नाहन: डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की कहीं न कहीं पोल अक्सर खुलती रहती है. इसी कड़ी में मेडिकल कॉलेज की गायनी ओपीडी भी इन दिनों चर्चा में है. यहां गायनी ओपीडी महज एक चिकित्सक के सहारे चल रही है.
लिहाजा जिला के दूरदराज क्षेत्रों से मेडिकल कॉलेज में पहुंचने वाली महिलाओं को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल जिला मुख्यालय नाहन स्थित इस मेडिकल कॉलेज में गायनी की रोजाना करीब 100 से 120 ओपीडी होती हैं. ड्यूटी पर तैनात ओपीडी में एक ही डॉक्टर के लिए 120 महिलाओं को चेक करना मुश्किल है.
घंटों का इंतजार भी करना पड़ता है
गायनी के यहां 3 डॉक्टर तैनात हैं, जिनमें से एक की ड्यूटी ऑपरेशन थिएटर में होती है, तो दूसरे डॉक्टर की ड्यूटी इमरजेंसी में लगी होती है. लिहाजा केवल एक ही डॉक्टर गायनी ओपीडी को संभाल रहा है. ऐसे में महिलाओं को उपचार के लिए घंटों का इंतजार भी करना पड़ता है.
हैरान कर देने वाली बात तो यह भी है कि एमसीआई की गाइड लाइन्स के मुताबिक भी मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के पद नहीं भरे गए हैं. उधर इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. एनके महेंद्रु ने बताया कि हाल ही में गायनी के डॉक्टरों का एक साक्षात्कार रखा गया गया था.
स्टाफ की कमी से परेशानी
साक्षात्कार में एक डॉक्टर का चयन किया गया है, जो जनवरी माह में ड्यूटी ज्वाइन करेंगे. उन्होंने बताया कि इस डॉक्टर के ज्वाइन करने से गायनी के यहां 4 डॉक्टर हो जाएंगे. गायनी के 4 डॉक्टर होने से यहां मरीजों को जो समस्या पेश आ रही है, उसका काफी हद तक समाधान हो जाएगा. प्रिंसिपल ने माना कि मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की कमी से परेशानी जरूर हो रही है.
बावजूद इसके मौजूदा स्टाफ के माध्यम से गायनी ओपीडी में सभी मरीजों को देखा जरूर जा रहा है. डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में कुल 6 पद स्वीकृत है, जिनमें से 3 पद पिछले लंबे समय से रिक्त चल रहे हैं.
बेशक सरकार सहित स्थानीय नेता नाहन मेडिकल कॉलेज को लेकर कितनें ही बड़े-बड़े दावे करते नहीं थकते, लेकिन हकीकत यह है कि अब भी इस मेडिकल कॉलेज में मरीजों को कई सुविधाएं नहीं मिल पा रही है और स्टाफ की कमी भी किसी से छिपी नहीं है, जोकि चिंता का विषय जरूर है.