नाहन: देश की राजधानी दिल्ली की प्यास बुझाने के मकसद से सिरमौर में गिरी नदी पर प्रस्तावित श्री रेणुका जी डैम के प्रबंधन (Shri Renuka Ji Dam Management) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. डैम प्रोजेक्ट से जुड़े एक अन्य मामले में एक बार फिर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर की अदालत ने डैम प्रबंधन की सारी संपत्ति को अटैच करने के आदेश दिए हैं. प्रबंधन की सारी संपत्ति का ब्यौरा भी अधिवक्ता द्वारा जिला अदालत को सौंपा गया, ताकि इससे विस्थापितों के मुआवजे का भुगतान किया जा सके.
बता दें कि प्रस्तावित रेणुका डैम में मर्ज होने वाले मौजा बौगली बयालग के करीब 70 विस्थापितों के लगभग 22 करोड़ रुपये की राशि का बतौर मुआवजे के रूप में भुगतान किया जाना है. लिहाजा इसको लेकर विस्थापितों ने मामले को लेकर जिला अदालत में चुनौती दी थी. शुक्रवार को अदालत ने विस्थापितों के हक में फैसला सुनाया. विस्थापितों की ओर से अदालत में मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता एमपी कंवर ने बताया कि अदालत में सुनवाई के दौरान बांध प्रबंधन की सारी संपत्ति को अटैच करने के आदेश जारी किए गए हैं.
मामले से जुड़ी अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी, लेकिन उससे पूर्व यह राशि अदालत में जमा न करवाने की सूरत में प्रबंधन की तमाम संपत्ति को अटैच कर लिया जाएगा. इसकी सूची भी अदालत को सौंप दी है. बता दें कि इससे पहले 2 दिसंबर को भी जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत ने ही मौजा दीद बगड से जुड़े एक अन्य मामले में भी रेणुकाजी डैम प्रबंधन की सारी संपत्ति को अटैच करने के आदेश जारी किए थे.
इसके बाद प्रबंधन ने 53.18 करोड़ रुपये की राशि को अदालत में जमा कर दिया था. अब एक बार अदालत ने दूसरे मामले में भी संपति को अटेच करने के आदेश दिए थे. दूसरी तरफ रेणुका जी डैम परियोजना के महाप्रबंधक एमके कपूर ने बताया कि उन्हें फैसले संबंधी जानकारी नहीं मिली है. अदालत में मामलों से संबंधित हल्फनामा दिया गया है. इसमें राशि मिलते ही मुआवजे का भुगतान किए जाने की बात कही गई है. केंद्र सरकार से बजट की मांगा गया है.
महिला से छेड़छाड़ के मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला: वहीं, एक अन्य मामले में सिरमौर जिला के विशेष न्यायाधीश आरके चौधरी की अदालत ने एक मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य आरोपी सहित 4 आरोपियों को दोषी करार देते हुए अपना फैसला सुनाया है. अदालत ने महिला से छेड़छाड़ के मामले में आरोपी मुकेश कुमार, पुत्र रतन सिंह, निवासी गांव चुन्नर, तहसील पच्छाद, जिला सिरमौर को आईपीसी की धारा 354 के तहत दोषी करार देते हुए एक साल के कठोर कारावास व 5 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है. जुर्माना न अदा करने की सूरत में दोषी को 4 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. इसके अलावा दोषी को एससी-एसटी अधिनियम के तहत भी एक साल के कठोर कारावास व 2500 रुपये जुर्माना अदा करने के आदेश जारी किए. यह जुर्माना भी अदा न करने पर दोषी को 2 महीने का अतिरिक्त साधारण कारवास भुगतना होगा.
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