सोलन: हर घर तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार बड़ी पंचायतों का विभाजन कर रही है. सोलन में पलोग मांझू पंचायत के लोगों ने सर्वसम्मति से मांझू पंचायत की दो भागों में बांटने का प्रस्ताव सम्बंधित विभाग को भेजा था, लेकिन इस प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई ना होने से स्थानीय ग्रामीणों में सरकार और प्रशासन के खिलाफ रोष देखने को मिल रहा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब सर्वसम्मति से दो पंचायत बनाने का प्रस्ताव सम्बंधित विभाग को भेजा गया तो क्यो पलोग पंचायत दो भागों में नही बांटा गया. इस पंचायत के अंदर रहने वाले निवासियों को किसी भी निजी एवं सरकारी कार्य के लिए यहां तक की केवल एक हिमाचली प्रमाण पत्र के लिए भी 8 से 9 किलोमीटर तक सफर करना पड़ता है. जिसके चलते पंचायत प्रधान व सचिव और अन्य पदाधिकारियों को बैठक में कोरम पूरा करना मुश्किल हो जाता है.
पलोग पंचायत के प्रधान योगेश चौहान ने बताया कि इस बार पलोग पंचायत का विभाजन कर एक अन्य अलग खनलग पंचायत बनाने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर सम्बंधित विभाग को भेजा गया था. जिसमे खनलग गांव के साथ अन्य सात राजस्व ग्राम जोड़कर अलग खनलग पंचायत का निर्माण हो सकता है. उनका कहना है कि पंचायत पलोग क्षेत्रफल के कारण बहुत बड़ी है. जिसके कारण विकास का पहिया धन की कमी के चलते रुक जाता है.
योगेश चौहान ने कहा कि इस दृष्टि से पलोग पंचायत का विभाजन करना उचित है. उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि जनहित में आबादी को आधार न रख क्षेत्रफल के हिसाब से पलोग पंचायत का विभाजन कर खनलग पंचायत का निर्माण किया जाना चाहिए.
वहीं, पूर्व प्रधान धर्म सिंह का कहना है कि अगर पलोग पंचायत का विभाजन कर खनलग पंचायत बनाई जाती है तो इसमें दो गांव जो अनुसूचित जाति से सम्बंधित हैं, वह भी लाभान्वित होंगे क्योकि यह गांव पंचायत मुख्यालय से 8 या 9 किलोमीटर दूर है. उन्होंने कहा कि पलोग पंचायत का विभाजन कर अलग पंचायत न बनने से लोगों में सरकार और सम्बंधित विभाग के प्रति रोष देखने को मिल रहा है. लोगों ने सरकार और प्रशासन से मांग है कि पुनर्विचार कर इस पंचायत को दो भागों में बांटा जाना चाहिए.