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युवाओं ने पेश की मिसाल, श्रमदान कर सैनवाला में जल संरक्षण के लिए बना दिया विशाल तालाब

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Published : Aug 13, 2019, 10:43 PM IST

सिरमौर जिला के के नाहन क्षेत्र में युवाओं ने एकग प्राचीन जल स्त्रोत को जीवित कर दिखाया है. नेहरू युवा केंद्र के तहत युवा मंडल व एनएसएस के स्वयंसेवकों ने मिलकर इस तालाब को उपयोग योग्य बनाने का काम किया है.

प्राचीन जल स्त्रोतों को किया युवाओं ने जीवित

नाहन: भारत सरकार के महत्वकांशी जल संरक्षण अभियान में अब युवा वर्ग भी शामिल हो गया है. युवा वर्ग अपने साहस व परिश्रम से प्राचीन जल स्त्रोतों को जीवित करने में जुट गया है. सिरमौर जिला के नाहन क्षेत्र में सैनवाला गांव के युवाओं ने प्राचीन जल स्त्रोतों को जीवित करने का काम कर दिखाया है. सैनवाला गांव में स्कूल के पीछे जंगल के ऊपरी हिस्से में एक प्राचीन तालाब था, जोकि देखरेख के अभाव में समाप्त हो चुका था.

युवा
प्राचीन जल स्त्रोतों को जीवित करने का कार्य करते हुए युवा

जानकारी के अनुसार नेहरू युवा केंद्र सिरमौर ने पहल करते हुए पंचायत के साथ मिलकर यहां पर एक श्रमदान जल संरक्षण शिविर का आयोजन किया और तीन दिनों में इस तालाब को उपयोग योग्य बना दिया. युवा मंडल व एनएसएस के स्वयंसेवक मिलकर इस तालाब को उपयोग योग्य बनाने में काम कर रहे थे. नेहरू युवा केंद्र द्वारा इस प्रकार के 7 तालाब और बनाए जाएंगे.

वीडियो

वहीं नेहरू युवा केंद्र के प्रभारी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि युवा केंद्र ने यहां पर तीन दिवसीय शिविर लगाया था और आज यह उसी का परिणाम है कि प्राचीन तालाब दोबारा उपयोग करने योग्य बन गया है. उन्होंने कहा कि भविष्य में इस अभियान के तहत ओर भी जल संरक्षण के कार्य किए जाएगें.

ये भी पढ़ें: 'चायवाला' सुनते ही अब भी कितना भड़कते हैं मणिशंकर, यकीन न हो तो देख लीजिए वीडियो

उधर नेहरू युवा केंद्र के युवाओं ने बताया कि जल स्त्रोत हमारे लिए बहुत आवश्यक है. लोग इस अभियान से जुड़ रहे हैं, ताकि सभी जगह पर जल का संरक्षण किया जा सके. युवाओं ने अन्य लोगों को भी इस अभियान में सहयोग देने की अपील की है. इससे स्पष्ट होता है कि युवाओं में भी जल सरंक्षण को लेकर एक विशेष जोश है, जिससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए.

नाहन: भारत सरकार के महत्वकांशी जल संरक्षण अभियान में अब युवा वर्ग भी शामिल हो गया है. युवा वर्ग अपने साहस व परिश्रम से प्राचीन जल स्त्रोतों को जीवित करने में जुट गया है. सिरमौर जिला के नाहन क्षेत्र में सैनवाला गांव के युवाओं ने प्राचीन जल स्त्रोतों को जीवित करने का काम कर दिखाया है. सैनवाला गांव में स्कूल के पीछे जंगल के ऊपरी हिस्से में एक प्राचीन तालाब था, जोकि देखरेख के अभाव में समाप्त हो चुका था.

