नाहन: देश सहित प्रदेश पर भी कोरोना की बड़ी मार पड़ी है. संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के साथ-साथ 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग का भी वैक्सीनेशन जोरों पर चल रहा है. वैक्सीनेशन को लेकर लोगों को किन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने सिरमौर जिला में स्थिति का जायजा लिया.
इस बीच पाया गया कि एक ओर जहां 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीनेशन को लेकर दिक्कत नहीं आ रही है, लेकिन 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन के स्लॉट बुक करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिले में 17 सेंटर्स पर लोगों का वैक्सीनेशन हो रहा है.
स्लॉट बुक करने में आ रही परेशानी
नाहन में बातचीत के दौरान युवाओं ने कहा कि एक ओर जहां केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों का आधार कार्ड दिखाने पर मौके पर ही वैक्सीनेशन करवाने की गाइडलाइन जारी की है, तो वहीं प्रदेश में अब भी ऑनलाइन पंजीकरण करवाने की व्यवस्था लागू है. ऐसे में वह कई बार ऑनलाइन बुकिंग को लेकर प्रयास कर चुके हैं, लेकिन कुछ ही देर में स्लॉट फुल जाने की वजह से उनका नंबर नहीं आ पा रहा है.
वैक्सीनेशन शेड्यूल में हुआ बदलाव
सीएमओ डॉ. केके पराशर का कहना है कि कोविड वैक्सीनेशन के शेड्यूल में बदलाव किया गया है. पहली डोज के बाद जो दूसरी डोज लगनी थी, उसे पहले 28 दिन का किया गया. फिर 42 दिन और अब इसे 84 दिन कर दिया गया है. यानी अब पहली डोज के बाद दूसरी डोज 84 दिन के बाद लगेगी. उन्होंने कहा कि इसके पीछे कारण यह है कि वैक्सीन की दूसरी डोज जितनी देरी से लगाई जाएगी, शरीर में उतने ही एंटी बॉडी ज्यादा बनेंगे. हालांकि पहली डोज को लेकर कुछ शिकायतें आ रही हैं, जिन्हें यह समझाया जा रहा है कि अब दूसरी डोज के लिए समयावधि को बढ़ा दिया गया है. सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक ही वैक्सीनेशन होगा.
स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के हिसाब से हो रहा वैक्सीनेशन
जिले 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए पुरानी व्यवस्था ही है, जिसके तहत संबंधित लोग आन द स्पॉट आधार कार्ड और आयु प्रमाण पत्र दिखाकर वैक्सीनेशन करवा सकते हैं. वहीं, 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीनेशन कोविन पोर्टल के माध्यम से ही हो रहा है. वैक्सीनेशन से दो दिन पहले ही स्लॉट खुलता है. वैक्सीनेशन बूथ पर आने वाले संबंधित व्यक्ति का सबसे पहले आधार कार्ड देखा जाता है, ताकि आयु का सही पता चल सके. डाटा अपलोड करने के बाद ही वैक्सीन लगाई जाती है. वैक्सीन के बाद मोबाइल पर संबंधित तारीख को लेकर मैसेज भी आता है.
एक लाख बीस हजार से ज्यादा लोगों का हो चुका है वैक्सीनेशन
जिले में 25 मई तक 87,334 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज और 23,870 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई जा चुकी है. वैक्सीनेशन का सिलसिला लगातातर चल रहा है. जिले में स्लॉट बुक करवाने के अलावा लोगों को अन्य किसी तरह की परेशानी वैक्सीनेशन सेंटर्स पर नहीं हो रही है.
31 लाख लोगों को लगनी है वैक्सीन
हिमाचल प्रदेश में 18 से 44 साल के आयु वर्ग के लिए वैक्सीन की भारी कमी है. पहले और दूसरे चरण को मिला दिया जाए तो कुल वैक्सीन सवा दो लाख डोज ही बनती है जबकि इस आयु वर्ग में 31 लाख लोगों को वैक्सीन लगनी है. राज्य सरकार के समक्ष उपलब्धता के साथ-साथ वैक्सीन खरीदने के लिए भारी-भरकम बजट भी चाहिए. प्रदेश के सीएम ने लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की है. उनका कहना है कि वैक्सीनेशन ही कोरोना से बचने का रक्षा कवच है.
प्रदेश में 72 लाख वैक्सीन के डोज की जरूरत
हिमाचल में 18-44 साल के लोगों के लिए 72 लाख वैक्सीन की डोज चाहिए. यदि राज्य सरकार वैक्सीन के लिए प्रयास करती है तो इसके लिए 432 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे. वहीं स्पूत्निक-वी, को-वैक्सीन से महंगी होने के कारण 682 करोड़ रुपए की पड़ेगी. ऐसे में राज्य सरकार को इसके लिए आर्थिक पहलू पर भी ध्यान देना होगा. हालांकि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष भी यह मामला उठाया है.
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