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विधायक के गांव में नहीं पहुंचा विकास! 25 साल से गौशाला में रह रहा यह परिवार - Pradhan Mantri Awas Yojana himachal pradesh

विकास खंड संगड़ाह की माइना पंचायत में एक बुजुर्ग दंपत्ति बीते 25 सालों से पशुओं के साथ एक झोंपड़ी में रह रहा है. समाज सेवी संजीव शर्मा ने मौके पर पहुंच कर प्रशासन के सामने यह मामला ध्यान में लाया. साथ ही अपने स्तर पर इस परिवार की मदद करने का भी आश्वासन दिया.

sirmaur
25 साल से पशुशाला में रह रहा यह परिवार,
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Published : Mar 4, 2021, 12:55 PM IST

Updated : Mar 4, 2021, 1:31 PM IST

श्री रेणुका जी/सिरमौर: केंद्र सरकार भले ही हर साल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जरूरतमंदों को घर उपलब्ध करवाने पर करोड़ों का बजट खर्च कर रही हो. मगर संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही से कई बार ऐसी योजनाएं अंतिम पंक्ति के पात्र व्यक्तियों तक नहीं पहुंचती है. विकास खंड संगड़ाह की माइना पंचायत के बसिया राम भी ऐसे एक जरूरतमंद में से एक हैं. बसिया के परिवार पर वोट मांगने आने वाले लोकप्रिय नेताओं और पंचायत प्रतिनिधियों की नजर आज तक नहीं पड़ी.

वीडियो.

आलम यह है की, आज भी यह बुजुर्ग दंपत्ति एक टूटी फूटी झोपड़ी में तीन पशुओं के साथ ‌रहने के लिए विवश है. माइना-कांडों के बसीया राम ने बताया की वह 25 साल पूर्व अपने परिवार से अलग हुए तो उनके हिस्से में जमीन के छोटे से टुकड़े के अलावा कुछ भी नहीं आया. उक्त जमीन पर बने झोपड़ीनुमा घर में उनके चार परिवार के सदस्य के अलावा दो बकरी और एक गाय भी रहती हैं.

बसिया राम ने मांगी सरकार से मदद

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार कई बार यहां वोट मांगने आए विधायक, प्रधान व जिला परिषद पद के उम्मीदवार बसिया के घर में सेल्फी भी ले चुके हैं. मगर आश्वासन और वादों के बाद इन्हें कोई नहीं पूछता. 70 वर्षीय बसिया राम का कहना है कि, इस झोपड़ी में बरसात का पानी और सर्दियों की शीतलहर भी अंदर तक पहुंचती है. उन्होंने सरकार से मदद मांगी है.

बीपीएल की सूची में भी शामिल नहीं यह परिवार

हैरानी की बात तो यह है कि, बसिया राम बीपीएल की सूची में भी शामिल नहीं है, जबकि इस वीआईपी पंचायत के बहुमंजिला मकान वाले कुछ लोग बीपीएल कार्ड धारक हैं. रेणुकाजी से वर्तमान विधायक एवं पूर्व सीपीएस विनय कुमार भी इसी गांव व पंचायत के हैं. उक्त ग्रामीण का हाल जानने धर्मशाला से उनके घर पहुंचे बड़का भाऊ संगठन के समाजसेवी संजय शर्मा ने कहा कि विधायक विनय कुमार विधानसभा परिसर में राज्यपाल व उनके स्टाफ से धक्का मुक्की करने की बजाय इस गरीब परिवार के लिए बीडीओ से धक्का मुक्की करते, तो भी मीडिया की सुर्खियों में रहते. इससे पूर्व उनके पिता यहां के विधायक थे.

बड़का भाऊ ने किया मदद का वादा

समाजसेवी संजय शर्मा उर्फ बड़का भाऊ ने इस बुजुर्ग दंपत्ति को कुछ राशन भी दिया और भविष्य में मदद का आश्वासन भी दिया. उन्होंने जिला प्रशासन और बीडीओ संगड़ाह को 15 दिन के भीतर इस बुजुर्ग दंपत्ति के आवास की व्यवस्था करने का अल्टीमेटम दिया. बड़का भाऊ ने चेताया कि, यदि ऐसा न हुआ तो वह बसिया के परिवार व मवेशियों सहित बीडीओ कार्यालय ले जाएंगे और प्रधानमंत्री आवास या अन्य योजना स्वीकृत न होने तक वहीं रहेंगे.

खंड विकास अधिकारी संगड़ाह का बयान

खंड विकास अधिकारी संगड़ाह सुभाष चन्द अत्री ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है और उन्होंने प्रधान सचिव व पटवारी को जल्द संबंधित दस्तावेज तैयार कर सौंपने को कहा है. उन्होंने कहा कि दस्तावेज मिलते ही आवास स्वीकृत करवाने की कोशिश की जाएगी.

