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सिरमौर प्रशासन की अनूठी पहल, एनीमेशन से पर्यावरण संरक्षण का संदेश, देखें वीडियो

जिला सिरमौर में बड़े पैमाने पर पॉलीब्रिक्स तैयार करने के बाद अब इस बारे में जागरूकता लाने के लिए जिला प्रशासन ने एनीमेशन का सहारा लिया है. वीडियो की खास बात यह है कि एनीमेशन के आधार पर तैयार किया गया यह वीडियो बच्चों में भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूकता लाने का शानदार प्रयास करेगा. जिला प्रशासन ने 1 मिनट 42 सेकेंड का एनीमेशन के आधार पर तैयार किया गया यह लघु वीडियो दिल्ली से तैयार करवाया गया है, जिसे लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए जारी किया गया है.

environmental protection message
पर्यावरण संरक्षण का संदेश
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Published : Sep 9, 2020, 9:17 AM IST

नाहन: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सिरमौर प्रशासन ने एक ओर अनूठी पहल की है. जिला में बड़े पैमाने पर पॉलीब्रिक्स तैयार करने के बाद अब इस बारे में जागरूकता लाने के लिए जिला प्रशासन ने एनीमेशन का सहारा लिया है.

वीडियो की खास बात यह है कि एनीमेशन के आधार पर तैयार किया गया यह वीडियो बच्चों में भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूकता लाने का शानदार प्रयास करेगा. दरअसल, जिला प्रशासन ने 1 मिनट 42 सेकेंड का एनीमेशन के आधार पर तैयार किया गया यह लघु वीडियो दिल्ली से तैयार करवाया गया है, जिसे लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए जारी किया गया है.

वीडियो.

वीडियो के माध्यम से यह बताया गया है कि किस तरह एक बच्चा घर से स्कूल तक जगह-जगह पॉलीथीन के दुष्प्रभावों का अनुभव करता है. इस बीच जहां राजू नाम का यह बच्चा सबसे पहले अपने घर के बाहर अपनी मां व पड़ोसन को खुले में खाली प्लास्टिक फैंक रहे हैं. फिर राजू रास्ते में एक गाय व तालाब में मछलियों को प्लास्टिक वेस्ट को खाते हुए देखता है, जिसे देख उसे बुरा लगता है.

स्कूल पहुंचने पर मैदान में भी इसी तरह के हालात देखता है, जिसे देख वह और अधिक परेशान हो जाता है. इसी बीच स्कूल में जब अध्यापिका प्रकृति को बचाने के लिए यह संदेश देती है कि प्रकृति को बचाने का एक ही नारा, रियूज-रिड्यूज एंड रिसाइकिल, यही लक्ष्य है हमारा. बस अध्यापिका द्वारा यह नारा सुनते ही उसे एक आइडिया आता है और वह हर जगह से प्लास्टिक वेस्ट को एकत्रित कर एक खाली बोतलों में ठूंस-ठूंस कर एक पॉलीब्रिक बनाता है, जिसे वह स्कूल पहुंचकर अपनी अध्यापिका को दिखता है.

अध्यापिका बच्चे की खूब प्रशंसा करती है और इसे एक इनोवेटिव आइडिया बताते हुए इसे पंचायत प्रधान से सांझा करती है. बस फिर क्या वेस्ट मेनेजमेंट के इस आइडिये के जरिये गांव के लोगों के बीच जाकर जागरूक किया जाता है. फिर सभी पॉलीब्रिक बनाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं.

बता दें कि डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी के दिशा निर्देशों पर जिला सिरमौर में भी बड़ी मात्रा में पॉलीब्रिक्स तैयार की गई है, जिसका इस्तेमाल न केवल डीसी कार्यालय परिसर में बैंच इत्यादि बनाने में किया गया है, बल्कि और भी कई तरह के कार्य किए गए हैं.

डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने जिला को पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए पॉलीब्रिक्स विधि द्वारा पर्यावरण संरक्षण में उनके प्रयासों को केंद्र सरकार की स्क्रीनिंग समिति द्वारा प्रथम चरण में देश भर से भेजे गए 958 आवेदनों में जिला सिरमौर को राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष 12 जिलों में शामिल किया गया है, जिसके तहत प्राइम मिनिस्टर अवार्ड-2020 के लिए देश भर में शीर्ष 12 जिलों के उपायुक्तों की सूची में सिरमौर जिला के उपायुक्त डॉ. आरके परूथी का नाम शॉर्ट लिस्ट हुआ है.

ये भी पढ़ें: मात्तर भेड़ों पंचायत का संपर्क नाहन से टूटा, जबरदस्त भूस्खलन से बढ़ी परेशानी

नाहन: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सिरमौर प्रशासन ने एक ओर अनूठी पहल की है. जिला में बड़े पैमाने पर पॉलीब्रिक्स तैयार करने के बाद अब इस बारे में जागरूकता लाने के लिए जिला प्रशासन ने एनीमेशन का सहारा लिया है.

वीडियो की खास बात यह है कि एनीमेशन के आधार पर तैयार किया गया यह वीडियो बच्चों में भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूकता लाने का शानदार प्रयास करेगा. दरअसल, जिला प्रशासन ने 1 मिनट 42 सेकेंड का एनीमेशन के आधार पर तैयार किया गया यह लघु वीडियो दिल्ली से तैयार करवाया गया है, जिसे लोगों के बीच जागरूकता लाने के लिए जारी किया गया है.

वीडियो.

वीडियो के माध्यम से यह बताया गया है कि किस तरह एक बच्चा घर से स्कूल तक जगह-जगह पॉलीथीन के दुष्प्रभावों का अनुभव करता है. इस बीच जहां राजू नाम का यह बच्चा सबसे पहले अपने घर के बाहर अपनी मां व पड़ोसन को खुले में खाली प्लास्टिक फैंक रहे हैं. फिर राजू रास्ते में एक गाय व तालाब में मछलियों को प्लास्टिक वेस्ट को खाते हुए देखता है, जिसे देख उसे बुरा लगता है.

स्कूल पहुंचने पर मैदान में भी इसी तरह के हालात देखता है, जिसे देख वह और अधिक परेशान हो जाता है. इसी बीच स्कूल में जब अध्यापिका प्रकृति को बचाने के लिए यह संदेश देती है कि प्रकृति को बचाने का एक ही नारा, रियूज-रिड्यूज एंड रिसाइकिल, यही लक्ष्य है हमारा. बस अध्यापिका द्वारा यह नारा सुनते ही उसे एक आइडिया आता है और वह हर जगह से प्लास्टिक वेस्ट को एकत्रित कर एक खाली बोतलों में ठूंस-ठूंस कर एक पॉलीब्रिक बनाता है, जिसे वह स्कूल पहुंचकर अपनी अध्यापिका को दिखता है.

अध्यापिका बच्चे की खूब प्रशंसा करती है और इसे एक इनोवेटिव आइडिया बताते हुए इसे पंचायत प्रधान से सांझा करती है. बस फिर क्या वेस्ट मेनेजमेंट के इस आइडिये के जरिये गांव के लोगों के बीच जाकर जागरूक किया जाता है. फिर सभी पॉलीब्रिक बनाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं.

बता दें कि डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी के दिशा निर्देशों पर जिला सिरमौर में भी बड़ी मात्रा में पॉलीब्रिक्स तैयार की गई है, जिसका इस्तेमाल न केवल डीसी कार्यालय परिसर में बैंच इत्यादि बनाने में किया गया है, बल्कि और भी कई तरह के कार्य किए गए हैं.

डीसी सिरमौर डॉ. आरके परूथी ने जिला को पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए पॉलीब्रिक्स विधि द्वारा पर्यावरण संरक्षण में उनके प्रयासों को केंद्र सरकार की स्क्रीनिंग समिति द्वारा प्रथम चरण में देश भर से भेजे गए 958 आवेदनों में जिला सिरमौर को राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष 12 जिलों में शामिल किया गया है, जिसके तहत प्राइम मिनिस्टर अवार्ड-2020 के लिए देश भर में शीर्ष 12 जिलों के उपायुक्तों की सूची में सिरमौर जिला के उपायुक्त डॉ. आरके परूथी का नाम शॉर्ट लिस्ट हुआ है.

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