पांवटा साहिब: कचरे की समस्या के समाधान के लिए नगर परिषद पांवटा साहिब ने एक नया मास्टर प्लान तैयार किया है. दरअसल नगर परिषद अब कचरे से जैविक खाद का निर्माण करने जा रही है. दूसरे जिलों की तर्ज पर यहां भी कचरों से जैविक खाद बनाया जाएगा. जिसको लेकर नगर पालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व कार्यकारी अधिकारी अजमेर ठाकुर की अध्यक्षता में केदारपुर में लगे प्लांट का निरीक्षण किया. (Organic manure project in Paonta Sahib)
गुरु भूमि पांवटा साहिब की सुंदरता को चार चांद लगाने के लिए पांवटा नगर परिषद कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. जहां सड़कों और गलियों व पार्कों की सुंदरता को बढ़ाया जा रहा है तो वहीं, शहर की सबसे बड़ी समस्या गंदगी का भी समाधान कर दिया गया है. ऐसे में शहर से रोजाना निकलने वाले कचरों के समुचित निपटारे के लिए अब नगर परिषद की ये योजना बहुत फायदेमंद बन सकती है. (Municipal Council Paonta Sahib)
जैविक खाद बनाने के लिए एक करोड़ का प्रोजेक्ट: नगर परिषद के अध्यक्ष निर्मल कौर ने बताया कि विभागीय अधिकारियों के अनुसार जैविक खाद बनाने के लिए एक करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा. शहर में जैविक खाद बनाने की बात पिछले कई साल से की जा रही थी लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा था. लेकिन अब नगरीय प्रशासन विभाग की पहल से शहर में सौंदर्यीकरण व सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ऐसा किया गया हैं. उन्होंने बताया कि रोजाना निकलने वाले कचरे व मलबे के समुचित निपटारे के लिए यह प्लान अब नगर परिषद प्रशासन को भाने लगा है. प्लान के अनुसार कचरों से जैविक (कंपोस्ट) खाद तैयार किया जाएगा. इस सराहनीय पहल से सफाई व्यवस्था में सुधार होने के साथ-साथ नागरिकों की समस्याएं भी दूर होगी. साथ ही जिले में जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा.
कितनी खाद तैयार करेगा: जैविक खाद प्लांट लगते ही अब शहर में गंदगी की समस्या से जहां लोगों को निजात मिलेगी तो वहीं, आसपास के किसानों को सस्ते दामों पर खाद भी प्राप्त होगी. निर्मल कौर ने बताया कि जिला सिरमौर का यह पहला बड़ा प्लांट है. इस प्लांट में लगी मशीन एक बारी में 3 टन खाद बनाएगी और आने वाले समय में पांवटा साहिब क्लीन पांवटा ग्रीन पांवटा की मुहिम को साकार करेगा.
नगर परिषद काे होगी अतिरिक्त आय: नगर परिषद प्रशासन द्वारा कूड़े के निपटारे के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं. इसके बाद भी शहर में साफ-सफाई के लिए लोगों की शिकायतें कम नहीं होती हैं. ऐसे में यदि कचरे से जैविक खाद बनाने का फार्मूला यहां भी अपनाया जाता है तो इससे प्राकृतिक रूप से कचरे का निपटारा तो होगा ही, साथ में जैविक खाद को बेचकर नगर परिषद प्रशासन को एक अतिरिक्त आय का जरिया मिलेगा.
कचरा डिस्पोज करने का स्थान नहीं: शहर से रोज निकलने वाले लगभग दो टन कचरे को डिस्पोज करने या खाद बनाने के लिए अब तक कोई निश्चित जगह नहीं मिल पाई है. लिहाजा कचरे को यमुना नदी के किनारे जहां-जहां गड्ढे हैं, वहीं डाला जा रहा है. ऐसे में प्रोजेक्ट के माध्यम से जब कचरे से जैविक खाद बनाई जाएगी तो नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
13 वार्डों से रोज निकलता है 2 टन कचरा: शहर के 13 वार्डों से रोजाना करीब 2 टन कूड़ा-करकट, कचरा निकाला जाता है. इसके लिए नगर परिषद के सफाई कर्मचारी रोजाना वार्डों में भ्रमण करते हैं. ट्रेक्टरों की मदद से शहर के अलग-अलग वार्डों से कचरा उठाया जाता है. रोजाना सुबह 6 बजे शुरू होने वाला यह क्रम शाम तक जारी रहता है.
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