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पुरानी परंपराओं को लुप्त होने से बचाना चाहते हैं युवा, बाजार में दिवाली के लिए आए नये डिजाइन के मिट्टी के दीये - paonta sahib market deepawali

सिरमौर के पांवटा साहिब बाजार में मिट्टी से बने दिये बाजार में नजर आ रहें हैं. मिट्टी के दीयों की दुकानों में लोगों का तांता अभी से लग रहा है.

paonta sahib market
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Published : Oct 21, 2019, 5:56 PM IST

पांवटा साहिब: जिला सिरमौर के पांवटा साहिब बाजार में मिट्टी से बने दीयों बाजार में नजर आ रहें हैं. मिट्टी के दीयों की दुकानों में लोगों का तांता अभी से लग रहा है. लोगों का मानना है कि हमारी पुरानी परंपराएं लुप्त हो रही हैं. लोग चाइनीज लड़ियों और चीजों का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं, लेकिन अगर दिवाली पर मिट्टी के दीये से घर को रोशन किया जाए तो घर में खुशहाली आती है.

वहीं दुकानदार रामपाल ने भी कहा कि दिवाली में मिट्टी के दीयों से ही पूजा की जाती है. उन्होंने कहा कि पिछले 40 साल से वे मिट्टी के दीये बेचने का वह कार्य कर रहे हैं

वीडियो

बता दें कि कुछ दिनों बाद दिवाली का त्योहार आने वाला है. दिवाली के लिए लोग चाइनीज सामान के बहिष्कार के बीच पारंपरिक कुम्हार द्वारा तैयार किए गए मिट्टी के दीये और मटके खरीद रहे हैं. साथ ही दिवाली के लिए लक्ष्मी, गणेश की मूर्तियों के अलावा मिट्टी के दीयों और घड़े की दुकानों ने फुटपाथ घेर लिया है. भीड़ से बचने के लिए लोगों ने अभी से ही मूर्तियों को खरीदना शुरू कर दिया है.

ये भी पढ़ें: ETV भारत Exclusive: कैसा विधायक चाहती है पच्छाद की जनता, किन मुद्दों पर किया मतदान

पांवटा साहिब: जिला सिरमौर के पांवटा साहिब बाजार में मिट्टी से बने दीयों बाजार में नजर आ रहें हैं. मिट्टी के दीयों की दुकानों में लोगों का तांता अभी से लग रहा है. लोगों का मानना है कि हमारी पुरानी परंपराएं लुप्त हो रही हैं. लोग चाइनीज लड़ियों और चीजों का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं, लेकिन अगर दिवाली पर मिट्टी के दीये से घर को रोशन किया जाए तो घर में खुशहाली आती है.

वहीं दुकानदार रामपाल ने भी कहा कि दिवाली में मिट्टी के दीयों से ही पूजा की जाती है. उन्होंने कहा कि पिछले 40 साल से वे मिट्टी के दीये बेचने का वह कार्य कर रहे हैं

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बता दें कि कुछ दिनों बाद दिवाली का त्योहार आने वाला है. दिवाली के लिए लोग चाइनीज सामान के बहिष्कार के बीच पारंपरिक कुम्हार द्वारा तैयार किए गए मिट्टी के दीये और मटके खरीद रहे हैं. साथ ही दिवाली के लिए लक्ष्मी, गणेश की मूर्तियों के अलावा मिट्टी के दीयों और घड़े की दुकानों ने फुटपाथ घेर लिया है. भीड़ से बचने के लिए लोगों ने अभी से ही मूर्तियों को खरीदना शुरू कर दिया है.

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Intro:मिट्टी के दीयों से होंगे घर रोशन
बाजार में लोगों मिट्टी के बर्तन लेने उत्सुक
पुरानी परंपराओं को लुप्त होने से बचाना चाहते हैं युवा
नई नई डिजाइन के आय मिट्टी के दिए और बर्तन बाजार में


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दिवाली पर इस बार मिट्टी के दिये से रोशनी होगी चाइनीस सामान के बहिष्कार के बीच पारंपरिक कुमार द्वारा तैयार किए गए नई नई आकृति के मिट्टी के दिए मटके खरीदे जा रहे हैं बता दें कि कई नए रूपों में बाजार में उतरे मिट्टी के दीए व अन्य की डिमांड बार-बार मार्केट में बढ़ रही है दिवाली के लिए लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां के अलावा मिट्टी के दिए और घड़े की दुकानों फुटपाथ घेर लिया है भीड़ से बचने के लिए लोग अभी से ही मूर्तियों को खरीदना शुरू कर दिया है मिट्टी के दिए मोमबत्ती सजावटी सामान की बिक्री अभी से काफी तेज हो गई है जिसके चलते बाजार में काफी भीड़ है

जिला सिरमौर के पांवटा साहिब बाजार में मिट्टी से बने दिए बाजार में नजर आ रहे हैं मिट्टी के दीयों की दुकानों में भी लोगों का ताका नजर आ रहा है लोगों का मानना है कि पुरानी परंपराएं हमारी लुप्त हो रही है लोग चाइनीस लड़कियों व चाइनीस चीजों का इस्तेमाल ज्यादा कर रहे हैं लेकिन अगर मिट्टी के दीए से घर को रोशन किया जाए तो घर में खुशहाली आती है
जैसे ही चाइनीस वस्तुएं में बाजार में आई हमारी पुरानी हर परंपरा लुप्त हो गई थी इसे भी बचाने के लिए अब युवा पीढ़ी आगे आ रही है

वहीं दुकानदारों ने भी कहा कि दिवाली मैं मिट्टी दियो से ही पूजा की जाती है पिछले 40 साल से मिट्टी के दीए बेचने का वह कार्य कर रहे हैं और उन्हें लगता है कि अगर मिट्टी की देवी पूजा की जाए तो शुभ माना जाता है ।




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