नाहन: पच्छाद उपचुनाव से नामांकन वापस लेने पर आशीष सिकटा के समर्थकों ने उनकी जमकर क्लास लगा दी. नामांकन वापस लेने के बाद बंद कमरे में आशीष सिकटा को उनके समर्थकों ने खूब खरी-खोटी सुनाई है. वहीं, सोशल मीडिया पर भी लोग सिक्टा पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं.
सिक्टा ने किया 'सरेंडर', समर्थकों ने दरवाजा बंद कर लगाई क्लास...बोले: कितने में बिके
पच्छाद उपचुनाव न लड़ने के फैसले के बाद आशीष सिकटा के समर्थकों ने बंद कमरे में अपने ही नेता की खूब खिंचाई की. इस दौरान सिकटाक के समर्थकों ने उन पर चुनावों के लिए बिकने का आरोप भी लगा डाला.
पच्छाद उपचुनाव
नाहन: पच्छाद उपचुनाव से नामांकन वापस लेने पर आशीष सिकटा के समर्थकों ने उनकी जमकर क्लास लगा दी. नामांकन वापस लेने के बाद बंद कमरे में आशीष सिकटा को उनके समर्थकों ने खूब खरी-खोटी सुनाई है. वहीं, सोशल मीडिया पर भी लोग सिक्टा पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं.
Intro:-नामांकन वापिस लेने के बाद भड़के युवा नेता के समर्थक
नाहन। पच्छाद उपचुनाव न लड़ने के फैसले व नामांकन वापस लेने के मामले में युवा छात्र नेता आशीष सिकटा ने समर्थकों ने बंद कमरे में जमकर क्लास ली। इस दौरान समर्थकों ने आशीष सिकटा को खरी-खोटी सुनाई है। वहीं सोशल मीडिया पर भी समर्थक लगातार आशीष सिकटा पर भड़क रहे हैं।
Body:दरअसल शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ मुलाकात के बाद वीरवार को राजगढ़ में समर्थकों ने बंद कमरे में सिकटा की क्लास लगाई। सिकटा पर भड़के समर्थकों का वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। इस दौरान सिकटा को खरी-खोटी सुनाते हइुए समर्थकों ने यहां तक कह दिया कि कितने में बिके और कितने पैसे आपको और चाहिए। वहीं सिक्टा समर्थकों के गुस्से पर माफी मांगते और खेद जताते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। वीडियो देखने पर साफ पता चल रहा है कि आशीष सिक्टा के फैसले से समर्थक काफी गुस्से में हैं। यहां तक कि समर्थकों में हाथापाई की नौबत तक आ गई।
समर्थकों ने सवाल उठाया कि जब आशीष हर कार्यक्रम को हमारे बीच बैठकर तय करते हैं तो नाम वापस लेने की बात शिमला में अकेले कैसे तय की? जिसकी उन्हें जानकारी तक नहीं दी गई। उनका कहना था था कि बेशक सिक्टा को सरकार ने ऊंचे पद का प्रलोभन दिया है, लेकिन असली काम को उन्हें पच्छाद की धरती से ही करना है। समर्थक सिक्टा की एक भी बात सुनने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि वे आज तक सिक्टा के साथ हर लड़ाई में साथ रहे पर आगे से वे उनके साथ नहीं हैं। वह उनका साथ दोनों दलों से परेशान हो कर दे रहे थे।
इस दौरान सिक्टा लगातार माफी मांगते रहे, मगर समर्थक कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं थे। समर्थकों ने कहा कि मंत्री आपके साथ चार दिन चलेंगे, लेकिन आपको रहना तो पच्छाद की जनता के बीच ही है। समर्थकों ने यहां तक कह दिया कि जब उपचुनाव लड़ने का फैसला लिया, तब आपकी कोई दिक्कत नहीं थी। वहीं सिक्टा ने समर्थकों से कहा कि हो सके तो माफ कर देना, आपका गुस्सा जायज है।Conclusion:
नाहन। पच्छाद उपचुनाव न लड़ने के फैसले व नामांकन वापस लेने के मामले में युवा छात्र नेता आशीष सिकटा ने समर्थकों ने बंद कमरे में जमकर क्लास ली। इस दौरान समर्थकों ने आशीष सिकटा को खरी-खोटी सुनाई है। वहीं सोशल मीडिया पर भी समर्थक लगातार आशीष सिकटा पर भड़क रहे हैं।
Body:दरअसल शिमला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ मुलाकात के बाद वीरवार को राजगढ़ में समर्थकों ने बंद कमरे में सिकटा की क्लास लगाई। सिकटा पर भड़के समर्थकों का वीडियो सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रहा है। इस दौरान सिकटा को खरी-खोटी सुनाते हइुए समर्थकों ने यहां तक कह दिया कि कितने में बिके और कितने पैसे आपको और चाहिए। वहीं सिक्टा समर्थकों के गुस्से पर माफी मांगते और खेद जताते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। वीडियो देखने पर साफ पता चल रहा है कि आशीष सिक्टा के फैसले से समर्थक काफी गुस्से में हैं। यहां तक कि समर्थकों में हाथापाई की नौबत तक आ गई।
समर्थकों ने सवाल उठाया कि जब आशीष हर कार्यक्रम को हमारे बीच बैठकर तय करते हैं तो नाम वापस लेने की बात शिमला में अकेले कैसे तय की? जिसकी उन्हें जानकारी तक नहीं दी गई। उनका कहना था था कि बेशक सिक्टा को सरकार ने ऊंचे पद का प्रलोभन दिया है, लेकिन असली काम को उन्हें पच्छाद की धरती से ही करना है। समर्थक सिक्टा की एक भी बात सुनने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि वे आज तक सिक्टा के साथ हर लड़ाई में साथ रहे पर आगे से वे उनके साथ नहीं हैं। वह उनका साथ दोनों दलों से परेशान हो कर दे रहे थे।
इस दौरान सिक्टा लगातार माफी मांगते रहे, मगर समर्थक कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं थे। समर्थकों ने कहा कि मंत्री आपके साथ चार दिन चलेंगे, लेकिन आपको रहना तो पच्छाद की जनता के बीच ही है। समर्थकों ने यहां तक कह दिया कि जब उपचुनाव लड़ने का फैसला लिया, तब आपकी कोई दिक्कत नहीं थी। वहीं सिक्टा ने समर्थकों से कहा कि हो सके तो माफ कर देना, आपका गुस्सा जायज है।Conclusion: