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नाहन की हैचरी में हो रहा चूजा उत्पादन, मुर्गी पालन व्यवसायी उठा सकते हैं फायदा

प्रदेश में पशुपालन विभाग की नाहन व सुंदरनगर में ही दो हेचरी मौजूद है. नाहन हेचरी से 6 जिलों को चूजों की आपूर्ति होती है . कुक्कुट से आय कमाने के लिए सरकार लगाचार प्रयासरत है.

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Published : Mar 11, 2020, 12:11 PM IST

Two hatcheries  in Nahan
चूजों की आपूर्ति

नाहन: कुक्कुट से आय कमाने के लिए सरकार प्रयासरत है और इसी के तहत पशुपालन विभाग अनेक कार्यक्रम भी चला रहा है. प्रदेश में पशुपालन विभाग की दो हैचरी मौजूद है, जिसमें एक नाहन व दूसरी सुंदरनगर में स्थित है. लिहाजा सरकार आमजन को बैकयार्ड पोल्ट्री से जोड़कर अच्छी आमदनी के अवसर प्रदान कर रही है.

दरअसल सिरमौर जिला के नाहन में स्थित पशुपालन विभाग की हैचरी में अंडे से चूजे पैदा किए जाते हैं, जोकि प्रदेश के 6 जिलों शिमला, किन्नौर, बिलासपुर, सोलन व सिरमौर में बैकयार्ड पोल्ट्री के तहत भेजे जाते हैं. पशुपालन विभाग नाहन का पोल्ट्री फार्म इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यहां पर हैचरी स्थापित है, जोकि स्वचालिक मशीन होती है और इसमें एक निश्चित तापमान पर अंडे से चूजे निकल जाते हैं.

इसके बाद यह अन्य जिलों में सप्लाई होते हैं. बता दें कि यहां के पोल्ट्री फार्म में ही पक्षी गृह में अच्छी गुणवत्ता वाले मुर्गे व मुर्गियां रखी गई हैं और उनके अंडों से ही हेचरी में रखने के बाद यह चूजे निकलते हैं. इसके अलावा अहम बात यह भी है कि सरकार ने इस दिशा में कई योजनाएं चला रखी हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग कुक्कुट पालन से जुड़कर लाभ कमा सकें.

Two hatcheries  in Nahan and Sundernagar
पशुपालन विभाग की हेचरी में अंडे से चूजे उत्पादित किए जाते हैं.

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में नाहन कुक्कुट विकास के सहायक निदेशक डॉ राजीव खुराना ने बताया कि नाहन हेचरी से प्रदेश के 6 जिलों को एकदिवसीय चूजों की आपूर्ति की जाती है. बैकयार्ड पोल्ट्री के तहत 26 रुपए के हिसाब से प्रति चूजा दिया जाता है. यदि लाभार्थी 7 दिन का चूजा पाल कर लेते हैं तो 29 रूपए, 14 दिन का 32 रूपए के हिसाब से चूजे उपलब्ध करवाए जाते हैं.

Two hatcheries  in Nahan and Sundernagar
6 जिलों को होती है चूजों की आपूर्ति

यह चूजे चेबड़ो वैरायटी के हैं, जिसे कलर बॉयलर बोलते हैं. अन्य योजनाओं की जानकारी देते हुए डॉ. राजीव खुराना ने बताया कि सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें 200 चूजे निशुल्क बीपीएल व एससी परिवारों के लिए हैं. चूजों के अलावा फीड, खाने के बर्तन आदि निशुल्क मुहैया करवाए जाते हैं. एक अन्य स्कीम एलआईटी बर्ड्स की है, उसमें 1 महीने के चूजों को पालकर 200 चूजे निशुल्क व खाने-पीने के बर्तन एवं फीड उपलब्ध करवाई जाती है. ताकि लाभ 38 का लाभ लेकर अपनी आजीविका को बढ़ा सकें.

वीडियो.

ऐसे ही 5000 बॉयलर स्कीम है, जिसके तहत 60-40 की रेशों से अनुदान पर चूजे, फीड देने का प्रावधान है. उल्लेखनीय है कि नाहन कि यह पोल्ट्री जहां प्रदेश के जिलों को चूजे भेज रही है, वहीं आमजन को भी अनेक कार्यक्रमों से बैकयार्ड पोल्ट्री से जोड़ने का प्रयास कर रही है, ताकि लोग इसके पालन से अच्छी आमदनी कमा सकें.

