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Shanan Power Project: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिए आदेश, शानन पावर प्रोजेक्ट के स्वामित्व पर लें फैसला - punjab and himachal Shanan hydro power project

हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि शानन पावर प्रोजेक्ट के स्वामित्व पर फैसला लें. वहीं, कोर्ट ने इसके लिए ऊर्जा मंत्रालय को 2 माह का समय दिया है. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal Pradesh High Court) (Shanan Power Project) (Punjab vs Himachal on Shanan hydro power project)

Himachal Pradesh High Court
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट (फाइल फोटो).
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 14, 2023, 6:25 PM IST

Updated : Sep 14, 2023, 8:14 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को शानन पावर प्रोजेक्ट के स्वामित्व पर फैसला लेने के आदेश दिए हैं. अदालत ने इसके लिए केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय को 2 महीने का समय दिया है. न्यायाधीश संदीप शर्मा ने केंद्र सरकार से आशा जताई है कि दो राज्य के लंबे झगड़े को शीघ्र सुलझाया जाएगा. कोर्ट ने ऊर्जा मंत्रालय को आदेश दिए हैं कि वह फैसला लेने से पहले सभी पक्षकारों को सुनवाई का मौका दे.

याचिका में बताया गया था कि उक्त परियोजना प्रदेश के जिला मंडी में मौजूद है जो हिमाचल प्रदेश के क्षेत्र में आती है, लेकिन 15 अगस्त 1947 से 9 अप्रैल 1965 तक पंजाब ने बिना किसी औचित्य के उपर्युक्त परियोजना पर कब्जा कर लिया, जबकि उक्त परियोजना हिमाचल प्रदेश राज्य और यहां की आम जनता की है. यह हिमाचल प्रदेश के क्षेत्र में है और इसे हिमाचल के पानी से चलाया जा रहा है.

प्रार्थी ने आरोप लगाया था कि साल 1965 और 1975 में हुए समझौतों के तहत हिमाचल सरकार और इसकी जनता के हितों पर ध्यान नहीं दिया गया. याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि हिमाचल एक छोटा राज्य है, जिसके पास सीमित आय के स्रोत हैं और उक्त परियोजना की आय प्रति वर्ष 100 करोड़ से ज्यादा है. यदि उक्त परियोजना हिमाचल सरकार को सौंप दी जाती है तो प्रदेश की आम जनता के साथ साथ राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों को मंडी शहर की आम जनता को मुफ्त बिजली प्रदान करने और उक्त परियोजना की पूरी आय का भुगतान प्रदेश सरकार को करने के लिए निर्देशित करने की मांग की थी.

क्या है पूरा मामला- दरअसल हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंदरनगर में शानन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट है. जो इस समय पंजाब के अधीन है और मार्च 2024 में इस प्रोजेक्ट की 99 साल की लीज खत्म होने वाली है. समझौते के अनुसार अगले साल ये प्रोजेक्ट हिमाचल का हो जाएगा.

योजना का इतिहास- ब्रिटिश राज के दौरान मार्च 1925 में मंडी रियासत के राजा जोगेंद्र सेन ने अंग्रेज हुकूमत के साथ समझौता किया था. जिसके मुताबिक प्रोजेक्ट को 99 साल के लिए लीज पर दिया गया. समझौते के अनुसार 99 साल बाद ये प्रोजेक्ट उसी प्रदेश की सरकार को मिलेगा जिस धरती पर ये होगा. आजादी के बाद भी करीब 20 साल हिमाचल प्रदेश तत्कालीन संयुक्त पंजाब का हिस्सा था. साल 1966 में पंजाब पुनर्गठन एक्ट के तहत पंजाब से हिमाचल और हरियाणा राज्य बने.

मंडी के जोगिंदरनगर में स्थित शानन पावर प्रोजेक्ट हिमाचल के हिस्से में आया, लेकिन हिमाचल में राज्य बिजली बोर्ड अस्तित्व में नहीं था इसलिए ये प्रोजेक्ट पंजाब बिजली बोर्ड को ट्रांसफर हुआ था और राज्य बनने के बाद भी इसका स्वामित्व पंजाब के हिस्से गया, लेकिन अब इस प्रोजेक्ट की लीज अवधि पूरी होने वाली है और हिमाचल सरकार इसे वापस लेने की जद्दोजहद में जुटी है.

बीते वक्त में शानन पावर प्रोजेक्ट को लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पंजाब के सीएम भगवंत मान से भी मुलाकात कर चुके हैं. हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी इस प्रोजेक्ट पर पंजाब के अधिकार को अन्यायपूर्ण बताते रहे हैं. अब हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने भी केंद्र सरकार को इस प्रोजेक्ट के स्वामित्व पर फैसला लेने के आदेश दिए हैं. अब हिमाचल हाई कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार के साथ पंजाब सरकार के रुख पर नजरें टिक गई हैं.

