नाहन: शहर के निजी नर्सिंग कॉलेज की छात्रा द्वारा हॉस्टल की छत से छलांग लगाने के मामले के बाद कॉलेज की छात्राएं भड़क उठी हैं. छात्राओं ने सीधे तौर पर इस घटना के लिए कॉलेज प्रबंधन व प्रिंसिपल को जिम्मेदार ठहराया है.
छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन को उन पर टॉर्चर करने के गंभीर आरोप जड़े हैं. मामले में नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं का गुस्सा इस कदर भड़क उठा कि कॉलेज से लेकर डीसी ऑफिस तक चार किलोमीटर का पैदल मार्च कर सैकड़ों छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन व प्रिंसिपल के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. छात्राओं ने डीसी ऑफिस के बाहर धरना किया और मामले की जांच करते हुए प्रिंसिपल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
दरअसल शुक्रवार शाम बिलासपुर की रहने वाली 20 वर्षीय छात्रा ने कॉलेज के हॉस्टल से छलांग लगा दी थी. इसके बाद नाहन मेडिकल कॉलेज से छात्रा को चंडीगढ़ रेफर किया गया, जहां एक निजी अस्पताल में छात्रा जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है. आरोप है कि कॉलेज प्रिंसिपल द्वारा छात्रा को टॉर्चर करने के बाद उसने ऐसा कदम उठाया है.
मामले में अब छात्राओं ने पहले कॉलेज परिसर में नारेबाजी की और आक्रोश रैली भी निकाली. नर्सिंग कॉलेज से लेकर डीसी ऑफिस तक छात्राओं ने करीब 4 किलोमीटर पैदल ही आक्रोश रैली निकाली और प्रबंधन सहित कॉलेज की प्रिंसिपल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके बाद छात्राओं ने एक लिखित शिकायत डीसी सिरमौर को सौंपी है, जिस पर डीसी ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.
नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें प्रबंधन द्वारा नेहा की स्थिति के बारे में अवगत नहीं करवाया गया. छात्राओं ने आरोप लगाया कि प्रबंधन सहित प्रिंसिपल द्वारा कॉलेज स्टूडेंट्स को टॉर्चर किया जा रहा है. घायल छात्रा के मोबाइल की सार्वजनिक जांच की गई और उसे टॉर्चर किया गया. यहीं नहीं घायल छात्रा को पूरा दिन अकेले में रखा गया. इससे परेशान होकर छात्रा ने हॉस्टल की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी.
वहीं, डीसी ललित जैन ने कहा कि मामले में प्रशासन की तरफ से 3 सदस्य कमेटी का गठन कर जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि छात्राओं की शिकायत पर जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं. दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि कोई भी छात्रा बयान देने के लिए आगे नहीं आई है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
नर्सिंग छात्रा ने हॉस्टल की छत से लगाई थी छलांग, स्टूडेंट्स ने कॉलेज प्रबंधन समेत प्रिंसिपल पर लगाए आरोप
शुक्रवार शाम बिलासपुर की रहने वाली 20 वर्षीय छात्रा ने कॉलेज के हॉस्टल से छलांग लगा दी थी. इसके बाद नाहन मेडिकल कॉलेज से छात्रा को चंडीगढ़ रेफर किया गया, जहां एक निजी अस्पताल में छात्रा जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है
नाहन: शहर के निजी नर्सिंग कॉलेज की छात्रा द्वारा हॉस्टल की छत से छलांग लगाने के मामले के बाद कॉलेज की छात्राएं भड़क उठी हैं. छात्राओं ने सीधे तौर पर इस घटना के लिए कॉलेज प्रबंधन व प्रिंसिपल को जिम्मेदार ठहराया है.
छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन को उन पर टॉर्चर करने के गंभीर आरोप जड़े हैं. मामले में नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं का गुस्सा इस कदर भड़क उठा कि कॉलेज से लेकर डीसी ऑफिस तक चार किलोमीटर का पैदल मार्च कर सैकड़ों छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन व प्रिंसिपल के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. छात्राओं ने डीसी ऑफिस के बाहर धरना किया और मामले की जांच करते हुए प्रिंसिपल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
दरअसल शुक्रवार शाम बिलासपुर की रहने वाली 20 वर्षीय छात्रा ने कॉलेज के हॉस्टल से छलांग लगा दी थी. इसके बाद नाहन मेडिकल कॉलेज से छात्रा को चंडीगढ़ रेफर किया गया, जहां एक निजी अस्पताल में छात्रा जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है. आरोप है कि कॉलेज प्रिंसिपल द्वारा छात्रा को टॉर्चर करने के बाद उसने ऐसा कदम उठाया है.
मामले में अब छात्राओं ने पहले कॉलेज परिसर में नारेबाजी की और आक्रोश रैली भी निकाली. नर्सिंग कॉलेज से लेकर डीसी ऑफिस तक छात्राओं ने करीब 4 किलोमीटर पैदल ही आक्रोश रैली निकाली और प्रबंधन सहित कॉलेज की प्रिंसिपल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसके बाद छात्राओं ने एक लिखित शिकायत डीसी सिरमौर को सौंपी है, जिस पर डीसी ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.
नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें प्रबंधन द्वारा नेहा की स्थिति के बारे में अवगत नहीं करवाया गया. छात्राओं ने आरोप लगाया कि प्रबंधन सहित प्रिंसिपल द्वारा कॉलेज स्टूडेंट्स को टॉर्चर किया जा रहा है. घायल छात्रा के मोबाइल की सार्वजनिक जांच की गई और उसे टॉर्चर किया गया. यहीं नहीं घायल छात्रा को पूरा दिन अकेले में रखा गया. इससे परेशान होकर छात्रा ने हॉस्टल की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी.
