शिलाई/सिरमौर: जिले के कई गांव के लोगों ने मिनी संसद का निर्विरोध गठन कर समाज को एकजुटता का संदेश देने का कार्य किया है. जिले में लगभग 12 से अधिक पंचायते निर्विरोध चुनी गई हैं. हालांकि अधिकारिक तौर पर 6 दिसंबर को नाम वापसी के दिन इसका ऐलान हो सकेगा.
देवताओं के समक्ष पर्ची डालकर हुआ फैसला
जिले में कुछ स्थानों पर देवताओं के समक्ष पर्ची डालकर फैसला हुआ तो कहीं गांव के बुजुर्गों की सहमति से प्रधान बनाये गए. कई स्थानों पर ग्रामीणों ने अपने दम पर भी एकजुटता का संदेश दिया. सूची में नाम नहीं होने के कारण कांटी मशवा पंचायत में प्रधान पद के लिए कोई नामांकन नहीं हुआ. यहां कहान सिंह को प्रधान पद के लिए चुना गया था, लेकिन उनका नाम मतदाता सूची से गायब पाया गया.
शिलाई में सबसे अधिक पंचायत निर्विरोध चुनी गई
जिला सिरमौर के देवताओं के समक्ष कई पंचायतों का निर्विरोध चुनाव हुआ है. कईं स्थानों पर लोगों ने आपसी सहमति से पहले ही प्रधानों को चुन लिया था. नामांकन पत्र दाखिल करने के 3 दिनों की अवधि के दौरान इन पंचायतों में 1 पद के लिए सिर्फ एक-एक नामांकन पत्र ही दाखिल किए गए. ऐसे में इन पंचायतों का निर्विरोध चुना जाना तय है. शिलाई में सबसे अधिक पंचायत निर्विरोध चुनी गई हैं. यहां मिल्ला, कोटी बोंच, कुहट, नैनीधार, शखोली, पनोग, डाहर, बॉम्बल, टटियाना को निर्विरोध चुना गया.
जिला पंचायत अधिकारी ने बताया
जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा ने बताया कि जिले में कितनी पंचायतें निर्विरोध चुनी गई हैं फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता. नामांकन पत्रों की छंटनी के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी. उसके बाद ही पता चल सकेगा की कितनी पंचायतें निर्विरोध चुनी गई हैं.