सोलन: निम्न स्तर की दवाओं के निर्माण पर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में चल रही कई फार्मा कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है. इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश की 10 कंपनियां भी इन कंपनियों में शामिल में हैं, जिनमें से 7 दवा कंपनियों में दवाओं का उत्पादन शुरू हो गया है. जबकि तीन में अभी भी रोक है.
राज्य दवा नियंत्रक नवनीत मारवाह ने बताया कि यह कार्रवाई दिसंबर से जारी है. इस रिस्क बेस्ड इंस्पेक्शन के तहत प्रदेश की 33 दवा कंपनियों की जांच की गई थी, जिसमें से 10 में खामियां पाए जाने पर उनके उत्पादन पर रोक लगा दी गई थी. जिनमें से अब 7 ने अपने उत्पादन की स्थिति को ठीक कर लिया है. वहीं, 3 अन्य कंपनियां जैसे ही नियमों को पूरा करेगी उनमें भी उत्पादन शुरू हो जाएगा. बता दें कि हिमाचल में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया डीसीजीआई और ड्रग विभाग ने संयुक्त रूप से 33 कंपनियों में रिस्क बेस्ड निरीक्षण किया था. डीसीजीआई ने कुल 20 राज्यों की 76 कंपनियों का निरीक्षण किया था. इनमें हिमाचल की 33, उत्तराखंड की 45 और मध्यप्रदेश के 23 कंपनी शामिल हैं.
हिमाचल की इन कंपनियों में बंद हुआ था उत्पादन: हिमाचल प्रदेश की श्रीसाईं बाबाजी फार्माटेक प्राइवेट कंपनी, सोलन ईजी फार्मास्युटिकल, सिरमौर के नाहन रोड पर कालाअंब के रामपुर जट्टान में स्थित एथेंस लाइफ साइंसेज, पांवटा साहिब के नारीवाला में लैबोरेट कंपनी के यूनिट, जीएनबी मेडिका लैब को टेबलेट, कैप्सूल, ड्राई सिरप, इंजेक्टेबल, सेशे और प्रोटीन पाउडर का उत्पादन, कालाअंब में गनोसिस कंपनी को कॉस्मेटिक मैन्युफैक्चरिंग का निर्माण कार्य बंद करने को कहा था. ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के शेड्यूल एम के प्रावधानों और उसके तहत बनाए गए नियमों का पालन करने के निर्देश के साथ सख्त चेतावनी दी गई थी.
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