पांवटा साहिब: देशभर में लगे लॉकडाउन से हर वर्ग बूरी तरह प्रभावित हुआ है. गर्मियों का सीजन शुरू होते ही देश-प्रदेश में लोग आइसक्रीम और कुल्फी का भरपूर आनंद उठाते हैं, लेकिन इस साल की गर्मियां में लोग आइसक्रीम का लुत्फ नहीं उठा पा रहे हैं.
प्रदेश में सर्दियों के खत्म होते ही मार्च महीने से आइसक्रीम का सीजन शुरू हो जाता है. गर्मी के सीजन से जुड़े इस कारोबार पर कोरोना की ऐसी मार पड़ी है कि इन दिनों चांदी काटने वाले कारोबारी भी हाथ मल रहे हैं.
पांवटा साहिब के दो कारोबारी आइसक्रीम का कारोबार करते हैं, लेकिन इस बार इन कारोबारियों पर कोरना की ऐसी मार पड़ी की घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो गया है. पांवटा साहिब में आइसक्रीम के यह दो उद्यमी लक्ष्मी आजाद से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता था, लेकिन लॉकडाउन ने कामगारों के साथ-साथ इनके पेट पर भी लात मार दी.
लॉकडाउन के कारण बर्फ बनाने वाली फैक्ट्रियों की मशीनें जंग खा रही है. कई मजदूर और कारीगर लॉकडाउन में घर लौट चुके हैं जो वापस काम पर आना चाहते हैं. उन्हें भी आने से इनकार किया जा रहा है क्योंकि इन दिनों सब शून्य पर सिमट गया है.
आइसक्रीम के कारोबार से जुड़े लोगों की मानें तो एक कारोबारी इस सीजन में हजारों आइक्रीम और करीब 100 बर्फ की सिल्लियां बेचता था, लेकिन कोरोना ने लाखों के कारोबार को सिफर पर ला दिया है. कारोबार से जुड़े सैकड़ों लोगों के सामने जैसे कंगाली आकर खड़ी हो गई है.
आइसक्रीम कारोबार से जुड़े सैकड़ों लोगों के अब अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है. साल भर में चार-पांच महीने ही इनकी अच्छी आमदनी हो जाती थी, लेकिन इस बार कोरोना वायरस की मार ने इन्हें बेबस बना दिया है.