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सरकार की अनदेखी व खेल नीति से आहत अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा, कर सकते हैं पलायन - नाहन

सिरमौर के अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा का कहना है कि सरकार ने उन्हें डीएसपी पद देने का आश्वासन दिया था. वो खुद चार बार सीएम जयराम ठाकुर से मुलाकात कर चुके हैं.

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Published : Mar 9, 2019, 12:01 AM IST

नाहनःअंतरराष्ट्रीय पटल पर हिमाचल का नाम रोशन करने वाले अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा ने सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए हैं. साथ ही उन्होंने सरकार की खेल नीति पर भी सवाल उठाए हैं. सिरमौर के अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा का कहना है कि सरकार ने उन्हें डीएसपी पद देने का आश्वासन दिया था, लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी सरकार अपना वायदा पूरा नहीं कर पाई है. सुनील की मानें तो वो खुद चार बार सीएम जयराम ठाकुर से मुलाकात कर चुके हैं. वहीं, खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर भी उन्हें हर बार सिर्फ आश्वासन देते रहे.

स्पेशल रिपोर्ट

सुनील शर्मा दिसंबर में चीन में आयोजित एशिया अल्ट्रा रनिंग चैंपियनशिप में भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे और उन्होंने भारत को ब्रॉन्ज मेडल भी दिलवाया था. ग्रेट इंडिया रन में हिस्सा लेकर भी सुनील शर्मा ने हिमाचल का मान बढ़ाया. सुनीलकई बार चैरिटी रन कर कई गरीब लोगों की जिंदगियां बचा चुके हैं.जिसके बाद सुनील शर्मा खूब चर्चा में भी आए.सुनील शर्मा ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश देने के लिए चंडीगढ़ से दिल्ली और जल संरक्षण को लेकर चंडीगढ़ से रेणुका जी तक की दौड़ लगाई थी.

सुनील शर्मा का कहना है कि किसी खिलाड़ी की अगर इस तरह से अनदेखी की जाती है तो उसके मनोबल में गिरावट आती है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ खिलाड़ियों को तुरंत बड़े पदों पर बिठा दिया मगर उनकी सीधे तौर पर अनदेखी हुई है.

सुनील शर्मा ने कहा वह बार-बार शिमला सचिवालय के चक्कर काट रहे हैं.14बार उनकी फाइल सचिवालय पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उन्हें अब भी नौकरी नहीं देती है तो उन्हें मजबूरन हिमाचल से पलायन करना पड़ेगा, क्योंकि उन्हें बाहरी राज्यों से खेलने का न्यौता मिल रहा है. हिमाचल सरकार लगातार खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को लेकर बड़े बड़े वादे करती है, लेकिन जब इस तरह की तस्वीरें सामने आती है तो सरकार की खेल नीति पर सवाल उठना लाजमी है.

नाहनःअंतरराष्ट्रीय पटल पर हिमाचल का नाम रोशन करने वाले अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा ने सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए हैं. साथ ही उन्होंने सरकार की खेल नीति पर भी सवाल उठाए हैं. सिरमौर के अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा का कहना है कि सरकार ने उन्हें डीएसपी पद देने का आश्वासन दिया था, लेकिन लंबा समय बीत जाने के बाद भी सरकार अपना वायदा पूरा नहीं कर पाई है. सुनील की मानें तो वो खुद चार बार सीएम जयराम ठाकुर से मुलाकात कर चुके हैं. वहीं, खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर भी उन्हें हर बार सिर्फ आश्वासन देते रहे.

स्पेशल रिपोर्ट

सुनील शर्मा दिसंबर में चीन में आयोजित एशिया अल्ट्रा रनिंग चैंपियनशिप में भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे और उन्होंने भारत को ब्रॉन्ज मेडल भी दिलवाया था. ग्रेट इंडिया रन में हिस्सा लेकर भी सुनील शर्मा ने हिमाचल का मान बढ़ाया. सुनीलकई बार चैरिटी रन कर कई गरीब लोगों की जिंदगियां बचा चुके हैं.जिसके बाद सुनील शर्मा खूब चर्चा में भी आए.सुनील शर्मा ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश देने के लिए चंडीगढ़ से दिल्ली और जल संरक्षण को लेकर चंडीगढ़ से रेणुका जी तक की दौड़ लगाई थी.

