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SDM पांवटा ने किया इंदिरा मार्केट का औचक निरीक्षण, दर्जनों दुकानों पर 10 साल का किराया लंबित - ponta sahib news

पांवटा साहिब के इंदिरा मार्केट में खंड विकास अधिकारी के मार्केट के औचक निरीक्षण से खलबली मच गई. वीरवार को खंड विकास अधिकारी गौरव धीमान ने अपनी पूरी टीम के साथ इंदिरा मार्केट का जायजा लिया. खंड विकास अधिकारी ने कहा कि जिन दुकानदारों के कई सालों से किराया लंबित बचा हुआ है, उन पर कार्रवाई की जाएगी.

inspection of Indira market by SDM paonta sahib
SDM पांवटा ने किया इंदिरा मार्केट का औचक निरीक्षण
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Published : Mar 5, 2020, 10:49 PM IST

पांवटा साहिबः पांवटा साहिब के इंदिरा मार्केट में खंड विकास अधिकारी के औचक निरीक्षण से हड़कंप मच गया. वीरवार को खंड विकास अधिकारी गौरव धीमान ने अपनी पूरी टीम के साथ इंदिरा मार्केट का जायजा लिया.

खंड विकास अधिकारी इंदिरा मार्केट की दुकानों के लंबित पड़े किराए की जानकारी लेने के लिए मौके पर पहुंचे. इस दौरान कुछ दुकानों के शटर बंद हो गए और कुछ मौके पर ही मौजूद रहे.

वीडियो.

बता दें कि इंदिरा मार्केट की दुकानों उन बीपीएल परिवारों को दी जाती है, जिनकी आमदनी बहुत कम होती है. सात लाख रुपये किराया लंबित होने की वजह से खंड विकास अधिकारी टीम के साथ मौके पर जांच शुरू कर दी.

खंड विकास अधिकारी की जांच में पाया गया कि दर्जनों दुकानों ऐसी हैं, जिनका किराया कई सालों से नहीं पहुंच रहा है और कई दुकानें किसी और के नाम पर दर्ज हैं, लेकिन असली मालिक ने किसी और को किराए पर दे दी है. मामले की पुष्टि करते हुए खंड विकास अधिकारी गौरव धीमान ने बताया कि जिन दुकानदारों के कई सालों से किराया लंबित बचा हुआ है, उन पर कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढे़ंः 60 साल से किराए के भवन में चल रही है 1 लाख से ज्यादा किताबों वाली हिमाचल की पहली लाइब्रेरी

पांवटा साहिबः पांवटा साहिब के इंदिरा मार्केट में खंड विकास अधिकारी के औचक निरीक्षण से हड़कंप मच गया. वीरवार को खंड विकास अधिकारी गौरव धीमान ने अपनी पूरी टीम के साथ इंदिरा मार्केट का जायजा लिया.

खंड विकास अधिकारी इंदिरा मार्केट की दुकानों के लंबित पड़े किराए की जानकारी लेने के लिए मौके पर पहुंचे. इस दौरान कुछ दुकानों के शटर बंद हो गए और कुछ मौके पर ही मौजूद रहे.

वीडियो.

बता दें कि इंदिरा मार्केट की दुकानों उन बीपीएल परिवारों को दी जाती है, जिनकी आमदनी बहुत कम होती है. सात लाख रुपये किराया लंबित होने की वजह से खंड विकास अधिकारी टीम के साथ मौके पर जांच शुरू कर दी.

खंड विकास अधिकारी की जांच में पाया गया कि दर्जनों दुकानों ऐसी हैं, जिनका किराया कई सालों से नहीं पहुंच रहा है और कई दुकानें किसी और के नाम पर दर्ज हैं, लेकिन असली मालिक ने किसी और को किराए पर दे दी है. मामले की पुष्टि करते हुए खंड विकास अधिकारी गौरव धीमान ने बताया कि जिन दुकानदारों के कई सालों से किराया लंबित बचा हुआ है, उन पर कार्रवाई की जाएगी.

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