युवा
प्राचीन जल स्त्रोतों को जीवित करने का कार्य करते हुए युवा

जानकारी के अनुसार नेहरू युवा केंद्र सिरमौर ने पहल करते हुए पंचायत के साथ मिलकर यहां पर एक श्रमदान जल संरक्षण शिविर का आयोजन किया और तीन दिनों में इस तालाब को उपयोग योग्य बना दिया. युवा मंडल व एनएसएस के स्वयंसेवक मिलकर इस तालाब को उपयोग योग्य बनाने में काम कर रहे थे. नेहरू युवा केंद्र द्वारा इस प्रकार के 7 तालाब और बनाए जाएंगे.

वीडियो

वहीं नेहरू युवा केंद्र के प्रभारी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि युवा केंद्र ने यहां पर तीन दिवसीय शिविर लगाया था और आज यह उसी का परिणाम है कि प्राचीन तालाब दोबारा उपयोग करने योग्य बन गया है. उन्होंने कहा कि भविष्य में इस अभियान के तहत ओर भी जल संरक्षण के कार्य किए जाएगें.

ये भी पढ़ें: 'चायवाला' सुनते ही अब भी कितना भड़कते हैं मणिशंकर, यकीन न हो तो देख लीजिए वीडियो

उधर नेहरू युवा केंद्र के युवाओं ने बताया कि जल स्त्रोत हमारे लिए बहुत आवश्यक है. लोग इस अभियान से जुड़ रहे हैं, ताकि सभी जगह पर जल का संरक्षण किया जा सके. युवाओं ने अन्य लोगों को भी इस अभियान में सहयोग देने की अपील की है. इससे स्पष्ट होता है कि युवाओं में भी जल सरंक्षण को लेकर एक विशेष जोश है, जिससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए.

Intro:-श्रमदान जल संरक्षण शिविर के तहत युवा मंडलों ने प्राचीन तालाब का किया जीर्णोधार 
नाहन। भारत सरकार के महत्वकांशी जल संरक्षण अभियान में अब युवा वर्ग भी जुड़ गया है और अपने साहस व परिश्रम से प्राचीन जल स्त्रोतों को जीवित करने में जुट गया है। 


Body:दरअसल ऐसा ही एक कार्य सिरमौर जिला के नाहन क्षेत्र के तहत गांव सैनवाला में युवाओं ने कर दिखाया है। इस गांव में सैनवाला स्कूल के पीछे उपरी हिस्से के जंगल में एक प्राचीन तालाब था, जोकि देखरेख के अभाव में समाप्त हो चुका था। इसके बाद नेहरू युवा केंद्र सिरमौर ने एक पहल करते हुए पंचायत के साथ मिलकर यहां पर एक श्रमदान जल संरक्षण शिविर का आयोजन किया और तीन दिनों में इस तालाब को उपयोग योग्य बना दिया। युवा मंडलों, एनएसएस के स्वयंसेवकों ने मिलकर कार्य किया और अब यह तालाब देखने लायक व उपयोग योग्य बन गया है। 
वहीं नेहरू युवा केंद्र के प्रभारी सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि युवा केंद्र ने यहां पर तीन दिवसीय शिविर लगाया और आज उसी का ही परिणाम है कि यह प्राचीन तालाब दोबारा बन गया है। अभी इस अभियान के तहत अनेक जल संरक्षण के कार्य किए जाने हैं। 
बाइट 1: सुरेंद्र शर्मा, प्रभारी, नेहरू युवा केंद्र 

उधर नेहरू युवा केंद्र के युवाओं ने बताया कि जल स्त्रोत हमारे लिए बहुत आवश्यक है। लोग इस अभियान से जुड़े हैं, ताकि सभी जगह पर जल का संरक्षण किया जा सके। युवाओं ने बताया कि जल संरक्षण एक बहुत अभियायन है और वह अन्य लोगों को भी इसमें सहयोग देने की अपील करेंगे। 
बाइट 2 व 3 : युवा, नेहरू युवा केंद्र 


Conclusion:बता दें कि नेहरू युवा केंद्र द्वारा अभी इस प्रकार के 7 तालाब ओर बनाए जाने हैं। इससे स्पष्ट होता है कि युवाओं में भी जल सरंक्षण को लेकर एक विशेष जोश देखा जा रहा है, जिससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
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