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गलत प्रमाण पत्र जारी करना पड़ा मंहगा, नायब तहसीलदार व पटवारियों के खिलाफ जांच के आदेश - नायब तहसीलदार व पटवारियों के खिलाफ जांच के आदेश

सिरमौर जिला में नायब तहसीलदार व पटवारियों को आय संबंधी गलत प्रमाण पत्र जारी करने पर हाईकोर्ट ने आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है.

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Published : Oct 5, 2019, 9:21 PM IST

सिरमौर: जिला में आय संबंधी गलत प्रमाण पत्र जारी करना नायब तहसीलदार व पटवारियों को महंगा पड़ गया. हाईकोर्ट ने इन कर्मियों के खिलाफ विभागीय व आपराधिक कार्रवाई करने के आदेश दिए है.

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने आंगनबाड़ी सहायक की नियुक्ति को रद्द करते हुए जिलाधीश सिरमौर को आदेश दिए हैं कि वह प्रमाण पत्र जारी करने वाले हरिपुरधार के नायब तहसीलदार और संबंधित पटवारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करें. वहीं, कोर्ट ने 31 मार्च 2020 तक विभागीय जांच को अंतिम रूप दिए जाने के आदेश जारी किए है.

कोर्ट के अनुसार उपरोक्त सोसाइटी ने प्रतिवादी अनिता देवी को नर्सरी टीचर ट्रेनिंग को झूठा अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया था. जिसको लेकर न्यायालय ने उपायुक्त सिरमौर को आदेश जारी किए हैं कि मामले से संबंधित सारे रिकॉर्ड एकत्रित करने के बाद इसकी कॉपी पुलिस अधीक्षक सिरमौर को सौंपी जानी चाहिए.

कोर्ट ने मामले को लेकर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि उपरोक्त अधिकारी व कर्मचारी शायद यह भूल गए है कि सरकारी कार्यालय सदुपयोग के लिए बनाए गए हैं न कि दुरुपयोग करने के लिए. इन्हें चलाने वाले इस नियम को भंग करते हैं, तो देश का कानून उनके ऊपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी.

बता दें कि सुनवाई के दौरान प्रार्थी कौशल्या देवी की ओर से याचिका को वापस लेने की गुहार लगाई गई थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि सरकार में बड़ी जिम्मेदारी वाले पदों को संभाल रहे लोगों के खिलाफ जांच के दौरान सामने आई सच्चाई को नजरअंदाज करने के उद्देश्य से प्रार्थी की याचिका को वापस लेने वाली मांग को स्वीकार नही किया जा सकता.

मिली जानकारी के अनुसार कोर्ट ने जांच के दौरान यह पाया कि नायब तहसीलदार हरिपुरधार से जारी हुआ आय का प्रमाण पत्र कृषि भूमि से जुड़ी आय पर आधारित था. पटवारियों की रिपोर्ट पर तैयार किया गया यह प्रमाण पत्र वास्तविक तौर पर गलत पाया गया है. न्यायालय ने इसी जांच के आधार पर नायब तहसीलदार हरिपुरधार व संबंधित पटवारियों के खिलाफ विभागीय व आपराधिक कार्रवाई अमल में लाने के आदेश जारी किए हैं. मामले पर सुनवाई अब 2 अप्रैल 2020 को होगी.

सिरमौर: जिला में आय संबंधी गलत प्रमाण पत्र जारी करना नायब तहसीलदार व पटवारियों को महंगा पड़ गया. हाईकोर्ट ने इन कर्मियों के खिलाफ विभागीय व आपराधिक कार्रवाई करने के आदेश दिए है.

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने आंगनबाड़ी सहायक की नियुक्ति को रद्द करते हुए जिलाधीश सिरमौर को आदेश दिए हैं कि वह प्रमाण पत्र जारी करने वाले हरिपुरधार के नायब तहसीलदार और संबंधित पटवारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करें. वहीं, कोर्ट ने 31 मार्च 2020 तक विभागीय जांच को अंतिम रूप दिए जाने के आदेश जारी किए है.

कोर्ट के अनुसार उपरोक्त सोसाइटी ने प्रतिवादी अनिता देवी को नर्सरी टीचर ट्रेनिंग को झूठा अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया था. जिसको लेकर न्यायालय ने उपायुक्त सिरमौर को आदेश जारी किए हैं कि मामले से संबंधित सारे रिकॉर्ड एकत्रित करने के बाद इसकी कॉपी पुलिस अधीक्षक सिरमौर को सौंपी जानी चाहिए.

कोर्ट ने मामले को लेकर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि उपरोक्त अधिकारी व कर्मचारी शायद यह भूल गए है कि सरकारी कार्यालय सदुपयोग के लिए बनाए गए हैं न कि दुरुपयोग करने के लिए. इन्हें चलाने वाले इस नियम को भंग करते हैं, तो देश का कानून उनके ऊपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी.

