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नौणी के किसान ने शुरू की प्राकृतिक खेती, पहले ही ट्रायल में बढ़िया पैदावार के साथ पाई अच्छी आमदनी - नरेंद्र कुमार प्राकृतिक खेती

सोलन के रंगाह गांव के किसान नरेंद्र कुमार जहर मुक्त खेती यानि प्राकृतिक खेती को अपना कर अपनी उपज का अच्छा दाम हासिल कर रहे हैं. जानिए इस किसान की पूरी कहानी

farmer started natural farming in solan
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Published : Nov 26, 2019, 7:53 PM IST

सोलन: जिला सोलन के रंगाह गांव के किसान नरेंद्र कुमार जहर मुक्त खेती यानि प्राकृतिक खेती को अपना कर अपनी उपज का अच्छा दाम हासिल कर रहे हैं. प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत कृषि विभाग से ट्रेनिंग हासिल करने के बाद किसान नरेंद्र कुमार ने प्राकृतिक खेती करना शुरू किया.

नरेंद्र कुमार ने सबसे पहले आधा बीघा जमीन में टमाटर की खेती शुरू की. इसमें उन्होंने प्राकृतिक खेती मे अपनाए जाने वाले जीवामृत, बीजामृत, घनजीवामृत आदि को तैयार कर अपने खेतों मे डाला और बिना महंगे रसायनों के टमाटर की अच्छी पैदावार ली. इसके लिए नरेंद्र कुमार को मंडी में पचास से सौ रूपये तक ज्यादा कीमत मिली. इसपर नरेंद्र कुमार का कहना है कि अगर इसी तरह से उन्हें उनकी पैदावार के दाम मिलते रहे तो इस छोटे से खेत से ही वे कम लागत में करीब बीस हजार तक की आमदनी प्राप्त कर सकेंगे.

नरेंद्र कुमार ने कहा कि इस सीजन में जहां दूसरे किसानों के टमाटर खत्म हो चुके हैं. वहीं इनके खेतों मे प्राकृतिक खेती करने पर लगाए गए टमाटर अभी भी चल रहे हैं. साथ ही करीब दो माह तक इस खेत से वे टमाटर की और पैदावार ले सकते हैं.

किसान नरेंद्र कुमार ने कहा कि कृषि विभाग से ट्रेनिंग हासिल करने के बाद उन्होंने प्राकृतिक खेती को करना शुरू किया. सबसे पहले आधा बीघा खेत में टमाटर की खेती शुरू की, जिसमें प्राकृतिक खेती में अपनाए जाने वाले जीवामृत, बीजामृत, घनजीवामृत आदि को तैयार कर अपने खेतों में डाला और बिना रसायनों के टमाटर की अच्छी पैदावार ली. उनकी पैदावार के लिए मंडी में भी पचास से सौ रूपये तक ज्यादा दाम मिले.

वहीं, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी के डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ.ऐ के नेगी ने बताया कि किसान नरेंद्र कुमार ने कृषि विभाग से साल 2018 में प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग ली. नरेंद्र कुमार ने अपना पहला ट्रायल टमाटर का लगाया है. उसमें किसी तरह की भी बीमारी नहीं लगी है. साथ ही पैदावार भी काफी अच्छी हुई है. ऐसे में हम किसानों से आग्रह करते हैं कि वे भी इसी तरह प्राकृतिक खेती अपनाएं और अपनी लागत को भी कम करें और जहर मुक्त उत्पाद पैदा करें.

वीडियो रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: असम में होने वाली इंटरनेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता में अपने पंच का दम दिखाएगी हिमाचल की 'मैरीकॉम'

सोलन: जिला सोलन के रंगाह गांव के किसान नरेंद्र कुमार जहर मुक्त खेती यानि प्राकृतिक खेती को अपना कर अपनी उपज का अच्छा दाम हासिल कर रहे हैं. प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत कृषि विभाग से ट्रेनिंग हासिल करने के बाद किसान नरेंद्र कुमार ने प्राकृतिक खेती करना शुरू किया.

नरेंद्र कुमार ने सबसे पहले आधा बीघा जमीन में टमाटर की खेती शुरू की. इसमें उन्होंने प्राकृतिक खेती मे अपनाए जाने वाले जीवामृत, बीजामृत, घनजीवामृत आदि को तैयार कर अपने खेतों मे डाला और बिना महंगे रसायनों के टमाटर की अच्छी पैदावार ली. इसके लिए नरेंद्र कुमार को मंडी में पचास से सौ रूपये तक ज्यादा कीमत मिली. इसपर नरेंद्र कुमार का कहना है कि अगर इसी तरह से उन्हें उनकी पैदावार के दाम मिलते रहे तो इस छोटे से खेत से ही वे कम लागत में करीब बीस हजार तक की आमदनी प्राप्त कर सकेंगे.

