सोलन: जिला सोलन को टमाटर के लिए देशभर में पहचाना जाता है. इन दिनों प्रदेश के ऊपरी इलाकों में सेब का सीजन तो वहीं निचले क्षेत्रों में लाल सोना यानी टमाटर का सीजन है. हिमाचल के टमाटर की इन दिनों प्रदेश के बाहरी राज्यों में मांग बढ़ी है, जिसके कारण किसानों को इसके अच्छे दाम मिल रहे हैं.
टमाटर की अच्छी पैदावार और सही दाम मिलने से किसान भी खुश हैं. किसानों को पिछले साल के मुकाबले इस बार 2 गुना दाम अच्छे दाम मिल रहे हैं. कोरोना वायरस के कारण जहां मटर और शिमला मिर्च के सीजन से उन्हें नुकसान झेलना पड़ा. वहीं, टमाटर उस नुकसान की भरपाई कर रहा है.
पिछले साल करीब 3 लाख क्विंटल टमाटर का कारोबार सोलन सब्जी मंडी में किया गया. वहीं, इस साल सब्जी मंडी सोलन में 1 लाख 88 हजार क्विंटल टमाटर पहुंच चुका है. जून 2020 में ही टमाटर की शुरुआत होने से किसानों को टमाटर के कम दाम मिले थे. शुरुआती दिनों में टमाटर प्रति क्रेट 400 से 500 रूपये बिक रहा था, लेकिन अब मांग बढ़ने और अच्छी पैदावार होने के चलते किसानों को 900 से 1200 और 1300 प्रति क्रेट दाम मिल रहे हैं.
वहीं, बाहरी राज्यों से आने वाला टमाटर 600 से 700 रुपये प्रति क्रेट बिक रहा है. बता दें की सोलन सब्जी मंडी से टमाटर इन दिनों यूपी, दिल्ली, फैजाबाद और राजस्थान जा रहा है.
सोलन सब्जी मंडी में हिम सोना किस्म का टमाटर प्रति क्रेट 700 से लेकर 1200 रुपये तक बिक रहा है, जबकि हाइब्रिड किस्म का टमाटर भी 500 से 1 हजार रुपये तक बिक रहा है. सोलन के आसपास से मंडी आने वाले टमाटर में को लोड करके पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान भेजा जा रहा है. वहां टमाटर की अधिक खपत होती है. ऐसे में देश की अन्य मंडियों की अपेक्षा राजस्थान से टमाटर की डिमांड ज्यादा रहती है.
पहले यह आशंका जताई जा रही थी कि कोरोना वायरस के दौर में किसानों को इस बार टमाटर के दाम अच्छे नहीं मिलेंगे, लेकिन टमाटर के दाम में देखने को मिला उछाल किसानों के लिए अच्छा है. अच्छी ग्रेडिंग का का टमाटर होने से इसकी मांग लगातार बाहरी मंडियों में बढ़ती जा रही है.
सब्जी मंडी सोलन में रोजाना टमाटर के 1 हजार से 2 हजार क्रेट पहुंच रहे हैं. बाहरी राज्यों में इस बार टमाटर की आपूर्ति कहीं से न होने के चलते इन दिनों हिमाचल के टमाटर की मांग देश के कई राज्यों से आ रही है. इसके चलते रोजाना 100 से 150 गाड़ियां सोलन सब्जी मंडी से बाहरी राज्यों के लिए जा रही है. वहीं, ज्यादा मांग के चलते किसानों को इसके अच्छे दाम मिल रहे हैं.
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