सोलनः पहाड़ी प्रदेश में सबसे बड़ी चुनौती शहरों को बसाना है. हिमाचल प्रदेश में तेजी से शहरों को बसाया जा रहा है, लेकिन प्लानिंग की कमी होने की वजह से समस्या पैदा हो रही है. इन्हीं समस्याओं में से एक अतिक्रमण की समस्या है. सोलन शहर में रेहड़ी फड़ी वाले अतिक्रमण कर रहे हैं, जिसके कारण जाम की समस्या पैदा हो रही है. शहर में जाम की समस्या से शहर के लोग बेहद परेशान हैं.
शहर में चरमरा रही ट्रैफिक व्यवस्था
फुटपाथ पर रेहड़ी फड़ी स्टॉल से अतिक्रमण की वजह से शहर में ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा रही है. प्रशासन की ओर से समय-समय पर की जाने वाली कार्रवाई के बावजूद हालात ज्यों के त्यों बने हुए हैं. पिछले 20 साल से रेहड़ी फड़ी वाले सड़क पर बैठ दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने में जुटे हैं. सड़क पर बैठ रोटी का जुगाड़ करना उनका शौक नहीं, बल्कि मजबूरी है.
रेहड़ी-फड़ी वालों को सिर्फ आश्वासन
फुटपाथ पर बैठे इन रेहड़ी-फड़ी वालों को सरकार-प्रशासन की ओर से हर बार सिर्फ नई जगह के लिए आश्वासन ही मिलते हैं. कामकाज के लिए जगह तो दूर, प्रशासन की ओर से इन्हें हर निरीक्षण के दौरान चालान का एक पर्चा थमा दिया जाता है. यही नहीं, एमसी कर्मचारी रेहड़ी-फड़ी वालों का सामान भी जब्त कर लेते हैं.
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बड़े दुकानदार भी कर रहे अतिक्रमण
रेहड़ी-फड़ी वालों के अलावा यहां शहर के बड़े-बड़े दुकानदार भी अपनी दुकानों के बाहर सड़क पर अतिक्रमण कर लेते हैं. त्योहारों के समय यह अतिक्रमण और भी ज्यादा हो जाता है. अतिक्रमण की इस गंभीर समस्या पर नगर निगम सोलन नियमों के मुताबिक कार्रवाई कर रहा है. नगर निगम सोलन नॉन वैंडिंग जोन में बैठे तहबाजारियों पर ही कार्रवाई करता है.
सरकार-प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं रेहड़ी-फड़ी धारक
रेहड़ी फड़ी वालों ने अधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक अपनी बात रखी, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कभी कुछ नहीं मिलता. आश्वासन तब जरुर काम का होता, अगर आश्वासन से पेट भर सकता. फिलहाल रेहड़ी फड़ी वाले सरकार-प्रशासन से सिर्फ उम्मीद लगाए बैठे हैं और प्रशासनिक अधिकारी कागजी कार्रवाई की बात करते है, लेकिन यह बातें फाइल से निकलकर कब तक वास्तविक रुप ले पाएंगी. इस बारे में शायद अधिकारी खुद भी नहीं जानते.
जमीनी स्तर पर काम करने की जरुरत
बढ़ रही जनसंख्या के साथ यह समस्या भी विकराल होती चली जा रही है. समस्या के समाधान के लिए किसी ठोस नीति की जरुरत है. अगर समय रहते इसका समाधान नहीं ढूंढा गया, तो आने वाले समय में यह समस्या और अधिक विकराल हो जाएगी. सरकार-प्रशासन को वादों और कागजी कार्रवाई से आगे बढ़ जमीनी स्तर पर काम करने की जरुरत है.
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