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