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परिक्रमा मार्ग पर स्थित मंदिर में लगी आग, मां रेणुका जी की मूर्ति को नुकसान

हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री रेणुका जी के परिक्रमा मार्ग पर स्थित मंदिर में अचानक आग लग गई. जिससे मां रेणुका जी की मूर्ति को काफी नुकसान पहुंचा है. आग लगने के कारणों को जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Mar 29, 2023, 10:45 PM IST

Updated : Mar 30, 2023, 7:04 AM IST

नाहन: देवभूमि हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री रेणुका जी के परिक्रमा मार्ग पर सहस्त्रधारा दुधिया पानी वाले स्थान पर मंदिर में अचानक आग लग गई. आग की चपेट में आने से मां श्री रेणुका जी की मूर्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा है. आग लगने से मूर्ति काली पड़ गई है. बता दें कि यहां मां श्री रेणुका जी के इस मंदिर में माता श्री रेणुका जी की प्रतिमा भगवान परशुराम जी को दूध पिलाते हुए है. ऐसी आशंका जाहिर की जा रही है कि किसी श्रद्धालु ने दीया आदि जलाया होगा, जिससे मां की चुनरी ने आग पकड़ ली.

भक्तों को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, तो तुरंत गीले कपड़े से मूर्ति को साफ किया गया. साथ ही आस-पास झाड़ू लगाकर जले अवशेष हटा दिए गए. शाम के वक्त सेर करने निकले स्थानीय व्यक्ति इंद्र प्रकाश गोयल ने बताया कि जब वह उक्त स्थान से गुजर रहे थे, तो देखा कि आस्था का प्रतीक माता की मूर्ति के पास से धुआं निकल रहा था. ऊपर जाकर देखा तो मूर्ति में लगी मां की चुन्नरी जलकर राख हो गई थी. इससे मूर्ति को भी नुकसान पहुंचा है. गोयल ने बताया कि उन्होंने मां की मूर्ति की सफाई की और आसपास जले हुए अवशेषों को भी साफ कर दिया. उन्होंने कहा कि रेणुका जी विकास बोर्ड के अंतर्गत आने वाले इस स्थान पर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए, ताकि ऐसी घटना फिर से न हो.

प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री रेणुका जी के परिक्रमा मार्ग पर स्थित मंदिर में लगी आग.
प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री रेणुका जी के परिक्रमा मार्ग पर स्थित मंदिर में लगी आग.

मंदिर को लेकर ये है मान्यता- इस स्थान को लेकर मान्यता है कि श्री रेणुका जी तीर्थ का सहस्त्रधारा पवित्र स्थान है, जहां पर जलधारा लगातार बहती रहती है. इस स्थान को मां का दूध भी कहा जाता है. बताते है कि मां रेणुका जी ने भगवान परशुराम को यहां दूध पिलाया था. इस दूध रूपी जल को बहुत ही अमृत माना जाता है. संपूर्ण रेणुका झील का एकमात्र चश्मा जो झील से बाहर है, झील में जल भरता है. मां रेणुका रूपी मानवाकार झील का यह स्थान मां के वक्षस्थल के रूप में माना जाता है, जिसमें लगातार अमृत जलधारा बहती है. ऐसा माना जाता है कि यह पवित्र जल रोगों व पापों को मिटाने वाला है.

ये भी पढ़ें: शिमला में HRTC बस में लगी आग, टला बड़ा हादसा, सभी यात्री सुरक्षित

नाहन: देवभूमि हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री रेणुका जी के परिक्रमा मार्ग पर सहस्त्रधारा दुधिया पानी वाले स्थान पर मंदिर में अचानक आग लग गई. आग की चपेट में आने से मां श्री रेणुका जी की मूर्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा है. आग लगने से मूर्ति काली पड़ गई है. बता दें कि यहां मां श्री रेणुका जी के इस मंदिर में माता श्री रेणुका जी की प्रतिमा भगवान परशुराम जी को दूध पिलाते हुए है. ऐसी आशंका जाहिर की जा रही है कि किसी श्रद्धालु ने दीया आदि जलाया होगा, जिससे मां की चुनरी ने आग पकड़ ली.

भक्तों को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, तो तुरंत गीले कपड़े से मूर्ति को साफ किया गया. साथ ही आस-पास झाड़ू लगाकर जले अवशेष हटा दिए गए. शाम के वक्त सेर करने निकले स्थानीय व्यक्ति इंद्र प्रकाश गोयल ने बताया कि जब वह उक्त स्थान से गुजर रहे थे, तो देखा कि आस्था का प्रतीक माता की मूर्ति के पास से धुआं निकल रहा था. ऊपर जाकर देखा तो मूर्ति में लगी मां की चुन्नरी जलकर राख हो गई थी. इससे मूर्ति को भी नुकसान पहुंचा है. गोयल ने बताया कि उन्होंने मां की मूर्ति की सफाई की और आसपास जले हुए अवशेषों को भी साफ कर दिया. उन्होंने कहा कि रेणुका जी विकास बोर्ड के अंतर्गत आने वाले इस स्थान पर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए, ताकि ऐसी घटना फिर से न हो.

प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री रेणुका जी के परिक्रमा मार्ग पर स्थित मंदिर में लगी आग.
प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री रेणुका जी के परिक्रमा मार्ग पर स्थित मंदिर में लगी आग.

मंदिर को लेकर ये है मान्यता- इस स्थान को लेकर मान्यता है कि श्री रेणुका जी तीर्थ का सहस्त्रधारा पवित्र स्थान है, जहां पर जलधारा लगातार बहती रहती है. इस स्थान को मां का दूध भी कहा जाता है. बताते है कि मां रेणुका जी ने भगवान परशुराम को यहां दूध पिलाया था. इस दूध रूपी जल को बहुत ही अमृत माना जाता है. संपूर्ण रेणुका झील का एकमात्र चश्मा जो झील से बाहर है, झील में जल भरता है. मां रेणुका रूपी मानवाकार झील का यह स्थान मां के वक्षस्थल के रूप में माना जाता है, जिसमें लगातार अमृत जलधारा बहती है. ऐसा माना जाता है कि यह पवित्र जल रोगों व पापों को मिटाने वाला है.

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Last Updated : Mar 30, 2023, 7:04 AM IST
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