बद्दी/चंडीगढ़: कोरोना के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड भी बढ़ गई है. डिमांड को देखते ही इसकी कालाबाजारी और अवैध बिक्री भी बढ़ गई है. चंडीगढ़ के सेक्टर-17 स्थित एक होटल में रेमडेसिविर इंजेक्शन की अवैध डील करते हुए पांच लोगों को ऑपरेशन सेल ने गिरफ्तार किया है.
पकड़े गए आरोपियों के तार बद्दी स्थित हैल्थ बायोटैक कंपनी से जुड़े हुए हैं. ऑपरेशन सेल ने जब पांचों आरोपियों से पूछताछ की तो पता चला कि तीन हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की डील तय हुई थी. होटल में डील के लिए सिर्फ सैंपल लाए गए थे. पूछताछ के बाद बद्दी स्थित हेल्थ बायोटेक कंपनी में छापेमारी की गई. जहां पुलिस को रेमडेसिविर इंजेक्शन की तीन हजार डोज बरामद हुई. बरामद की गए इंजेक्शन को चंडीगढ़ पुलिस ने सील कर दिया है.
डोमेस्टिक तौर पर बेचने की नहीं थी अनुमति
जांच में पता चला कि इस फार्मा कंपनी के पास रेमेडिसविर इंजेक्शन को डोमेस्टिक तौर पर बेचने की परमिशन नहीं थी, इस उद्योग के पास सिर्फ एक्सपोर्ट करने की ही परमिशन थी और केंद्र सरकार ने 11 अप्रैल को इस इंजेक्शन को एक्सपोर्ट करने पर रोक लगा दी थी.
पकड़े गए आरोपितों की पहचान केरल के 21 वर्षीय अभिषेक पीवी, दक्षिण दिल्ली के सुशील कुमार, मध्यप्रदेश के भोपाल के प्रभात त्यागी, केरल के फिलिप जैकॉब ओक्सिलियम पाला और केपी फ्रांसिस के रूप में हुई है. आरोपियों के पास रेमेडिसिवर इंजेक्शन को बेचने और खरीदने का कोई लाइसेंस नहीं मिला. ऑप्रेशन सैल ने आरोपियों के खिलाफ सैक्टर-17 पुलिस स्टेशन में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करवाया और सभी को अदालत में पेश किया. अदालत ने सभी को 4 दिन के रिमांड पर भेज दिया.
कंपनी का डायरेक्टर गिरफ्तार
रेमडेसिविर इंजेक्शन की अवैध डील करने पर हेल्थ बायोटेक लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर जीरकपुर निवासी गौरव चावला को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है, क्योंकि भारत सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन को सीधा मार्केट में बेचने पर रोक लगाई है, लेकिन कंपनी पर इन इंजेक्शन को सीधा लोकल मार्केट में बेचने का आरोप है.
एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध
ड्रग कंट्रोलर नवनीत मारवा ने बताया कि इस रेड के बाद से ही डिप्टी ड्रग कंट्रोलर की निगरानी में 5 सदस्यीय टीम का गठन कर दिया गया है और अपने स्तर पर भी इस मामले की जांच की जा रही है और जिन उद्योगों को फिलहाल रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने की परमिशन मिली हुई है. उन सभी उद्योगों से भी डाटा मंगवाया जा रहा है. केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट पर पूर्णता प्रतिबंध लगा रखा है. हिमाचल में सिर्फ 4 दवा उद्योगों को डोमेस्टिक तौर पर इंजेक्शन बेचने की अनुमति प्राप्त है. इसके अलावा अगर कोई उद्योग गैर कानूनी तरीके से इस इंजेक्शन को बेचता पाया जाएगा तो उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सकती है.
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