नाहन: हिमाचल प्रदेश में अधिकांश क्षेत्रों में ठंड के चलते हरे चारे की समस्या पैदा होने लगती है और सूखे चारे का प्रयोग होता है. इसी समस्या को देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र धौलाकुआं में कृषि वैज्ञानिकों ने हरे चारे को लेकर एक प्रदर्शनी खेत तैयार किया है. इसमें पशु चारा बरसीम व मक्खन घास को लगाया गया है. ये दोनों चारे एक ही खेत में लगाए गए हैं. किसान इससे लाभान्वित हो सकते हैं. (Krishi Vigyan Kendra Dhaulakuan)
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इन दोनों घास को सूखे चारे के साथ मिलाकर पशुओं को दिया जा सकता है. इससे जहां पशु को एक संतुलित आहार भी मिलेगा, तो वहीं सर्दी में हरे चारे की समस्या भी हल हो जाएगी. कृषि विज्ञान केंद्र धौलाकुआं के वैज्ञानिक डॉ सौरभ ने बताया कि किसानों की हरे चारे की समस्या को देखते हुए यह विशेष हरा चारा तैयार किया गया है. इसमें बरसीम व मक्खन घास लगाया गया है, जो पशुओं में दूध की क्षमता को बढ़ाता है. (Agricultural Scientist Dr Saurabh)
वहीं, एक गुणवत्तापूर्ण चारा भी माना जाता है. इसमें एक और विशेषता होती है, जैसे अगर बरसीम को अपने काट लिया है, तो तब तक मक्खन घास काटने योग्य हो जाता है. इसे किसान सूखे चारे में मिलाकर पशुओं को दे सकते हैं. उन्होंने बताया कि जैसे कि पिछले वर्ष भी देखने में आया था कि पड़ोसी राज्यों से यहां आने वाले सूखे चारे की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई थी. ऐसी स्थिति में चारे की खेतों में उगाई यह किस्में समस्या को दूर कर सकती है. कुल मिलाकर सर्दी के मौसम में हरे चारे की समस्या का निदान इस विधि से किसान करके लाभ उठा सकते हैं.