नालागढ़/सोलन: नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में इस बार चुनावी मैदान में चेहरे वहीं है, लेकिन पार्टियों के मोहरे बदल चुके हैं. ऐसा इसीलिए क्योंकि साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में जो जो प्रत्याशी एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े थे वो ही नेता अब भी एक दूसरे के खिलाफ़ फिर से चुनावी मैदान में हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में लखविंदर राणा कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़े थे तो वहीं केएल ठाकुर भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में थे और इन चुनावों में कांग्रेस की टिकट न मिलने पर हरदीप बावा ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ा था. इन चुनावों में लखविंदर राणा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर अपने दोनों प्रतिद्वंदियों को धूल चटाई थी.
अब पार्टियों के मोहरे बदल चुके हैं चेहरे अभी भी वही तीन चुनावी मैदान में है, साल 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की तरफ से इस बार हरदीप बावा चुनावी मैदान में है. यह वहीं हरदीप बावा हैं, जिन्होंने साल 2017 में कांग्रेस से नाराज होकर चुनाव लड़ा था. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए लखविंदर राणा इस बार भाजपा की ओर से नालागढ़ में चुनावी मैदान में है तो वहीं इन दोनों को टक्कर देते हुए इस बार भाजपा से नाराज होकर केएल ठाकुर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी रण में उतर चुके हैं.
नालागढ़ विधानसभा सीट पर अब तक ये रहे विधायक: आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2007 के बाद हुए चुनाव में कोई भी विधायक मिशन रिपीट नालागढ़ में नहीं कर पाया है, साल 1967 और 1972 में अर्जेन सिंह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ कर चुनाव जीते थे,उसके बाद 1977 में जनता पार्टी से विजयेंद्र सिंह ने चुनाव लड़ा और जीते उसके बाद साल 1982, 1985 ,1990 और 1993 में लगातार चार बार कांग्रेस के टिकट पर विजयेद्र सिंह ने चुनाव लड़ा और जीता. उसके बाद साल 1998 2003 और 2007 में नालागढ़ सीट पर भाजपा का कब्जा रहा यहां पर 3 मर्तबा हरि नारायण सिंह ने भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ा और चुनाव जीतते आए.
साल 2011 में हरि नारायण सिंह की मृत्यु होने के चलते उपचुनाव हुआ यहां पर कांग्रेस के टिकट से लखविंदर राणा ने चुनाव लड़ा और वे जीते, उसके बाद साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ कर केएल ठाकुर ने नालागढ़ सीट जीती उसके बाद फिर समीकरण बदले और साल 2017 में लखविंदर कांग्रेस की टिकट से चुनकर आए, लेकिन अब लखविंदर राणा भाजपा में शामिल हो चुके हैं और केएल ठाकुर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं.
नालागढ़ सीट पर मिशन रिपीट नहीं कर पाया कोई विधायक: वहीं, कांग्रेस ने हरदीप बावा पर विश्वास जताते हुए उन्हें नालागढ़ में चुनावी मैदान में उतारा है. बहरहाल हरिनारायण सिंह के बाद आज तक नालागढ़ में कोई भी विधायक मिशन रिपीट नहीं कर पाया है. ऐसे में यहां भाजपा के लिए जहां पर अपनों से ही जंग करके जीत हासिल करनी होगी तो कांग्रेस के लिए भी यहां जीत का रास्ता आसान नहीं दिखाई दे रहा है. बता दें कि नालागढ़ विधानसभा में 91,746 मतदाता इस बार अपने मत का प्रयोग करने वाले हैं. नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में 115 मतदान केंद्र होंगे, जिसमें से शहरी 9, ग्रामीण 106, संवेदनशील 15 और अति संवेदनशील 13 मतदान केंद्र हैं. (Voters in nalagarh assembly seat )
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