ये भी पढ़ें: बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही, उपभोक्ताओं को मिल रहे कई गुना ज्यादा बिल

नाहन: कुक्कुट से आय कमाने के लिए सरकार प्रयासरत है और इसी के तहत पशुपालन विभाग अनेक कार्यक्रम भी चला रहा है. प्रदेश में पशुपालन विभाग की दो हैचरी मौजूद है, जिसमें एक नाहन व दूसरी सुंदरनगर में स्थित है. लिहाजा सरकार आमजन को बैकयार्ड पोल्ट्री से जोड़कर अच्छी आमदनी के अवसर प्रदान कर रही है.

दरअसल सिरमौर जिला के नाहन में स्थित पशुपालन विभाग की हैचरी में अंडे से चूजे पैदा किए जाते हैं, जोकि प्रदेश के 6 जिलों शिमला, किन्नौर, बिलासपुर, सोलन व सिरमौर में बैकयार्ड पोल्ट्री के तहत भेजे जाते हैं. पशुपालन विभाग नाहन का पोल्ट्री फार्म इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यहां पर हैचरी स्थापित है, जोकि स्वचालिक मशीन होती है और इसमें एक निश्चित तापमान पर अंडे से चूजे निकल जाते हैं.

इसके बाद यह अन्य जिलों में सप्लाई होते हैं. बता दें कि यहां के पोल्ट्री फार्म में ही पक्षी गृह में अच्छी गुणवत्ता वाले मुर्गे व मुर्गियां रखी गई हैं और उनके अंडों से ही हेचरी में रखने के बाद यह चूजे निकलते हैं. इसके अलावा अहम बात यह भी है कि सरकार ने इस दिशा में कई योजनाएं चला रखी हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग कुक्कुट पालन से जुड़कर लाभ कमा सकें.

Two hatcheries  in Nahan and Sundernagar
पशुपालन विभाग की हेचरी में अंडे से चूजे उत्पादित किए जाते हैं.

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में नाहन कुक्कुट विकास के सहायक निदेशक डॉ राजीव खुराना ने बताया कि नाहन हेचरी से प्रदेश के 6 जिलों को एकदिवसीय चूजों की आपूर्ति की जाती है. बैकयार्ड पोल्ट्री के तहत 26 रुपए के हिसाब से प्रति चूजा दिया जाता है. यदि लाभार्थी 7 दिन का चूजा पाल कर लेते हैं तो 29 रूपए, 14 दिन का 32 रूपए के हिसाब से चूजे उपलब्ध करवाए जाते हैं.

Two hatcheries  in Nahan and Sundernagar
6 जिलों को होती है चूजों की आपूर्ति

यह चूजे चेबड़ो वैरायटी के हैं, जिसे कलर बॉयलर बोलते हैं. अन्य योजनाओं की जानकारी देते हुए डॉ. राजीव खुराना ने बताया कि सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें 200 चूजे निशुल्क बीपीएल व एससी परिवारों के लिए हैं. चूजों के अलावा फीड, खाने के बर्तन आदि निशुल्क मुहैया करवाए जाते हैं. एक अन्य स्कीम एलआईटी बर्ड्स की है, उसमें 1 महीने के चूजों को पालकर 200 चूजे निशुल्क व खाने-पीने के बर्तन एवं फीड उपलब्ध करवाई जाती है. ताकि लाभ 38 का लाभ लेकर अपनी आजीविका को बढ़ा सकें.

वीडियो.

ऐसे ही 5000 बॉयलर स्कीम है, जिसके तहत 60-40 की रेशों से अनुदान पर चूजे, फीड देने का प्रावधान है. उल्लेखनीय है कि नाहन कि यह पोल्ट्री जहां प्रदेश के जिलों को चूजे भेज रही है, वहीं आमजन को भी अनेक कार्यक्रमों से बैकयार्ड पोल्ट्री से जोड़ने का प्रयास कर रही है, ताकि लोग इसके पालन से अच्छी आमदनी कमा सकें.

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