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पांवटा अस्पताल की बड़ी लापरवाही, कोरोना जांच में इस्तेमाल ग्लब्ज खुले डस्टबिन में फेंके

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Published : Aug 7, 2020, 1:55 PM IST

सिविल अस्पताल पांवटा में कोरोना वायरस के बीच बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. यहां लोगों की कोरोना वायरस की जांच की जा रही है. जांच में इस्तेमल ग्लब्ज और अन्य बेस्ट डस्टबिन में डाला जा रहा है, जबकि नियमों के मुताबिक इस्तेमाल किए जाने वाले ग्लब्ज और दूसरे वेस्ट का बायो डाइवर्सिटी सिस्टम से निपटान किया जाता है.

Gloves used in corona examination
कोरोना जांच में इस्तेमाल ग्लब्ज

पांवटा साहिब: सिविल अस्पताल पांवटा में कोरोना वायरस के बीच बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. यहां लोगों की कोरोना वायरस की जांच की जा रही है. जांच में इस्तेमल ग्लब्ज और अन्य बेस्ट डस्टबिन में डाला जा रहा है, जबकि नियमों के मुताबिक इस्तेमाल किए जाने वाले ग्लब्ज और दूसरे वेस्ट का बायो डाइवर्सिटी सिस्टम से निपटान किया जाता है.

गुरुवार रात करीब 9 बजे तक यह डस्टबिन खुले हुए थे. इसकी एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई हुई थी, इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और तुरंत यहां से वेस्ट को हटाया गया. बता दें कि कुछ दिन पहले ही यहां पर कोविड-19 टेस्ट के लिए मशीन लगाई गई हैं. इसके चलते यहां पर भी कोरोना की जांच की जा रही है. इसलिए दो डस्टबिन रखे गए हैं, जहां कोरोना जांच के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले ग्लब्स व अन्य वेस्ट डाला जा रहा है.

वीडियो

पांवटा सिविल अस्पताल के इंचार्ज संजीव सहगल ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में शुक्रवार सुबह पहुंचा है. इस पर तुरंत कार्रवाई भी कर दी गई थी. उन्होंने कहा कि गुरुवार को देरी से कोरोना सैंपलिंग की गई, जिसके चलते यह वेस्ट कूड़ेदान के आसपास पड़ा था. वहीं, संजीव सहगल ने स्टाफ को कोताही न बरतने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि ऐसी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

हालांकि, प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम भी यहां पर मौके पर पहुंची. पर्यावरण विभाग के एस‌डीओ डॉ. हितेंद्र शर्मा ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में सोशल मीडिया के माध्यम से आया. इस पर उन्होंने अस्पताल में जाकर इंस्पेक्शन किया. साथ ही पांवटा सिविल अस्पताल में ऐसी गलती दोबारा ना करने के बारे में नोटिस दिया गया है.

पांवटा साहिब: सिविल अस्पताल पांवटा में कोरोना वायरस के बीच बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. यहां लोगों की कोरोना वायरस की जांच की जा रही है. जांच में इस्तेमल ग्लब्ज और अन्य बेस्ट डस्टबिन में डाला जा रहा है, जबकि नियमों के मुताबिक इस्तेमाल किए जाने वाले ग्लब्ज और दूसरे वेस्ट का बायो डाइवर्सिटी सिस्टम से निपटान किया जाता है.

गुरुवार रात करीब 9 बजे तक यह डस्टबिन खुले हुए थे. इसकी एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई हुई थी, इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और तुरंत यहां से वेस्ट को हटाया गया. बता दें कि कुछ दिन पहले ही यहां पर कोविड-19 टेस्ट के लिए मशीन लगाई गई हैं. इसके चलते यहां पर भी कोरोना की जांच की जा रही है. इसलिए दो डस्टबिन रखे गए हैं, जहां कोरोना जांच के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले ग्लब्स व अन्य वेस्ट डाला जा रहा है.

वीडियो

पांवटा सिविल अस्पताल के इंचार्ज संजीव सहगल ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में शुक्रवार सुबह पहुंचा है. इस पर तुरंत कार्रवाई भी कर दी गई थी. उन्होंने कहा कि गुरुवार को देरी से कोरोना सैंपलिंग की गई, जिसके चलते यह वेस्ट कूड़ेदान के आसपास पड़ा था. वहीं, संजीव सहगल ने स्टाफ को कोताही न बरतने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि ऐसी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

हालांकि, प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम भी यहां पर मौके पर पहुंची. पर्यावरण विभाग के एस‌डीओ डॉ. हितेंद्र शर्मा ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में सोशल मीडिया के माध्यम से आया. इस पर उन्होंने अस्पताल में जाकर इंस्पेक्शन किया. साथ ही पांवटा सिविल अस्पताल में ऐसी गलती दोबारा ना करने के बारे में नोटिस दिया गया है.

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