नरेंद्र कुमार ने कहा कि इस सीजन में जहां दूसरे किसानों के टमाटर खत्म हो चुके हैं. वहीं इनके खेतों मे प्राकृतिक खेती करने पर लगाए गए टमाटर अभी भी चल रहे हैं. साथ ही करीब दो माह तक इस खेत से वे टमाटर की और पैदावार ले सकते हैं.

किसान नरेंद्र कुमार ने कहा कि कृषि विभाग से ट्रेनिंग हासिल करने के बाद उन्होंने प्राकृतिक खेती को करना शुरू किया. सबसे पहले आधा बीघा खेत में टमाटर की खेती शुरू की, जिसमें प्राकृतिक खेती में अपनाए जाने वाले जीवामृत, बीजामृत, घनजीवामृत आदि को तैयार कर अपने खेतों में डाला और बिना रसायनों के टमाटर की अच्छी पैदावार ली. उनकी पैदावार के लिए मंडी में भी पचास से सौ रूपये तक ज्यादा दाम मिले.

वहीं, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी के डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ.ऐ के नेगी ने बताया कि किसान नरेंद्र कुमार ने कृषि विभाग से साल 2018 में प्राकृतिक खेती की ट्रेनिंग ली. नरेंद्र कुमार ने अपना पहला ट्रायल टमाटर का लगाया है. उसमें किसी तरह की भी बीमारी नहीं लगी है. साथ ही पैदावार भी काफी अच्छी हुई है. ऐसे में हम किसानों से आग्रह करते हैं कि वे भी इसी तरह प्राकृतिक खेती अपनाएं और अपनी लागत को भी कम करें और जहर मुक्त उत्पाद पैदा करें.

वीडियो रिपोर्ट

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Intro:प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना नौणी के किसान के लिये बनी आजीविका का साधन

:-नौणी के किसान ने शुरू की प्राकृतिक खेती,, पहली ही ट्रायल में पाई अच्छी आमदनी


जहर मुक्त खेती यानि प्राकृतिक खेती को अपना कर जिला सोलन के रंगाह गांव के किसान नरेंद्र कुमार अपनी उपज का अच्छा दाम हासिल कर रहे हैं आपको बता दें कि प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत कृषी विभाग से ट्रेनींग हासिल करने के बाद किसान नरेंद्र कुमार ने प्राकृतिक खेती को करना आरंभ किया उन्होने सबसे पहले आधा बीघा खेत मे टमाटर की खेती शुरू की जिसमे उन्होने प्राकृतिक खेती मे अपनाए जाने वाले जीवामृत बीजामृत घनजीवामृत आदि को तैयार कर अपने खेतों मे डाला और बिना कीसी महंगे सरायनों के इन्होने अपने आधा बीघा के खेत से टमाटर की अच्छी पैदावार ली और जिसके उन्हे मंडी मे भी पचास से सौ रूपये तक अधिक दाम मिले वहीं उनका कहना है कि यदि इसी तरह से मंडी मे उनकी पैदावार के दाम मिलते रहे तो इस छोटे से खेत से ही वे कम लागत मे करीब बीस हजार तक की आमदनी प्राप्त कर लेंगे। उन्होने कहा कि जहां क्षेत्र के किसानों के इस सीजन के टमाटर समाप्त हो चुके हैं वहीं इनके खेतों मे प्रकृतिक खेती पद्धति द़वारा लगाए टमाटर अभीभी चल रहे हैं और करीब दो माह तक इस खेत से वे टमाटर की और पैदावार ले सकते हैं।

Body:वहीं किसान नरेंद्र कुमार ने बताया कि कृषी विभाग से ट्रेनींग हासिल करने के बाद प्राकृतिक खेती को करना आरंभ किया और सबसे पहले आधा बीघा खेत मे टमाटर की खेती शुरू की जिसमे प्राकृतिक खेती मे अपनाए जाने वाले जीवामृत बीजामृत घनजीवामृत आदि को तैयार कर अपने खेतों मे डाला और बिना कीसी महंगे सरायनों के इन्होने अपने आधा बीघा के खेत से टमाटर की अच्छी पैदावार ली और जिसके मंडी मे भी पचास से सौ रूपये तक अधिक दाम मिले।


बाईट- 1 नरेंद्र कुमार , किसान


Conclusion:वहीं डीप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर आत्मा सोलन डा ऐ के नेगी ने बताया कि किसान नरेंद्र कुमार ने कृषी विभाग से साल 2018 मे प्राकृतिक खेती की ट्रेनींग ली और जो इन्होने अपना पहला ट्रायल टमाटर का लगाया है उसमे किसी तरह की की बीमारी नही लगी है और पैदावार भी काफी अच्छी हुई है और मंडी मे भी इसका पचास से सौ रूपये तक अधिक दाम इन्हे मिल रहा है एसे ही हम किसानों से आग्रह करते है कि वे भी इसी तरह प्राकृतिक खेती अपनाए । और अपनी लागत को भी कम करें और जहर मुक्त उत्पाद पैदा करें।

बाईट- 2 डा ऐ के नेगी डीप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर आत्मा सोलन
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