सुनील शर्मा का कहना है कि किसी खिलाड़ी की अगर इस तरह से अनदेखी की जाती है तो उसके मनोबल में गिरावट आती है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ खिलाड़ियों को तुरंत बड़े पदों पर बिठा दिया मगर उनकी सीधे तौर पर अनदेखी हुई है.

सुनील शर्मा ने कहा वह बार-बार शिमला सचिवालय के चक्कर काट रहे हैं.14बार उनकी फाइल सचिवालय पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उन्हें अब भी नौकरी नहीं देती है तो उन्हें मजबूरन हिमाचल से पलायन करना पड़ेगा, क्योंकि उन्हें बाहरी राज्यों से खेलने का न्यौता मिल रहा है. हिमाचल सरकार लगातार खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को लेकर बड़े बड़े वादे करती है, लेकिन जब इस तरह की तस्वीरें सामने आती है तो सरकार की खेल नीति पर सवाल उठना लाजमी है.

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अल्ट्रा मैराथन धावक की अनदेखी

सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप 

वायदें के मुताबिक नही मिला डीएसपी का पद

अंतर्राष्ट्रीय पटल पर चमका चुके हिमाचल का नाम

 चैरिटी रन कर बचा चुके कई जिंदगियां 

सरकार की खेल नीति पर उठाए सवाल

चार बार सीएम से कर चुके मुलाकात

खेल मंत्री से भी मिलते रहे आश्वासन

मजबूरन राज्य से करना पड़ेगा पलायन

नाहन। अंतर्राष्ट्रीय पटल पर हिमाचल का नाम रोशन करने वाले अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा ने सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए है। साथ ही उन्होंने सरकार की खेल नीति पर भी सवाल उठाए है। 

दरअसल अंतर्राष्ट्रीय पटल पर हिमाचल को पहचान दिलाने वाले सिरमौर के अल्ट्रा मैराथन धावक सुनील शर्मा ने राज्य की जयराम सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए है। सुनील का कहना है कि सरकार ने उन्हें डीएसपी पद देने का आश्वासन दिया था, मगर लंबा समय बीत जाने के बाद भी सरकार अपना वायदा पूरा नहीं कर पाई है। सुनील की माने तो वो खुद चार बार खुद सीएम जयराम ठाकुर से मुलाकात कर चुके हैं, वही खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर भी उन्हें हर बार सिर्फ आश्वासन देते रहे उन्होंने सरकार की खेल नीति पर सवाल उठाए।

बाईट- सुनील शर्मा - अल्ट्रा मैराथन धावक

सुनील शर्मा दिसंबर में चीन आयोजित एशिया अल्ट्रा रनिंग चैंपियनशिप में भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे और उन्होंने भारत को ब्राउनज मेडल भी दिलवाया था। ग्रेट इंडिया रन में हिस्सा लेकर भी सुनील शर्मा ने हिमाचल का मान बढ़ाया था । सुनील  कई बार चैरिटी रन कर कई गरीब लोगों की जिंदगियां बचा चुके है  जिसके बाद सुनील शर्मा खूब चर्चा में भी आए थे सुनील शर्मा ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ का संदेश देने के लिए चंडीगढ़ से दिल्ली और जल संरक्ष्ण को लेकर चंडीगढ़ से

रेणुका की दौड़ लगाई थी सुनील शर्मा का कहना है कि किसी खिलाड़ी कि अगर इस तरह से अनदेखी की जाती है तो उसके मनोबल में गिरावट आती है साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ खिलाड़ियों को तुरंत बड़े पदों पर बिठा दिया मगर उनकी सीधे तौर पर अनदेखी हुई है। सुनील शर्मा ने कहा वह बार-बार शिमला सचिवालय के चक्कर काट रहे है 14 बार उनकी फाइल सचिवालय पहुंच चुकी है।

बाईट- सुनील शर्मा - अल्ट्रा मैराथन धावक

कुल मिलाकर सुनील शर्मा ने कहा कि अगर सरकार उन्हें अब भी नौकरी नहीं देती है तो उन्हें मजबूरन हिमाचल से पलायन करना पड़ेगा क्योंकि उन्हें बाहरी राज्यों से खेलने का न्योता मिल रहा है। हिमाचल सरकार लगातार खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को लेकर बड़े बड़े वादे करती है मगर जब इस तरह की तस्वीरें सामने आती है तो सरकार की खेल नीति पर सवाल उठना लाजमी है।

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