ये भी पढ़ें: हुरून ग्लोबल रिच लिस्ट 2021: विश्व के टॉप अरबपतियों में हिमाचल के जय चौधरी का नाम शामिल

श्री रेणुका जी/सिरमौर: केंद्र सरकार भले ही हर साल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जरूरतमंदों को घर उपलब्ध करवाने पर करोड़ों का बजट खर्च कर रही हो. मगर संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही से कई बार ऐसी योजनाएं अंतिम पंक्ति के पात्र व्यक्तियों तक नहीं पहुंचती है. विकास खंड संगड़ाह की माइना पंचायत के बसिया राम भी ऐसे एक जरूरतमंद में से एक हैं. बसिया के परिवार पर वोट मांगने आने वाले लोकप्रिय नेताओं और पंचायत प्रतिनिधियों की नजर आज तक नहीं पड़ी.

वीडियो.

आलम यह है की, आज भी यह बुजुर्ग दंपत्ति एक टूटी फूटी झोपड़ी में तीन पशुओं के साथ ‌रहने के लिए विवश है. माइना-कांडों के बसीया राम ने बताया की वह 25 साल पूर्व अपने परिवार से अलग हुए तो उनके हिस्से में जमीन के छोटे से टुकड़े के अलावा कुछ भी नहीं आया. उक्त जमीन पर बने झोपड़ीनुमा घर में उनके चार परिवार के सदस्य के अलावा दो बकरी और एक गाय भी रहती हैं.

बसिया राम ने मांगी सरकार से मदद

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार कई बार यहां वोट मांगने आए विधायक, प्रधान व जिला परिषद पद के उम्मीदवार बसिया के घर में सेल्फी भी ले चुके हैं. मगर आश्वासन और वादों के बाद इन्हें कोई नहीं पूछता. 70 वर्षीय बसिया राम का कहना है कि, इस झोपड़ी में बरसात का पानी और सर्दियों की शीतलहर भी अंदर तक पहुंचती है. उन्होंने सरकार से मदद मांगी है.

बीपीएल की सूची में भी शामिल नहीं यह परिवार

हैरानी की बात तो यह है कि, बसिया राम बीपीएल की सूची में भी शामिल नहीं है, जबकि इस वीआईपी पंचायत के बहुमंजिला मकान वाले कुछ लोग बीपीएल कार्ड धारक हैं. रेणुकाजी से वर्तमान विधायक एवं पूर्व सीपीएस विनय कुमार भी इसी गांव व पंचायत के हैं. उक्त ग्रामीण का हाल जानने धर्मशाला से उनके घर पहुंचे बड़का भाऊ संगठन के समाजसेवी संजय शर्मा ने कहा कि विधायक विनय कुमार विधानसभा परिसर में राज्यपाल व उनके स्टाफ से धक्का मुक्की करने की बजाय इस गरीब परिवार के लिए बीडीओ से धक्का मुक्की करते, तो भी मीडिया की सुर्खियों में रहते. इससे पूर्व उनके पिता यहां के विधायक थे.

बड़का भाऊ ने किया मदद का वादा

समाजसेवी संजय शर्मा उर्फ बड़का भाऊ ने इस बुजुर्ग दंपत्ति को कुछ राशन भी दिया और भविष्य में मदद का आश्वासन भी दिया. उन्होंने जिला प्रशासन और बीडीओ संगड़ाह को 15 दिन के भीतर इस बुजुर्ग दंपत्ति के आवास की व्यवस्था करने का अल्टीमेटम दिया. बड़का भाऊ ने चेताया कि, यदि ऐसा न हुआ तो वह बसिया के परिवार व मवेशियों सहित बीडीओ कार्यालय ले जाएंगे और प्रधानमंत्री आवास या अन्य योजना स्वीकृत न होने तक वहीं रहेंगे.

खंड विकास अधिकारी संगड़ाह का बयान

खंड विकास अधिकारी संगड़ाह सुभाष चन्द अत्री ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है और उन्होंने प्रधान सचिव व पटवारी को जल्द संबंधित दस्तावेज तैयार कर सौंपने को कहा है. उन्होंने कहा कि दस्तावेज मिलते ही आवास स्वीकृत करवाने की कोशिश की जाएगी.

ये भी पढ़ें: हुरून ग्लोबल रिच लिस्ट 2021: विश्व के टॉप अरबपतियों में हिमाचल के जय चौधरी का नाम शामिल

Last Updated : Mar 4, 2021, 1:31 PM IST
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