ये भी पढ़ें- Himachal Cabinet Meeting Decisions: पुलिस कांस्टेबलों के 1226 पद भरने की मंजूरी, इस फैसलों पर लगी मुहर

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को शानन पावर प्रोजेक्ट के स्वामित्व पर फैसला लेने के आदेश दिए हैं. अदालत ने इसके लिए केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय को 2 महीने का समय दिया है. न्यायाधीश संदीप शर्मा ने केंद्र सरकार से आशा जताई है कि दो राज्य के लंबे झगड़े को शीघ्र सुलझाया जाएगा. कोर्ट ने ऊर्जा मंत्रालय को आदेश दिए हैं कि वह फैसला लेने से पहले सभी पक्षकारों को सुनवाई का मौका दे.

याचिका में बताया गया था कि उक्त परियोजना प्रदेश के जिला मंडी में मौजूद है जो हिमाचल प्रदेश के क्षेत्र में आती है, लेकिन 15 अगस्त 1947 से 9 अप्रैल 1965 तक पंजाब ने बिना किसी औचित्य के उपर्युक्त परियोजना पर कब्जा कर लिया, जबकि उक्त परियोजना हिमाचल प्रदेश राज्य और यहां की आम जनता की है. यह हिमाचल प्रदेश के क्षेत्र में है और इसे हिमाचल के पानी से चलाया जा रहा है.

प्रार्थी ने आरोप लगाया था कि साल 1965 और 1975 में हुए समझौतों के तहत हिमाचल सरकार और इसकी जनता के हितों पर ध्यान नहीं दिया गया. याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि हिमाचल एक छोटा राज्य है, जिसके पास सीमित आय के स्रोत हैं और उक्त परियोजना की आय प्रति वर्ष 100 करोड़ से ज्यादा है. यदि उक्त परियोजना हिमाचल सरकार को सौंप दी जाती है तो प्रदेश की आम जनता के साथ साथ राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों को मंडी शहर की आम जनता को मुफ्त बिजली प्रदान करने और उक्त परियोजना की पूरी आय का भुगतान प्रदेश सरकार को करने के लिए निर्देशित करने की मांग की थी.

क्या है पूरा मामला- दरअसल हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंदरनगर में शानन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट है. जो इस समय पंजाब के अधीन है और मार्च 2024 में इस प्रोजेक्ट की 99 साल की लीज खत्म होने वाली है. समझौते के अनुसार अगले साल ये प्रोजेक्ट हिमाचल का हो जाएगा.

योजना का इतिहास- ब्रिटिश राज के दौरान मार्च 1925 में मंडी रियासत के राजा जोगेंद्र सेन ने अंग्रेज हुकूमत के साथ समझौता किया था. जिसके मुताबिक प्रोजेक्ट को 99 साल के लिए लीज पर दिया गया. समझौते के अनुसार 99 साल बाद ये प्रोजेक्ट उसी प्रदेश की सरकार को मिलेगा जिस धरती पर ये होगा. आजादी के बाद भी करीब 20 साल हिमाचल प्रदेश तत्कालीन संयुक्त पंजाब का हिस्सा था. साल 1966 में पंजाब पुनर्गठन एक्ट के तहत पंजाब से हिमाचल और हरियाणा राज्य बने.

मंडी के जोगिंदरनगर में स्थित शानन पावर प्रोजेक्ट हिमाचल के हिस्से में आया, लेकिन हिमाचल में राज्य बिजली बोर्ड अस्तित्व में नहीं था इसलिए ये प्रोजेक्ट पंजाब बिजली बोर्ड को ट्रांसफर हुआ था और राज्य बनने के बाद भी इसका स्वामित्व पंजाब के हिस्से गया, लेकिन अब इस प्रोजेक्ट की लीज अवधि पूरी होने वाली है और हिमाचल सरकार इसे वापस लेने की जद्दोजहद में जुटी है.

बीते वक्त में शानन पावर प्रोजेक्ट को लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पंजाब के सीएम भगवंत मान से भी मुलाकात कर चुके हैं. हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी इस प्रोजेक्ट पर पंजाब के अधिकार को अन्यायपूर्ण बताते रहे हैं. अब हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने भी केंद्र सरकार को इस प्रोजेक्ट के स्वामित्व पर फैसला लेने के आदेश दिए हैं. अब हिमाचल हाई कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार के साथ पंजाब सरकार के रुख पर नजरें टिक गई हैं.

ये भी पढ़ें- Himachal Cabinet Meeting Decisions: पुलिस कांस्टेबलों के 1226 पद भरने की मंजूरी, इस फैसलों पर लगी मुहर

Last Updated : Sep 14, 2023, 8:14 PM IST
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