नाहनः जरा सोचिए घर का एक लाल अचानक ही लापता हो जाए तो उस परिवार पर क्या गुजरती है. इसका जवाब केवल वही दे सकता है जिसके साथ ऐसा हादसा पेश आया हो. दरअसल बिहार राज्य के समस्तीपुर जिले का रहने वाला रूपेश भटककर सिरमौर जिला के सैनवाला पहुंच गया. वह 18 महीनों से लापता था, लेकिन इस बीच सैंकड़ों मील दूर मां को बेटे के घर लौटने की उम्मीद बरकरार थी और इसी उम्मीद को जिंदा किया सैनवाला के हिमांशु, प्रमोद, ललित व अंकुर नाम के 4 युवाओं ने.
ये चारों युवक व्यक्तिगत तौर पर रूपेश को उसके परिवार से मिलाने की जद्दोजहद में जुटे थे. उन्होंने अपने इस प्रयास का सेतू पुलिस विभाग के हेड कांस्टेबल राकेश को बनाया. आखिर वह दिन भी आ गया जब रूपेश का भाई बिहार से उसे लेने सैनवाला पहुंच गया.
सैनवाला पहुंचे लापता रुपेश के भाई चंदन
सैनवाला पहुंचे रुपेश के भाई चंदन ने बताया कि वह पानीपत की एक कंपनी में काम करता था, लेकिन घर लौटने के दौरान उसका भाई लापता हो गया था. चंदन को आशंका थी कि पानीपत से घर लौटने के दौरान रूपेश के साथ कोई अनहोनी हुई हो, जिसके बाद वह लापता हो गया. चंदन ने अपने भाई के मिलने पर पुलिस विभाग व चारों युवकों का आभार व्यक्त किया.
सिरमौर जिला की एएसपी बबीता राणा ने बताया
वहीं, सिरमौर जिला की एएसपी बबीता राणा ने चारों युवकों व हेड कांस्टेबल राकेश के इस प्रयास की सराहना की है. उन्होंने कहा कि निसंदेह लापता युवक को मिलाने में युवकों व हेड कांस्टेबल ने बेहद सराहनीय कार्य किया है.
सामने आया पुलिस का मानवीय चेहरा
कुल मिलाकर एक लापता बेटे को उसके परिवार से मिलवाने के इस मामले में समाज के साथ-साथ पुलिस का मानवीय चेहरा भी सामने आया है, जिसकी क्षेत्रवासी खूब प्रशंसा भी कर रहे हैं.
ये भी पढे़ंः अटल टनल बहाल, पर्यटकों को करना होगा अभी इंतजार