बता दें कि सुनवाई के दौरान प्रार्थी कौशल्या देवी की ओर से याचिका को वापस लेने की गुहार लगाई गई थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि सरकार में बड़ी जिम्मेदारी वाले पदों को संभाल रहे लोगों के खिलाफ जांच के दौरान सामने आई सच्चाई को नजरअंदाज करने के उद्देश्य से प्रार्थी की याचिका को वापस लेने वाली मांग को स्वीकार नही किया जा सकता.

मिली जानकारी के अनुसार कोर्ट ने जांच के दौरान यह पाया कि नायब तहसीलदार हरिपुरधार से जारी हुआ आय का प्रमाण पत्र कृषि भूमि से जुड़ी आय पर आधारित था. पटवारियों की रिपोर्ट पर तैयार किया गया यह प्रमाण पत्र वास्तविक तौर पर गलत पाया गया है. न्यायालय ने इसी जांच के आधार पर नायब तहसीलदार हरिपुरधार व संबंधित पटवारियों के खिलाफ विभागीय व आपराधिक कार्रवाई अमल में लाने के आदेश जारी किए हैं. मामले पर सुनवाई अब 2 अप्रैल 2020 को होगी.

आय संबंधी गलत प्रमाण पत्र जारी करना नायब तहसीलदार व पटवारियों को महंगा पड़ा। हाई कोर्ट ने इन कर्मियों के खिलाफ विभागीय व आपराधिक कार्यवाही करने के आदेश दिए है।। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने आंगनवाड़ी सहायक की नियुक्ति को रद्द करते हुए जिलाधीश सिरमौर को आदेश दिए है कि वह प्रमाण पत्र जारी करने वाले हरिपुरधार के नायब तहसीलदार व संबंधित पटवारियों के खिलाफ  विभागीय जांच अमल में  लाए। कोर्ट ने 31 मार्च 2020 तक विभागीय जांच को अंतिम रूप दिए जाने के आदेश जारी किए हैं। प्रदेश उच्च न्यायालय ने नायब तहसीलदार, संबंधित पटवारियों व चाइल्ड रिलीफ एंड वुमन वेलफेयर सोसाइटी नाहन के खिलाफ अपराधिक कार्यवाही भी अमल में लाने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट के अनुसार उपरोक्त सोसाइटी ने प्रतिवादी अनिता देवी को नर्सरी टीचर ट्रेनिंग को झूठा अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया था । न्यायालय ने जिलाधीश सिरमौर को आदेश जारी किए हैं कि  वह मामले से संबंधित सारा रिकॉर्ड एकत्रित करने के पश्चात इसकी प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक सिरमौर को सौंपे। इस मामले की जांच उप पुलिस अधीक्षक के ओहदे  वाला अधिकारी करें । अगर प्रथम दृष्टया यह साबित हो जाता है कि इन लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला बनता है तो इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के पश्चात उसे अंतिम रूप तक ले जाया जाए। उपरोक्त अधिकारी व कर्मचारी शायद यह भूल गए है कि सरकारी कार्यालय जिन्हें वे चलाते है वे सदुपयोग के लिए बने हैं न कि दुरुपयोग के लिये। अगर इन्हें चलाने वाले इस नियम को भंग करते है तो देश का कानून शक्ति हीन नहीं है  यह अपना  काम करेगा और न केवल मनमाने ढंग से लिए गए निर्णय को ही रद्द करेगा बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो। हालांकि सुनवाई के दौरान प्रार्थी कौशल्या देवी की ओर से याचिका को वापस लेने की गुहार लगाई थी। मगर कोर्ट ने कहा कि मात्र जि मेदार लोगों के खिलाफ जांच के दौरान सामने आई सच्चाई को नजरअंदाज करने के उद्देश्य से प्रार्थी की याचिका को वापस लेने वाली मांग को स्वीकार नही किया जा सकता। जिलाधीश सिरमौर द्वारा न्यायालय के समक्ष दायर शपथ पत्र के अनुसार उन्होंने जांच के दौरान यह पाया कि नायब तहसीलदार हरिपुरधार ने जो आय का प्रमाण पत्र जारी किया था वह कृषि भूमि से जुड़ी आय पर आधारित था। पटवारियों की रिपोर्ट पर तैयार किया गया यह प्रमाण पत्र वास्तविक तौर पर गलत पाया गया है। न्यायालय ने इसी जांच के आधार पर नायब तहसीलदार हरिपुरधार व संबंधित पटवारियों के खिलाफ विभागीय व आपराधिक  कार्यवाही अमल में लाने के आदेश जारी किए हैं। मामले पर सुनवाई 2 अप्रैल 2020 को होगी।
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