नाहन: पोषण अभियान के तहत हाल ही में किए गए सर्वे में कुछ हैरान कर देने वाले आंकड़े सामने आए हैं. सैकड़ों बच्चें मध्यम तीव्र कुपोषण, अति कुपोषित और नाटापन की श्रेणी में पाए गए हैं. हालांकि विभाग के मुताबिक नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस-5) के डाटा के हिसाब से जिला का यह आंकड़ा बेहद कम है, लेकिन फिर भी विभाग द्वारा इस मामले में उचित कदम उठाए जा रहे हैं.
पोषण अभियान के तहत विशेष मुहिम
महिला एवं बाल विकास विभाग ने 6 विकास खंडों में फरवरी महीने से पोषण अभियान के तहत एक विशेष मुहिम चलाई है. विशेष मुहिम में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से कुपोषण को लेकर जांच की गई. इस सर्वे में बच्चों के आयु वर्ग के हिसाब से उनके वजन और लंबाई के अनुसार जांच की गई. मुहिम के तहत जिले के 8,767 बच्चों का सर्वे किया गया जिसकी रिपोर्ट निदेशालय को भी भेजी जा रही है. इसके बाद इस दिशा में जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
6 विकास खंडों के बच्चों की हुई जांच
पोषण अभियान के जिला समन्वयक राजेश शर्मा ने बताया कि कुपोषण अभियान के तहत 1 फरवरी से 15 फरवरी तक विभाग की ओर से एक विशेष अभियान चलाया गया था. इस अभियान के तहत खंड स्तर पर बच्चों की जांच की गई. उन्होंने बताया कि जिले के 6 विकास खंडों नाहन, पच्छाद, संगड़ाह, शिलाई, राजगढ़ और पांवटा साहिब में कुल 8,767 बच्चों की सैंपलिंग की गई. इस सर्वे में 289 बच्चे मध्यम तीव्र कुपोषित और 149 बच्चे अति कुपोषित श्रेणी में पाए गए. इसके अलावा 402 बच्चे नाटापन और 354 बच्चे अपनी आयु के हिसाब से कम वजन के पाए गए हैं.
एनआरसी और निदेशालय को भेजेंगे रिपोर्ट
राजेश शर्मा ने बताया कि यह विशेष अभियान आयुष विभाग, स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से चलाया गया जिसमें आंगनावाड़ी वर्कर्ज, विभागीय अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल रहे. पोषण अभियान के तहत इस सर्वे को करने का मुख्य उद्देश्य यह था कि यदि अति कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर समस्या आ रही है तो डाक्टर की सलाह पर उसकी रिपोर्ट एनआरसी तक भेजी जा सके. साथ ही यह रिपोर्ट निदेशालय को भी भेजी जाएगी.
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