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हिमाचल के लाल ने देश की सेवा करते हुए दी शहादत,  आज होगा अंतिम संस्कार

कुपवाड़ा में भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए. सोलन जिला के जवान भीम पुन का अंतिम संस्कार शुक्रवार को उनके पैतृक गांव में किया जाएगा

शहीद राहुल पुन
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Published : Nov 7, 2019, 7:33 PM IST

Updated : Nov 8, 2019, 2:36 PM IST

सोलन: भारतीय सेना के जवान भीम बहादुर पुन श्रीनगर में देश सेवा करते हुए शहीद हो गए. भीम बहादुर पुन सोलन जिला के सुबाथू के रहने वाले थे और इन दिनों श्रीनगर में राष्ट्रीय राइफल (आरआर) में तैनात थे. बीते बुधवार को इस अप्रिय घटना की सूचना जब उनके पैतृक गांव नया नगर में पहुंची तो पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई.

जानकारी के अनुसार, भीम पुन और उनके एक साथी क्यूआरटी टीम के साथ पेट्रोलिंग पर थे. इसी दौरान लो विजिबिलिटी के कारण गाड़ी हादसे का शिकार हो गई. हादसे में दो सैनिक शहीद हो गए. फिलहाल श्रीनगर में मौसम खराब होने के कारण जवान का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके पैतृक गांव पहुंचेगा.

बताया जा रहा है कि गुरुवार शाम को हेलीकॉप्टर से जवान का पार्थिव शरीर चंडीगढ़ पहुंचाया गया. वहीं, सेना के जवानों ने भी शोक संतप्त परिवार के घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया. गुरुवार सुबह से ही शहीद के घर लोग सांत्वना देने के लिए आ रहे हैं. भीम पुन अपनी माता-पिता की इकलौती संतान थे. उन्हें बचपन से ही देश सेवा करने का जुनून था. भीम पुन चार साल पहुले ही गोरखा रेजिमेंट में भर्ती हुए थे. वहीं, सैनिक के शहादत पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, कैबिनेट मंत्रियों व अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया है.

सोलन: भारतीय सेना के जवान भीम बहादुर पुन श्रीनगर में देश सेवा करते हुए शहीद हो गए. भीम बहादुर पुन सोलन जिला के सुबाथू के रहने वाले थे और इन दिनों श्रीनगर में राष्ट्रीय राइफल (आरआर) में तैनात थे. बीते बुधवार को इस अप्रिय घटना की सूचना जब उनके पैतृक गांव नया नगर में पहुंची तो पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई.

जानकारी के अनुसार, भीम पुन और उनके एक साथी क्यूआरटी टीम के साथ पेट्रोलिंग पर थे. इसी दौरान लो विजिबिलिटी के कारण गाड़ी हादसे का शिकार हो गई. हादसे में दो सैनिक शहीद हो गए. फिलहाल श्रीनगर में मौसम खराब होने के कारण जवान का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके पैतृक गांव पहुंचेगा.

बताया जा रहा है कि गुरुवार शाम को हेलीकॉप्टर से जवान का पार्थिव शरीर चंडीगढ़ पहुंचाया गया. वहीं, सेना के जवानों ने भी शोक संतप्त परिवार के घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया. गुरुवार सुबह से ही शहीद के घर लोग सांत्वना देने के लिए आ रहे हैं. भीम पुन अपनी माता-पिता की इकलौती संतान थे. उन्हें बचपन से ही देश सेवा करने का जुनून था. भीम पुन चार साल पहुले ही गोरखा रेजिमेंट में भर्ती हुए थे. वहीं, सैनिक के शहादत पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, कैबिनेट मंत्रियों व अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया है.

Intro:श्रीनगर में तैनात राहुल पुन घुसपैठियों से मुठभेड़ के दौरान हुआ शहीद,

:-शहीद राहुल पुन अपने माता-पिता का था इकलौता चिराग
:- बचपन से था सेना में जाने का जुनून.... 4 साल पहले हुआ था गोरखा रेजिमेंट में भर्ती
:-आज शाम तक शव को श्रीनगर से चंडीगढ़ तक जहाज में लाया जायेगा



श्रीनगर में तैनात सुबाथू निवासी राहुल पुन घुसपैठियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए। राहुल पुन सुबाथू में करीब चार वर्ष पहले ही 6/1 जीआर में शामिल हुए थे और इन दिनों श्रीनगर में राष्ट्रीय राईफल आरआर में तैनात थे।


बीते दिन बुधवार को राहुल पुन के शहीद होने की सूचना जब उनके पैतृक गांव नयानगर में पहुची तो पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ उठी।

Body:पेट्रोलिंग पर थे तैनात, मुठभेड़ में हुई शहादत हासिल.....
प्राप्त जानकारी के अनुसार राहुल और उनका एक साथी क्यूआरटी टीम के साथ पैट्रोलिंग पर तैनात थे।
श्रीनगर में तैनात सुबाथू निवासी राहुल पुन घुसपैठियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए। इन दिनों श्रीनगर में राष्ट्रीय राईफल आरआर में तैनात थे।

इस दौरान उनके शहीद होने की सूचना मिली है।
वीरवार को सुबह ही 14 जीटीसी के सैनिक अपने शहीद साथी के घर पहुंचकर पूरी तैयारियां करने के बाद परिजनों का ढांढस बंधाने लगे। सुबह से ही शहीद के घर पर सांत्वना देने वालों की भीड़ जुट गई।


Conclusion:माता पिता के इकलौते थे राहुल......
जानकारी के अनुसार शहीद राहुल पुन अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। बचपन से ही देश सेवा करने का जुनून राहुल में था।

शव को श्रीनगर से चंडीगढ़ तक जहाज में लाया जा रहा है। लेकिन श्रीनगर में मौसम खराब होने के कारण दोपहर बाद तक शहीद का पार्थिव शरीर सुबाथू नहीं पहुंच पाया।
Last Updated : Nov 8, 2019, 2:36 PM IST
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