वहीं, डीसी ललित जैन ने कहा कि मामले में प्रशासन की तरफ से 3 सदस्य कमेटी का गठन कर जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि छात्राओं की शिकायत पर जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं. दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि कोई भी छात्रा बयान देने के लिए आगे नहीं आई है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
- टॉर्चर से परेशान छात्रा ने हॉस्टल की छत से लगाई थी छलांग
-चंडीगढ़ के एक निजी अस्पताल में हालत बनी है नाजुक
-छात्राओं ने प्रबंधन पर लगाए प्रताड़ना के आरोप, प्रिंसिपल के खिलाफ नारेबाजी
-कॉलेज से डीसी आफिस तक 4 किलोमीटर किया जोरदार प्रदर्शन
- छात्राओं का आरोप- घायल छात्रा को कराया गया था टॉर्चर
- दिनभर छात्रा को रखा अकेला, शाम को हॉस्टल की छत से लगा दी छलांग
- डीसी ने दिए जांच के आदेश, 3 सदस्य कमेटी का गठन
- पुलिस मामले की छानबीन में जुटी, मामले को दबाने का भी आरोप
- फिर विवादों में माता पद्मावती नर्सिंग ऑफ कॉलेज
नाहन। शहर का नामी माता पद्मावती नर्सिंग कॉलेज एक बार फिर विवादों में है। नर्सिंग कॉलेज की छात्रा द्वारा हॉस्टल की छत से छलांग लगाने के मामले के बाद कॉलेज की छात्राएं भड़क उठी है। छात्राओं ने सीधे तौर पर इस घटना के लिए कॉलेज प्रबंधन व प्रिंसिपल को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही छात्राओं को टॉर्चर करने के गंभीर आरोप भी जड़े हैं। इसी गंभीर मामले में नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं का गुस्सा इस कदर भड़क उठा कि कॉलेज से लेकर डीसी ऑफिस तक 4 किलोमीटर का पैदल मार्च कर सैकड़ों छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन व प्रिंसिपल के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। जस्टिस फॉर नेहा के नारों से गुस्साई छात्राओं ने डीसी ऑफिस पर धरना दिया और पूरे मामले की जांच करते हुए प्रिंसिपल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
Body:दरअसल शुक्रवार शाम बिलासपुर की रहने वाली 20 वर्षीय छात्रा नेहा ने कॉलेज के हॉस्टल से छलांग लगा दी थी। इसके बाद नाहन मेडिकल कॉलेज से छात्रा को चंडीगढ़ रेफर किया गया है, जहां एक निजी अस्पताल में छात्रा जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है। आरोप है कि कॉलेज प्रिंसिपल द्वारा छात्रा को टॉर्चर करने के बाद उसने ऐसा कदम उठाया है।
इसी मामले में सुबह कॉलेज खुलते ही छात्राओं ने पहले कॉलेज परिसर में ही नारेबाजी की। इसके बाद जब बात नहीं बनी तो छात्राएं आक्रोश रैली निकालने के लिए सड़क पर उतर गई। जरजा क्षेत्र में स्थित नर्सिंग कॉलेज से लेकर डीसी ऑफिस तक छात्राओं ने करीब 4 किलोमीटर पैदल ही आक्रोश रैली निकाली और प्रबंधन सहित कॉलेज की प्रिंसिपल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद छात्राओं ने एक लिखित शिकायत डीसी सिरमौर को सौंपी है, जिस पर डीसी ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
उधर नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें प्रबंधन द्वारा नेहा की स्थिति के बारे में अवगत नहीं करवाया गया। छात्राओं ने आरोप लगाया कि प्रबंधन सहित प्रिंसिपल द्वारा कॉलेज स्टूडेंट्स को टॉर्चर किया जा रहा है। घायल छात्रा के मोबाइल की सार्वजनिक जांच की गई और उसे टॉर्चर किया गया। यहीं नहीं घायल नेहा को पूरा दिन अकेले में रखा गया। इससे परेशान होकर छात्रा ने हॉस्टल की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी। छात्राएं यदि हॉस्टल में मोबाइल रख रही है तो यह नहीं है कि वह उसका गलत यूज कर रही है बल्कि शैक्षणिक उद्देश्य के लिए भी अक्सर आवश्यकता रहती है। यही नहीं हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं को अपने अभिभावकों से भी बात करनी होती है।
छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन सहित प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि प्रबंधन द्वारा मामले को दबाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रिंसिपल द्वारा छात्राओं को बेवजह टॉर्चर किया जा रहा है। नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने डीसी सिरमौर से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
बाइट : नर्सिंग कॉलेज स्टूडेंट्स 1 से 5 तक
उधर इस मामले फिलहाल प्रबंधन का कोई पक्ष नहीं आया है। इस बात को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई है कि 20 वर्षीय छात्रा ने हॉस्टल की चौथी मंजिल से छलांग लगाई थी।
इस मामले में प्रशासन की तरफ से एक 3 सदस्य कमेटी का गठन कर जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। डीसी सिरमौर ललित जैन ने इस मामले में कहा कि छात्राओं की शिकायत पर जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
बाइट : ललित जैन डीसी सिरमौर
इधर पुलिस फिलहाल अभी इस मामले पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। पुलिस का कहना है कि कोई भी छात्रा बयान देने के लिए आगे नहीं आई है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। इसके बाद ही अधिक जानकारी को साझा किया जा सकेगा।
Conclusion:कुल मिलाकर शहर का नामी माता पद्मावती नर्सिंग कॉलेज एक बार फिर विवादों में घिर गया है और मामले को कहीं ना कहीं दबाने के प्रयास भी अंदर खाते किए जा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि सैकड़ों छात्राओं द्वारा डीसी से लिखित शिकायत करने के बाद आगामी क्या कार्रवाई अमल में लाई जाती है।